नेशनल टीम में चयन के बाद भी पैसों की तंगी बनी राह में रोड़ा

दमोह के खिलाड़ी राकेश दुबे फोटो- ईटीवी
दमोह का खिलाड़ी राकेश दुबे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन विश्व मंच पर करने के लिए बेचैन है लेकिन पैसों की कमी उसकी राह में रोड़ा है.
- ETV MP/Chhattisgarh
- Last Updated: October 3, 2017, 7:01 PM IST
दमोह का खिलाड़ी राकेश दुबे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन विश्व मंच पर करने के लिए बेचैन है लेकिन पैसों की कमी उसकी राह में रोड़ा है.
वह क्रिकेट का खिलाड़ी है जो शासन की योजना के प्रावधानों में फिट नहीं बैठता. यदि पैसा का इंतजाम नहीं होता तो इस क्रिकेट की प्रतिभा को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका नहीं मिलेगा.
राकेश ने प्रदेश ही नहीं देश की क्रिकेट टीम में अपना स्थान बना लिया. लेकिन जब उसे अंतराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए दुबई जाने के लिए 70 हजार रुपए की जरूरत हुई तो उसकी आर्थिक तंगी सामने आ गई. अभी तक उसका दुबई जाना अधर में लटका हुआ है.
टेनिस बॉल क्रिकेट के राष्ट्रीय टीम के सदस्य राकेश दुबे का चयन होने के बाद उसके स्थानीय कोच वसीम राजा खुश हैं लेकिन दुबे को जाने के लिए जो फीस लगनी है वह 70 हजार रुपए है. उसका इंतजाम नहीं हो पाने के कारण वह दुखी भी है.खेल एवं युवा कल्याण विभाग का संचालन पुलिस विभाग के माध्यम से प्रदेश की सरकार करती है. इस मामले पर जब विभाग के प्रभारी एवं जिले के उप पुलिस अधीक्षक से इस खिलाड़ी को सहयोग देने की बात की तो उनका कहना था कि यदि उनके पास आवेदन आता है तो नियमानुसार खिलाड़ी की मदद की जाएगी.
इस खिलाड़ी का मामला मीडिया में आने के बाद डीसीए यानी जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष ने कहा कि पैसों के कारण दमोह के किसी भी खिलाड़ी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलने से वंचित नहीं होने दिया जाएगा.
वह क्रिकेट का खिलाड़ी है जो शासन की योजना के प्रावधानों में फिट नहीं बैठता. यदि पैसा का इंतजाम नहीं होता तो इस क्रिकेट की प्रतिभा को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका नहीं मिलेगा.
राकेश ने प्रदेश ही नहीं देश की क्रिकेट टीम में अपना स्थान बना लिया. लेकिन जब उसे अंतराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए दुबई जाने के लिए 70 हजार रुपए की जरूरत हुई तो उसकी आर्थिक तंगी सामने आ गई. अभी तक उसका दुबई जाना अधर में लटका हुआ है.
टेनिस बॉल क्रिकेट के राष्ट्रीय टीम के सदस्य राकेश दुबे का चयन होने के बाद उसके स्थानीय कोच वसीम राजा खुश हैं लेकिन दुबे को जाने के लिए जो फीस लगनी है वह 70 हजार रुपए है. उसका इंतजाम नहीं हो पाने के कारण वह दुखी भी है.खेल एवं युवा कल्याण विभाग का संचालन पुलिस विभाग के माध्यम से प्रदेश की सरकार करती है. इस मामले पर जब विभाग के प्रभारी एवं जिले के उप पुलिस अधीक्षक से इस खिलाड़ी को सहयोग देने की बात की तो उनका कहना था कि यदि उनके पास आवेदन आता है तो नियमानुसार खिलाड़ी की मदद की जाएगी.
इस खिलाड़ी का मामला मीडिया में आने के बाद डीसीए यानी जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष ने कहा कि पैसों के कारण दमोह के किसी भी खिलाड़ी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलने से वंचित नहीं होने दिया जाएगा.