छतरपुर. मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के दौरिया गांव में एक मुस्लिम महिला और हिंदू विवाहित युवक की प्रेम कहानी से पुलिस ने पर्दा हटाया तो दोनों कातिल निकले. महिला ने अपने ही पति का कत्ल प्रेमी के हाथों कराकर फरार हो जाने का प्लान बनाया था. कत्ल करने तक तो वो अपने मंसूबों में कामयाब भी हो गए, लेकिन पुलिस के साइबर सेल ने मोबाइल फोन की कॉल डिटेल से सारा भंडाफोड़ कर दिया. पुलिस ने महिला के पति का मर्डर होने के करीब दो महीने बाद सारे केस को सुलझाकर हत्या का पर्दाफाश कर दिया. पुलिस ने कत्ल के आरोप में प्रेमी-प्रेमिका को गिरफ्तार भी कर लिया है. हैरान करने वाली बात यह थी कि शादी के महज 26 दिन बाद ही आरोपी महिला ने अपने पति को मौत के घाट उतरवा दिया था. घटना करीब 5 साल (30 दिसंबर, 2017) पुरानी है लेकिन क्राइम और सस्पेंस से भरी इस लव स्टोरी का खौफनाक अंजाम आज भी सिहरन पैदा कर देता है.
छतरपुर के दौरिया गांव के हिंदू-मुस्लिम जोड़े की यह कहानी प्यार और धोखे से लिपटी है. इस घटना की मास्टर माइंड रूबीना के पड़ोस के युवक जितेंद्र कुशवाहा से काफी समय से प्रेम संबंध थे. रूबीना को पता था कि जितेंद्र शादीशुदा है, फिर भी उसके साथ प्रेम प्रसंग चला रही थी. जितेंद्र भी अपनी पत्नी को धोखा दे रहा था. अलग-अलग धर्मों के होने के कारण दोनों छुप-छुपकर मिलते थे.
रूबीना के न चाहने के बावजूद घर वालों ने करा दी जावेद से शादी
प्रेम प्रसंग के बीच रूबीना के लिए घर वालों ने लड़का देखना शुरू कर दिया. हालांकि रूबीना ऐसा बिल्कुल भी नहीं चाहती थी और शादी से इनकार करती थी. लेकिन मां-बाप की मर्जी के आगे उसकी एक न चली और रूबीना की शादी उसके घर वालों ने जिला टीकमगढ़ के पठाराम गांव के जावेद से करवा ही दी. शादी के बाद रूबीना ससुराल चली गई और फिर पहली विदा के बाद अपने पीहर आई तो प्रेमी जितेंद्र से मिली. वह फूट-फूटकर रोई की शादी के बाद भी उसके बिना नहीं रह सकती.
रूबीना ने ऐसे बनाया मर्डर प्लान
प्रेमी जितेंद्र ने रूबीना को समझाया कि शादी के बाद अब यह संभव नहीं हो पाएगा. दोनों शादीशुदा थे, इसके बावजूद उन दोनों में नजदीकियां बढ़ी. फिर मास्टर-माइंड रूबीना ने जितेंद्र को आइडिया दिया कि किसी तरह अगर वह दोनों मिलकर जावेद को रास्ते से हटा दें, तो ससुराल वाले उसे मनहूस मानकर उसके घर दौरिया भेज देंगे. तब वो आराम से साथ रह सकते हैं. जरूरत पड़ी तो वो दोनों घर से फरार हो जाएंगे. प्रेमी जितेंद्र को अपने प्यार का वास्ता देकर रूबीना ने रास्ते के कांटे को हटाने के लिए तैयार कर लिया. मगर अब सवाल ये था कि जावेद को ठिकाने कैसे लगाया जाए. यह काम इतनी कुशलता से अंजाम देना होगा कि किसी को भी इन दोनों पर शक भी न होने पाए. तब प्लान के तहत रूबीना ने जितेंद्र को एक दिन जावेद से अपने रिश्ते के भाई के रूप में मिलवाया और दोनों की मिलकर और फोन पर बातचीत होने लगी.
कुछ ही दिनों के बाद जितेंद्र के कहने पर जावेद दौरिया आया. रूबीना से मिलकर जावेद और जितेंद्र निकल गए. इसके बाद दोनों ने छतरपुर रोड स्थित सांझा चूल्हा के पास बने नगर पालिका के पार्क में बैठकर शराब पी. प्लानिंग के तहत जितेंद्र शराब पीने के बाद जावेद को वहीं पास में बंद पड़े सांझा चूल्हा की बाउंड्री के अंदर ले गया और देसी कट्टे से उसके सीने में गोली मार दी. गोली लगते ही जावेद वहीं ढेर हो गया. जितेंद्र हत्या करने के बाद जावेद की लाश को वहीं पर छोड़कर दौरिया चला आया.
