मध्य प्रदेश के इन 15 जिलों के लोग पी रहे सबसे ज्यादा मिलावटी दूध, WHO का खुलासा

प्रतीकात्मक तस्वीर
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और नेशनल मिल्क की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मध्य प्रदेश के 15 जिलों के लोग सबसे ज्यादा मिलावटी दूध पी रहे हैं.
- News18 Rajasthan
- Last Updated: June 14, 2019, 2:21 PM IST
दूध के दामों में लगातार वृद्धि हो रही है लेकिन दूध की डिमांड में कोई कमी नहीं हो रही है. भारत दुनिया में दुग्ध उत्पादन के मामले में टॉप रैंक पर है. मध्य प्रदेश दूध उत्पादन के मामले देश में तीसरे नंबर पर है लेकिन इस प्रदेश के 15 जिलों के लोग सबसे अधिक मिलावटी दूध पी रहे हैं. जिस दूध को लोग शक्तिदायक और कैल्शियम का बड़ा श्रोत समझ रहे हैं वह असल में मिलावट का भंडार है और हेल्थ के लिए बेहद हानिकारक है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO) और नेशनल मिल्क की सर्वे रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है.
प्रतिदिन दूध की खपत 64 करोड़ लीटर और उत्पादन 14.68 करोड़ लीटर
देश में दूध का उत्पादन 14.68 करोड़ लीटर प्रतिदिन है. जबकि दूध की खपत 64 करोड़ लीटर प्रतिदिन है. ऐसे में देश में करीब 40 करोड़ लीटर से अधिक मिलावटी दूध लोग पी रहे हैं. मध्य प्रदेश के 15 जिले ऐसे हैं जहां सबसे अधिक मिलावट हो रही है. भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के नेशनल मिल्क सर्वे की रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है कि मध्य प्रदेश के ग्वालियर, उज्जैन, बालाघाट, मुरैना, इंदौर, खरगोन, धार, रतलाम, अशोक नगर, भिंड, होशंगाबाद, खंडवा, बुरहानपुर, बड़वानी और सिवनी जिले में दूध में मिलावट की जा रही है.
खतरनाक रसायनों से तैयार हो रहा मिलावटी दूध मध्यप्रदेश समेत पूरे देश में मिलावटी दूध को लेकर डब्ल्यूएचओ और नेशनल मिल्क की भी सर्वे रिपोर्ट आई है. रिपोर्ट के मुताबिक मिल्क प्रोडक्शन और कंज़प्शन के बीच करीब 50 करोड़ लीटर का फर्क है. इसमें पाउडर से बने दूध का भी बराबर योगदान है. इसके बावजूद बड़ी मात्रा में आपूर्ति मिलावटी दूध से ही हो रही है. विभिन्न मानकों पर आधारित रिपोर्ट में ये आंकड़ा 65 से 89 फीसदी तक दर्ज किया गया है. ये दूध यूरिया, डिटर्जेंट,कास्टिक सोडा, अमोनियम सल्फेट, फार्मलीन जैसे खतरनाक रसायनों के मिश्रण से बनाया जाता है.
आकड़ों में टॉप 5 दूध उत्पादक राज्य
वर्ष वर्ष वर्ष
16-17 15-16 14-15
उप्र 27,770 26,387 25,198
राजस्थान 20,857 18,500 16,934
मप्र 13,445 12,148 11,691
गुजरात 12,784 12,262 16,934
आंध्र प्रदेश 12,187 10,817 9,656
देश में सबसे अधिक दूध उत्पादन उत्तर प्रदेश में होता है. दूसरे स्थान पर राजस्थान और मध्य प्रदेश तीसरे स्थान पर है. उत्तर प्रदेश में 27,770 टन, राजस्थान में 20,857 टन और मप्र में 13,445 टन दूध का उत्पादन होता है. देशभर में उत्पादित कुल दूध में 51 फीसदी भैंसों से, 25 फीसदी विदेशी व मिश्रित नस्ल की गायों से, 20 फीसदी देशी नस्ल की गायों से और शेष 4 फीसदी दूध का उत्पादन ऊंट जैसे बड़े पशु से लेकर बकरी जैसे छोटे पशुओं तक से मिलने वाला दूध शामिल हैं. मिलावटी दूध के उपभोग से देह के दुरुस्त अंग भी काम करना बंद कर सकते हैं. ये रसायन कैंसर और लीवर की खराबी जैसी कई गंभीर बीमारियों को जन्म देते हैं. एक्सपर्ट्स की मानें तो चौंकाने वाली बात ये है कि दूध में एंटीबायोटिक और एल्फोटोक्सिन के अभी तक मानक ही नहीं बने हैं. इसके मिश्रित दूध के सेवन से उपभोगता की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है.
