मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले की मुख्य विधानसभा सीट छिंदवाड़ा से मुख्यमंत्री कमलनाथ मैदान में हैं. यहां
भी है. कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद यह सीट कमलनाथ के लिए खाली कराई गई थी.
दरअसल, छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से कमलनाथ 9 बार सांसद रहे. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद उउन्हें विधानसभा में चुनकर आना था. इसके लिए उन्होंने छिंदवाड़ा की ही मुख्य सीट चुनी. इसके बाद छिंदवाड़ा सीट से कांग्रेस विधायक दीपक सक्सेना ने इस्तीफा दिया. उन्होंने यह सीट मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए खाली की.
दीपक सक्सेना पिछली चार बार से छिंदवाड़ा सीट से विधायक थे. वे कांग्रेस के ताकतवर नेताओं में गिने जाते हैं और मुख्यमंत्री कमलनाथ के काफी करीबी माने जाते हैं. इस बार मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में जब कांग्रेस की सरकार बनी तो दीपक सक्सेना को ही प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था. जब से कमलनाथ मुख्यमंत्री बने, तब से ही उनके छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ने की चर्चा थी.
जब कमलनाथ के विधानसभा चुनाव लड़ने की चर्चाएं शुरू हुईं तो इस बात की भी अटकलें थीं कि छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर दीपक सक्सेना ही लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. तब दीपक सक्सेना लोकसभा टिकट के लिए प्रबल और स्वभाविक दावेदार थे. वो कमलनाथ के विश्वासपात्र हैं एवं राजनीति का अच्छा अनुभव भी है.
लेकिन ऐन मौके पर कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ की दावेदारी वहां से तेज हो गई. वहां के कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने लगातार यह मांग की कि यहां से लोकसभा चुनाव नकुलनाथ ही लड़ें. इस प्रकार दीपक सक्सेना ने कमलनाथ के लिए छिंदवाड़ा विधानसभा सीट तो छोड़ी ही, साथ ही उन्होंने उनके बेटे के लिए भी रास्ता साफ़ किया.
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FIRST PUBLISHED : April 29, 2019, 10:23 IST