नई दिल्ली. देश के किसानों की आय कैसे बढ़ाई जाए इसके लिए बड़े पैमाने पर कोशिशें हो रही हैं. अब मध्य प्रदेश के किसानों के लिए एक ऐसा मोबाइल ऐप लॉन्च किया गया है, जो उनके लिए एक कंप्लीट एग्रीकल्चर सॉल्यूशन है. मसलन, इस ऐप के जरिए किसानों को बीज, दवा, मशीनरी की जानकारी तो मिलेगी ही, साथ ही खेती से जुड़े वीडियो भी वे देख सकेंगे और छोटे-छोटे कोर्स में दाखिला लेकर अपनी फसल का उत्पादन बढ़ा सकते हैं. इस ऐप को मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में कॉर्न फेस्टिवल के दौरान मुख्यमंत्री कमलनाथ ने लॉन्च किया.
कैसे काम करेगा ऐप?
फार्म ईको ऐप को छिंदवाड़ा के रहने वाले
प्रदीप शेंडे ने बनाया है. प्रदीप ने IIT मुंबई से ग्रेजुएशन किया है और वह कई देशों में काम कर चुके हैं. प्रदीप कहते हैं कि हमने किसानों के लिए इतना आसान इंटरफेस बनाया है कि इसे आसानी से चलाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि इस ऐप पर किसानों को दवा, बीज और खाद की उपलब्धता की जानकारी मिल जाएगी. इसके साथ ही किस मौसम में कौन सी फसल बेहतर रहेगी, इसकी जानकारी किसानों को मिलेगी. अगर किसानों को कोई दिक्कत है, तो वह ऑनलाइन ही कृषि वैज्ञानिकों से बात कर सकेंगे. जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक किसानों की मदद करेंगे. फार्म ईको ऐप पर मध्य प्रदेश सरकार की हर योजना की जानकारी मिलेगी.
ऑनलाइन पढ़ाई होगी
प्रदीप कहते हैं कि कई बार किसानों को शिक्षित करने की जरूरत महसूस होती है. इसके लिए फार्म ईको ऐप पर छोटे-छोटे कोर्स हैं, जो फ्री हैं. ये पूछे जाने पर कि जिन किसानों के पास एंड्रॉएड फोन नहीं है, तो क्या होगा? प्रदीप कहते हैं कि इसके लिए हमने एक टोल फ्री नंबर शुरू किया है. ये नंबर है
18005720011. इस पर कॉल करते ही किसानों को सारी जानकारी मिल जाएगी.
घर बैठे पता करें फसल के भाव
छिंदवाड़ा के डिप्टी डायरेक्टर एग्रीकल्चर जे आर हेडाऊ कहते हैं कि इससे किसानों की जिंदगी बेहतर होगी. ऐप पर ही किसानों को फसल के भाव मिल जाएंगे. यहां तक की ऐप से जुड़े एजेंट भी आपको फसल के भाव बता देंगे और मार्केट की जानकारी देंगे. इससे किसानों को फसल का उचित मूल्य मिलेगा.
कृषि उपकरण किराए पर देना, बेचना या खरीदना
प्रदीप शेंडे कहते हैं कि अगर कोई किसान अपना कोई कृषि उपकरण बेचना चाहता है, तो इसी ऐप के जरिए उसे OLX की तरह ग्राहक मिल जाएंगे. या फिर कोई उपकरण खरीदना या किराए पर लेना चाहता है, तो भी ले सकता है. इसके लिए कुछ कंपनियों से टाईअप किया गया है. इसके अलावा बटाई पर खेती करने और देने का ऑफर भी ऐप के जरिए ही किया जा सकता है. ये पूछने पर कि कौन सी सर्विस फ्री है कौन सी पेड, प्रदीप कहते हैं कि मार्केट की जानकारी, कोर्स और वैज्ञानिकों से बातचीत, वीडियो सभी मुफ्त हैं. लेकिन उपकरण खरीदने-बेचने या मंडी में ऑनलाइन अनाज बेचने की प्रक्रिया में मामूली शुल्क चुकाना होगा. क्योंकि इस ऐप से ही किसानों के घर मंडी खरीदार भी पहुंचेंगे.
यहां देखें ऐप से जुड़ा वीडियो
ऐसे होगा डाउनलोड
इसके लिए आप प्ले स्टोर में जाएं और वहां FARM ECO सर्च करें. सर्च करने के बाद ऐप फोन में डाउनलोड कर लें और बेसिक जानकारियां भर दें. ऐप बनाने वाले प्रदीप शेंडे का कहना है कि अभी ऐप लॉन्च किया गया है और पहले छिंदवाड़ा जिले में इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जाएगा. इसके बाद इसे पूरे मध्य प्रदेश के किसानों को इससे जोड़ा जाएगा. ऐप पर अभी काम चल रहा है कुछ चीजें तैयार हैं, कुछ जल्द ही शुरू कर दी जाएंगी.
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Tags: Kamal nath
FIRST PUBLISHED : December 17, 2019, 16:55 IST