भोपाल (Bhopal) के राष्ट्रीय वन विहार (National Van Vihar) लाए गए इन मेहमान का नामाकरण कर उसे नया नाम सरन दिया गया है.
भोपाल. राष्ट्रीय वन विहार (National Van Vihar) में आज नए मेहमान ने आमद दी है. मंडला (Mandla) के कान्हा टाइगर रिजर्व (Kanha Tiger Reserve) के घोड़ेला बाड़े में रखे गए नर बाघ को आज राजधानी लाया गया है. दरअसल, यह बाघ महाराष्ट्र (Maharashtra) के रास्ते बैतूल (Betul) में दाखिल हुआ था.
खबर है कि इस बाघ ने अमरावती (Amravati) जिले में दो लोगों पर जानलेवा हमला किया था. इसके बाद, दिसंबर 2018 में भटक कर यह बैतूल आ गया था. इस बाघ को 11 दिसंबर 2018 को बैतूल के सारणी कस्बे के रिहायशी इलाके से रेस्क्यू किया गया था.
इसके बाद, इस बाघ को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में प्राकृतिक रहवास में छोड़ा गया था. यह बाघ एक बार फिर से रिहायशी इलाके में पहुंच गया और बैतूल जिले के सारणी कस्बे के रिहायशी क्षेत्र में कुछ लोगों पर जानलेवा हमला कर दिया.
जिसके बाद, इसको रेस्क्यू कर कान्हा टाइगर रिजर्व के घोरेला बाड़ा में रखा गया था. अब इस बाघ को कान्हा टाइगर रिजर्व मंडला से भोपाल लाया गया. भोपाल लाए गए इस बात का आज नामकरण हुआ और इसका नाम सरन रखा गया.
फिलहाल इस बाघ को 7 दिन का क्वॉरेंटाइन दिया गया है. क्वारंटाइन पूरा होने के बाद, वन विहार प्रबंधन तय करेगा कि इस बाघ को डिस्प्ले में रखा जाए या नहीं.
वन विहार में बाघों की संख्या बढ़कर 14 हुई
बाघ सरन के वन विहार में आने के बाद वन विहार में बाघों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है. मां के युवा होने के कारण इसकी दहाड़ से फिलहाल वनविहार गूंज राय अब तक खुले में रहने का आदी शरण अब वन विहार में रहने को मजबूर होगा ताकि लोगों को नुकसान ना पहुंच सके.
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