COVID-19: दिग्विजय सिंह ने CM शिवराज को लिखा पत्र, कोरोना संकट से निपटने दिया सुझाव

आज इंदौर के दौरे पर आ रहे हैं CM शिवराज (फाइल फोटो)
दिग्विजय सिंह ने अपने पत्र में लिखा कि प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों (Medical College) में साल 2008 से 2011 बैच के ऐसे डॉक्टरों की सेवा सरकार को लेना चहिए जिन की डिग्री पूरी हो चुकी हैं.
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: April 29, 2020, 11:10 PM IST
भोपाल. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कोरोना संक्रमण (COVID-19) से निपटने के लिए जहां सरकार ने डॉक्टरों, स्वास्थ्य विभाग से लेकर प्रशासनिक अमले तक को इसमें झोंक दिया है. ऐसे समय में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) को पत्र लिखकर इससे निपटने का सुझाव दिया है. दिग्विजय सिंह ने अपने पत्र में लिखा कि प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में वर्ष 2008 से 2011 बैच के ऐसे डॉक्टरों की सेवा सरकार को लेना चहिए जिनकी डिग्री पूरी हो चुकी है, लेकिन व्यापम जांच के चलते उनको अब तक डिग्री नहीं मिली है.
दिग्विजय सिंह के मुताबिक यह सभी डॉक्टर मध्य प्रदेश के मूल निवासी हैं. इनके खिलाफ किसी भी तरह की कोई एफआईआर दर्ज नहीं है और ना ही किसी तरह की जांच कोर्ट में लंबित है. ऐसे में सभी डॉक्टरों को कोरोना महामारी के संकट में सेवा के काम में लगाना चाहिए. यह सभी युवा डॉक्टर प्रदेश की जनता को हॉटस्पॉट सहित दूसरी जगह पर सेवा मुफ्त में देने को तैयार हैं.
दिग्विजय सिंह ने दी ये सलाह
दिग्विजय सिंह ने अपने पत्र में कहा है कि इस संकट में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की कमी को पूरा करने के लिए युवा डॉक्टरों की पेशकश को सरकार को मानना चाहिए. कोरोना महामारी से निपटने के लिए युवा डॉक्टरों की सेवाएं लेनी चाहिए. दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज को सुझाव दिया है कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए डॉक्टरों की सेवा लेने का फैसला प्रदेश की जनता के हित में होगा.व्यापम घोटाले को जोर-शोर से उठा चुके हैं दिग्विजय सिंह
दरअसल, दिग्विजय सिंह इससे पहले बीजेपी सरकार के खिलाफ व्यापम गड़बड़ी के मामले को जोर-शोर से उठा चुके हैं. लेकिन अब दिग्विजय सिंह का मानना है कि ऐसे डॉक्टरों की सेवा कोरोना महामारी संकट में ली जा सकती है जो बेदाग हैं, जिनके खिलाफ कोई मामला नहीं है, जिनकी डिग्री पूरी हो चुकी है और जिनको डॉक्टरी का अनुभव है. ऐसे डॉक्टर कोरोना महामारी में सरकार के लिए मददगार साबित हो सकते हैं.

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दिग्विजय सिंह के मुताबिक यह सभी डॉक्टर मध्य प्रदेश के मूल निवासी हैं. इनके खिलाफ किसी भी तरह की कोई एफआईआर दर्ज नहीं है और ना ही किसी तरह की जांच कोर्ट में लंबित है. ऐसे में सभी डॉक्टरों को कोरोना महामारी के संकट में सेवा के काम में लगाना चाहिए. यह सभी युवा डॉक्टर प्रदेश की जनता को हॉटस्पॉट सहित दूसरी जगह पर सेवा मुफ्त में देने को तैयार हैं.
दिग्विजय सिंह ने दी ये सलाह
दिग्विजय सिंह ने अपने पत्र में कहा है कि इस संकट में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की कमी को पूरा करने के लिए युवा डॉक्टरों की पेशकश को सरकार को मानना चाहिए. कोरोना महामारी से निपटने के लिए युवा डॉक्टरों की सेवाएं लेनी चाहिए. दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज को सुझाव दिया है कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए डॉक्टरों की सेवा लेने का फैसला प्रदेश की जनता के हित में होगा.व्यापम घोटाले को जोर-शोर से उठा चुके हैं दिग्विजय सिंह
दरअसल, दिग्विजय सिंह इससे पहले बीजेपी सरकार के खिलाफ व्यापम गड़बड़ी के मामले को जोर-शोर से उठा चुके हैं. लेकिन अब दिग्विजय सिंह का मानना है कि ऐसे डॉक्टरों की सेवा कोरोना महामारी संकट में ली जा सकती है जो बेदाग हैं, जिनके खिलाफ कोई मामला नहीं है, जिनकी डिग्री पूरी हो चुकी है और जिनको डॉक्टरी का अनुभव है. ऐसे डॉक्टर कोरोना महामारी में सरकार के लिए मददगार साबित हो सकते हैं.
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