गड्ढे में दफन कर दी थी जावेद की लाश
अगली सुबह पांच बजे जितेंद्र फिर जावेद की लाश के पास पहुंचा और वहीं पर ढाई फुट का गढ्डा खोदकर जावेद को दफन कर दिया. रूबीना और जावेद बहुत खुश थे कि किसी को पता भी नहीं चला और उनका जावेद को रास्ते से हटाने के काम भी हो गया. उधर जावेद अपने घर पठाराम से बिना किसी को बताए दौरिया आया था. जावेद के अचानक गायब हो जाने से उसके घर वाले डर गए. उन्होंने रूबीना से भी जावेद के बारे में पूछा, लेकिन प्लान के मुताबिक रूबीना ने किसी को कुछ भी नहीं बताया कि वो दौरिया आया हुआ था. चार दिन बाद जावेद के चाचा रहीश खान ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट थाना सेंदरी में करवाई. शुरू में तो थाना सेंदरी पुलिस ने गुमशुदगी को गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन जैसे-जैसे तफ्तीश की कड़ियां जुड़ीं तो उसका शक गहराता चला गया. इस पूरे हत्याकांड को सुलझाने में साइबर सैल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. साइबर सैल ने जावेद और रूबीना के मोबाइल नंबरों के रिकॉर्ड खंगाले तो पुलिस को पता चला कि जावेद की बात रूबीना के किसी भाई से भी होती थी.
पुलिस ने रूबीना के असल में रिश्ते के भाई का पता लगाया और उस तक पहुंच गई. लेकिन जब पुलिस वालों ने उस रिश्ते के भाई से पूछा तो उसने साफ-साफ कह दिया कि उसकी कभी भी जावेद से बात नहीं हुई है और पुलिस जिस नंबर का जिक्र कर रही है वह भी उसका नहीं है. उस नंबर के मालिक की तलाश ही पुलिस को जितेंद्र तक ले आई. और इसके बाद सारी की सारी गुत्थी सुलझती चली गई. हत्या के 55 दिन बाद साइबर सैल की मदद से सेंदरी पुलिस ने जितेंद्र को गिरफ्तार कर लिया.
प्रेमी को भाई बताकर पति से मिलवाया था
जितेंद्र ने पुलिस को बताया कि वो रूबीना को उसकी शादी के बाद भुला नहीं पाया था. दूसरी ओर रूबीना का भी यही हाल था. इसलिए इन दोनों ने मिलकर जावेद की हत्या करके भागने का प्लान बनाया. जितेंद्र ने जावेद को बताया था कि रूबीना का रिलेशन उसके नौगांव वाले मामू के लड़के से है और अगर वो उससे मिले तो रूबीना और उसके ममेरे भाई को रंगेहाथों पकड़वा देगा. इसी राज को जानने के लिए जावेद किसी को बताए बिना दौरिया आया था.
ये भी पढ़ें: MBA- B.tech पास हाईटेक चोर! सगे भाई करते थे ठगी, जानें कैसे एक कॉल से फंसाते थे शिकार
सांझा चूल्हा ढाबे पर पहुंचने पर उसने जावेद को बोला कि रूबीना का ममेरा भाई आगे से आएगा और हम लोग पीछे से उसको पकड़ लेंगे. सांझा चूल्हा जहां पर हत्या हुई थी वो पिछले एक साल से बंद था. जितेंद्र ने जावेद को अंदर ले जाकर गोली मार दी. जावेद के चाचा रहीश ने जिला पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया था क्योंकि जब जावेद गायब हुआ था, तभी वो लोग उसकी मिसिंग कंप्लेन लिखाने गए थे. लेकिन पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया. बाद में जब पुलिस ने जावेद की कॉल रिकॉर्ड में गड़बड़ी देखी तो उन्होंने एक्शन लेना शुरू किया. हत्या के आरोप में गिरफ्तार रूबीना और जितेंद्र दोनों जावेद के मर्डर से पहले तक अलग-अलग फोन का इस्तेमाल करते थे और हत्या के बाद अपने सिम फेंक दिए थे. मगर फोन इस्तेमाल करते रहे जो कि जावेद मर्डर की गुत्थी सुलझाने मे मददगार साबित हुए.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Chhatarpur news, Crime in MP, Mp news, Wife murder