भोपाल. सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश में बिना OBC आरक्षण के पंचायत और स्थानीय निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया है. इस आदेश के बाद एमपी में सियासी हलचल बढ़ गयी है. इस हालात के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों एक दूसरे को दोषी ठहरा रही हैं. दोनों दलों का कहना है वो पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ठीक से पढ़ेंगे और फिर आगे क्या कदम उठाना है, उस पर विचार करेंगे.
मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण के कारण लंबे समय से अटके पंचायत और निकाय चुनावके संबंध में आज सुप्रीम कोर्ट का आदेश आते ही सियासी घमासान मच गया है. बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने में जुट गए हैं. खुद को सबसे बड़ा ओबीसी हितैषी बताने की कोशिश में सियासी दल हैं. बिना ओबीसी आरक्षण के स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर हमला बोलना शुरू कर दिया है.
प्रदेश के मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा- “आज जो हालात बने उसके पीछे कांग्रेस पार्टी जिम्मेदार है. यदि पहले ही कांग्रेस के नेता कोर्ट में नहीं जाते तो आज आरक्षण पर रोक नहीं लगती”. मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा “राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले का परीक्षण करा रही है. इसके बाद सरकार अगला कदम उठाएगी”. मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा सरकार ने पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की रिपोर्ट को कोर्ट के सामने पेश किया था. अधूरी रिपोर्ट देने पर कोर्ट की नाराजगी के बारे में मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा “ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से 1 हफ्ते का अतिरिक्त समय मांगा था. कोर्ट की अपेक्षा के मुताबिक जवाब देने के लिए समय मांगा था. लेकिन अब कोर्ट का आदेश आ चुका है. कोर्ट का आदेश सर्वोपरि है. राज्य सरकार कोर्ट के आदेश का परीक्षण कर अगला कदम उठाएगी”. मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा-सरकार पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ कराने के पक्ष में है. जरूरत पड़ी तो रिव्यू पिटिशन दाखिल की जाएगी.
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बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव कराने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कांग्रेस बीजेपी सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस में ओबीसी वर्ग के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा- “बीजेपी एमपी में आरएसएस का एजेंडा लागू करने की कोशिश में है. 56 फीसदी आबादी के साथ सरकार षड्यंत्र कर रही है. अरुण यादव ने कहा इस बात की आशंका थी कि अन्य पिछड़ा वर्ग को लेकर सरकार की घोर लापरवाही सामने आएगी. बीजेपी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का आरक्षण खत्म करने का एजेंडा लागू करने की कोशिश में है. सरकार ने आधी अधूरी रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश की है, जो ओबीसी वर्ग के साथ धोखा है. इसका जवाब 2023 के चुनाव में ओबीसी वर्ग बीजेपी को देगा. अरुण यादव ने कहा कि कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट के आदेश का परीक्षण कर रही है. जरूरत पड़ी तो कांग्रेस अपील कर सकती है.
मध्य प्रदेश में निकाय और पंचायत चुनाव के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने 15 दिन के अंदर पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने बिना ओबीसी आरक्षण के ही चुनाव कराने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद खुद को सबसे बड़ा ओबीसी हितैषी बताने की कोशिश में बीजेपी और कांग्रेस जुट गए हैं. मतलब साफ है कि अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ओबीसी सुप्रीमो कौन होगा इसकी जान तेज हो गई है.
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