एक वेबिनार में डॉ सचिन नायक की विराट कोहली से बातचीत हुई थी.
भोपाल.मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के कोरोना वॉरियर (Corona warrior) डॉ सचिन नायक एक बार फिर सुर्खियों में हैं.इस बार डॉक्टर सचिन नायक के काम की सराहना भारतीय क्रिकेट टीम (Cricket Team) के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) और गेंदबाज युजवेंद्र चहल ने की है. कोहली ने तो डॉ नायक के लिए जर्सी भी भेजी है.
भोपाल के जे पी अस्पताल में पदस्थ ये वही डॉ. सचिन नायक हैं जिन्होंने कोरोना काल में लॉकडाउन के समय अपनी कार को ही अपना घर बना लिया था. उनकी फोटो उस वक्त सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई थीं. डॉ नायक की चर्चा अब भारतीय क्रिकेट टीम तक पहुंच गयी है.वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये डॉ नायक से कोहली और गेंदबाज यजुवेंद्र चहल ने बातचीत की.बातों-बातों में डॉ नायक ने क्रिकेट के इन योद्धाओ को कोरोना काल में आई मुश्किलों के बारे में बताया. डॉ. सचिन नायक ने उन्हें बताया कि कोरोना ड्यूटी के दौरान अपनी कार को ही अपना घर बना लिया था. ड्यूटी खत्म करने के बाद वे घर नहीं जाते थे बल्कि कार में ही सो जाते थे.कोरोना के शुरुआती दौर से लेकर अब तक वो इसी महामारी के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं. फिलहाल वे शाजापुर के ज़िला अस्पताल में डयूटी कर रहे हैं.
क्रिकेट सेलिब्रिटीज ने दाद दी
डॉ सचिन नायक और क्रिकेट जगत की ये हस्तियां एक वेबिनार के ज़रिए रूबरू हुए. एक विज्ञापन कंपनी ने वेबिनार किया था. डॉ. नायक ने यजुवेंद्र चहल और विराट कोहली को बताया कि वे कोरोना सैंपलिंग और आईसीयू वॉर्ड में तैनात थे और कई महीनों तक वो घर नहीं गए. उनके घर में 3 साल का बच्चा है. और वह उसे संक्रमण के खतरे में नहीं डालना चाहते थे, इसलिए कार में ही रहना शुरू कर दिया.कार को ही घर बना लिया था.परिवार को संक्रमण मुक्त रखने के लिए कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा.और आज भी संक्रमित होने के बाद स्वस्थ होकर काम में लगे हुए हैं. इस पर कोहली-चहल ने उनके जज्बे को सलाम किया और तालियां बजाईं. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बातचीत के सेशन में आरसीबी के खिलाड़ी एबी डीविलियर्स भी मौजूद थे.
डॉ. नायक का कन्वर्सेशन सेशन
चहल- कोरोना ड्यूटी के दौरान परिवार की प्रतिक्रिया क्या रही?
डॉ. नायक- मैं किसान परिवार से हूं. घर वालों ने कहा था नौकरी छोड़ो और घर चलो. डॉक्टरों की कमी से जूझ रही स्वास्थ्य व्यवस्था में इस तरह छोड़कर जाना ठीक नहीं था.
चहल- ऐसे में आपने क्या करने का निर्णय लिया?
डॉ. नायक- उस समय होटल भी नहीं मिल रहे थे. लोग किराये से कमरा भी नहीं दे रहे थे. मुझे लगा मुझसे दूसरे लोग संक्रमित न हों इसलिए ड्यूटी के बाद कार में ही सोने लगा. कार में रहना कठिन था, लेकिन कोई विकल्प नहीं था.
चहल- जीवन में चुनौतियां आएं तो क्या करना चाहिए?
डॉ. नायक- हमें अपना काम ईमानदारी से करना चाहिए. जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं.
तीन महीने तक कार में रहे डॉ. नायक
डॉ सचिन नायक भोपाल के जे पी ज़िला अस्पताल की कोरोना सैंपलिंग टीम में रहे.साथ ही आईसीयू वॉर्ड्स में भी तैनात थे. करीब तीन महीने तक उन्होंने कार को ही घर बनाए रखा.इस दौरान उन्हें खुद भी कोरोना हो गया था. ठीक होने के बाद फिर से वे लोगों की सेवा में जुट गए.फिलहाल डॉ सचिन नायक का तबादला शाजापुर हो गया है. अब जिला अस्पताल में बतौर एनेस्थिसिया विशेषज्ञ के रूप में अपनी सेवा दे रहे हैं.
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