रिपोर्ट: अर्पित बड़कुल
दमोह. मध्यप्रदेश के दमोह जिले के हटरी ग्राम में चौसठ माता का सिद्ध मंदिर स्थित है जहां माता की प्राचीन प्रतिमाएं विराजमान हैं. जिनसे लोगों की अटूट आस्था जुड़ी हुई है. देवी मां की प्रतिमाओं के सिर पर पीतल के मुकुट शुशोभित हैं.यहां के ग्रामीणों ने बताया कि बहुत सालों पहले इसी जगह पर हरा भरा आम का पेड़ लगा हुआ था. जो अचानक सूख गया. बीते कुछ साल बाद आम का पेड़ दोबारा से हरा भरा हो गया. जिसकी शीतल छांव के नीचे भागवत कथा चल रही थी.
तभी अचानक से पेड़ गिर गया. इतना ही नहीं पेड़ का एक सिरा चल रही भागवत कथा के तख्त पर जा गिरा जिसे देख ग्रामीणों में अफरातफरी मच गई. तो कुछ ग्रामीण पेड़ के पास गए. तो देखा कि टूटे हुए पेड़ के तने के पास कुछ प्राचीनतम प्रतिमाएं हैं. जिन्हें देख ग्रामीण भी अचंभित हो गए.
पाषाण पर बनी प्रतिमाओं को जब गिना गया तब पता लगा कि ये चौसठ माता की प्रतिमा है. जो आम के पेड़ से प्रकट हुई हैं. कुछ समय बीतने के बाद 2005 में आम के पेड़ को हटाकर पटैरिया परिवार ने नए मंदिर का निर्माण करवाया. चौसठ माता के दर्शनों के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं. ऐसी मान्यता है कि चौसठ माता के मंदिर में सच्चे मन से मांगी गई मुराद जरूर पूरी होती है. यहां सागर,जबलपुर, छतरपुर और दमोह जिले तक के श्रद्धालु भक्तों का तांता लगा रहता है.
मंदिर के पुजारी हल्लाई उदेनिया ने बताया कि चौसठ माता आम के पेड़ में से प्रकट हुई थी. 2005 से इनका पूजन करते आ रहे हैं. जो भी भक्त सच्चे मन से माता के मंदिर में पूजा अर्चना करता है तो मां उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर देती हैं. वहीं स्थानीय ग्रामीण हल्लाई रजक ने बताया है कि दमोह जिले में हटरी ग्राम में ही ऐसा चौसठ माता का मंदिर है. जहां माता आम के पेड़ से प्रकट हुई थी.
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