मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने अपने उस पत्र पर सफाई दी है जिसे लेकर एमपी की राजनीति में बवाल मचा हुआ है. उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए ट्विटर पर लिखा कि हमारे प्रधानमंत्री तथा केंद्र सरकार के इतने महत्वपूर्ण कार्यक्रम को खराब करने की कुचेष्टा के अंतर्गत मार्च के अंतिम सप्ताह में उत्तराखंड से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री को लिखे गए मेरे एक पत्र को कल से एक समाचार पत्र में छापा और एक टीवी चैनल में दिखाया जा रहा है.
उन्होंने आगे लिखा कि कमाल यह है कि इस खबर में से समाचार पत्र ने लिखने का दिन एवं महीना गायब कर दिया तथा पत्र के अलग-अलग वाक्यों को जोड़कर एक समाचार बना दिया. इससे पत्र के असली तथ्य ही गायब हो गए हैं तथा इस तथ्य पर तो कोर्ट ने भी अपनी राय दे दी है.
उमा भारती ने लिखा कि इसलिए पत्र तथा उसका प्रसंग आज के संदर्भ में अपना अस्तित्व खो चुके हैं. किंतु, महत्वपूर्ण बात यह है कि आज का दिन इसके लिए क्यों चुना गया? यह हमारे केंद्र सरकार की छवि को खराब करने का प्रयास है तथा हमारे प्रधानमंत्री के महत्वपूर्ण उपलब्धि से ध्यान हटाने का प्रयास है.
बकौल उमा भारती कार्यक्रम की गरिमा एवं महत्व को कम करने के लिए किसी दूसरे संदर्भहीन हो गए विषय को उठाने के इस अनैतिक प्रयास की मैं निंदा करती हूं. मेरी मीडिया के सभी वर्गों से अपील है कि आज इस घोर अनैतिक चेष्टा की अनदेखी करिए. मैं कल भोपाल में हूं, इस विषय पर कल बात करूंगी.
बता दें कि उमा भारती ने इस साल मार्च में मुख्यमंत्री शिवराज से राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी विनय निगम को IAS प्रमोट करने के लिए चिट्ठी लिखी थी. उमा भारती की चिट्ठी में डीपीसी की चयन प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े किए गए थे. उमा भारती ने बताया कि इस चिट्ठी को अब एक समाचार पत्र में लिखा गया और एक चैनल में दिखाया जा रहा है, जिसका कोई औचित्य नहीं है.
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FIRST PUBLISHED : May 12, 2018, 12:46 IST