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प्रतिदिन दूध की खपत 64 करोड़ लीटर और उत्पादन 14.68 करोड़ लीटर
देश में दूध का उत्पादन 14.68 करोड़ लीटर प्रतिदिन है. जबकि दूध की खपत 64 करोड़ लीटर प्रतिदिन है. ऐसे में देश में करीब 40 करोड़ लीटर से अधिक मिलावटी दूध लोग पी रहे हैं. मध्य प्रदेश के 15 जिले ऐसे हैं जहां सबसे अधिक मिलावट हो रही है. भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के नेशनल मिल्क सर्वे की रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है कि मध्य प्रदेश के ग्वालियर, उज्जैन, बालाघाट, मुरैना, इंदौर, खरगोन, धार, रतलाम, अशोक नगर, भिंड, होशंगाबाद, खंडवा, बुरहानपुर, बड़वानी और सिवनी जिले में दूध में मिलावट की जा रही है.
खतरनाक रसायनों से तैयार हो रहा मिलावटी दूध मध्यप्रदेश समेत पूरे देश में मिलावटी दूध को लेकर डब्ल्यूएचओ और नेशनल मिल्क की भी सर्वे रिपोर्ट आई है. रिपोर्ट के मुताबिक मिल्क प्रोडक्शन और कंज़प्शन के बीच करीब 50 करोड़ लीटर का फर्क है. इसमें पाउडर से बने दूध का भी बराबर योगदान है. इसके बावजूद बड़ी मात्रा में आपूर्ति मिलावटी दूध से ही हो रही है. विभिन्न मानकों पर आधारित रिपोर्ट में ये आंकड़ा 65 से 89 फीसदी तक दर्ज किया गया है. ये दूध यूरिया, डिटर्जेंट,कास्टिक सोडा, अमोनियम सल्फेट, फार्मलीन जैसे खतरनाक रसायनों के मिश्रण से बनाया जाता है.
आकड़ों में टॉप 5 दूध उत्पादक राज्य
वर्ष वर्ष वर्ष
16-17 15-16 14-15
उप्र 27,770 26,387 25,198
राजस्थान 20,857 18,500 16,934
मप्र 13,445 12,148 11,691
गुजरात 12,784 12,262 16,934
आंध्र प्रदेश 12,187 10,817 9,656
देश में सबसे अधिक दूध उत्पादन उत्तर प्रदेश में होता है. दूसरे स्थान पर राजस्थान और मध्य प्रदेश तीसरे स्थान पर है. उत्तर प्रदेश में 27,770 टन, राजस्थान में 20,857 टन और मप्र में 13,445 टन दूध का उत्पादन होता है. देशभर में उत्पादित कुल दूध में 51 फीसदी भैंसों से, 25 फीसदी विदेशी व मिश्रित नस्ल की गायों से, 20 फीसदी देशी नस्ल की गायों से और शेष 4 फीसदी दूध का उत्पादन ऊंट जैसे बड़े पशु से लेकर बकरी जैसे छोटे पशुओं तक से मिलने वाला दूध शामिल हैं. मिलावटी दूध के उपभोग से देह के दुरुस्त अंग भी काम करना बंद कर सकते हैं. ये रसायन कैंसर और लीवर की खराबी जैसी कई गंभीर बीमारियों को जन्म देते हैं. एक्सपर्ट्स की मानें तो चौंकाने वाली बात ये है कि दूध में एंटीबायोटिक और एल्फोटोक्सिन के अभी तक मानक ही नहीं बने हैं. इसके मिश्रित दूध के सेवन से उपभोगता की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है.
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