मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के अपने गृह नगर छिंदवाड़ा के एक सरकारी अस्पताल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद चार मरीजों की आंखों की रोशनी कथित रूप से चली जाने के मामले में जांच के आदेश दिए हैं. इसी बीच, आंख की रोशनी चली जाने का दावा कर रहे तीन मरीजों को बेहतर इलाज के लिए गुरुवार की सुबह भोपाल भेजा गया. सीएम कमलनाथ ने अपने ऑफिशियल टि्वटर हैंडल से ट्वीट कर जांच का यह आदेश दिया है. सीएम ने आदेश में कहा है कि इन सभी मरीजों के इलाज का खर्च भी प्रदेश सरकार उठाएगी.
कमलनाथ ने ट्वीट किया, ‘‘छिंदवाड़ा में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद मरीज़ों की आंख की रोशनी चले जाने का मामला सामने आने पर इसकी जांच के आदेश दिए गए हैं. दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि इन मरीज़ों के इलाज का खर्च सरकार उठाएगी और इनकी रोशनी वापस लाने के सभी प्रयास किए जाएंगे. कलाबाई वानखेड़े (65), दफेलाल ढाकरिया (62), मुन्ना चोरे (50) और रामरती बाई (54) के मोतियाबिंद का ऑपरेशन छिंदवाड़ा जिला अस्पताल के नेत्र विभाग में 25 सितंबर को किया गया था. 27 सितंबर को इन सभी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी. लेकिन ऑपरेशन के दो दिन बाद ही इन मरीजों को दिखना बंद हो गया. इन सभी की एक-एक आंख का ऑपरेशन हुआ था.
जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुशील राठी ने बताया, ‘‘मुन्ना चोरे को नागपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है जबकि बाकी तीन मरीजों को बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल छिंदवाड़ा से आज सुबह भोपाल भेज दिया गया.” राठी ने बताया कि ऑपरेशन के बाद मरीजों की आंख में सूजन आती है. इन मरीजों को भी यही समस्या है. इस कारण उन्हें दिख नहीं रहा है. वहीं, छिंदवाड़ा जिला अस्पताल के नेत्र विभाग के प्रभारी डॉ. गेडाम ने बताया, ‘‘इन सभी मरीजों की आंख की जांच की गई है. रेटिना में सफेदी की वजह से आंखों से दिखाई नहीं दे रहा है. सफेदी छटने के बाद मरीजों को संभवतः सामान्य दिखने लगेगा.’’
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FIRST PUBLISHED : October 03, 2019, 14:55 IST