यहां भीख और नशे के गिरफ्त में कराह रहा है बचपन..!

दमोह जिले के अनेक गावों से जिला मुख्यालय आकर गरीब परिवारों के बच्चे जहां भीख मांगने का काम कर रहे हैं
दमोह जिले के अनेक गावों से जिला मुख्यालय आकर गरीब परिवारों के बच्चे जहां भीख मांगने का काम कर रहे हैं
- ETV MP/Chhattisgarh
- Last Updated: December 15, 2017, 6:26 PM IST
मध्य प्रदेश में दमोह जिले के अनेक गावों से जिला मुख्यालय आकर गरीब परिवारों के बच्चे जहां भीख मांगने का काम कर रहे हैं, वहीं रात के समय यह बच्चे अनेक प्रकार के नशों में लिप्त देखे जा रहे हैं.
दरअसल, ये बच्चे भीख के रूप में मिले पैसों की कमाई को नशा करने में लगा रहे हैं. पंचर आदि कार्य में उपयोग होने वाले टयूब जिसे सिलोचन के नाम से भी यह बच्चे जानते है, उसको सूंघकर यह बच्चे नशा करते हैं.
रात के समय यह बच्चे एक नहीं कई लोग दुकानों आदि के सुनसान इलाकों में बैठकर नशा करते हैं. इन बच्चों से जब इसके बारे में जानने की कोशिश की गई तो यह बच्चे नशे में होने के कारण कुछ नहीं बता सके. दिन के समय भीख मांगने के दौरान भी यह बच्चे कुछ भी कहने से बचते हैं.
इस मामले पर बाल सरंक्षण अधिकारी का कहना है कि वे लोग लगातार ही इन बच्चों को इन आदतो से दूर करने के साथ ही भीख मांगने से भी दूर करने अभियान चलाते हैं, लेकिन अभी भी आशा के अनुरूप सफलता नहीं मिली है.
दरअसल, ये बच्चे भीख के रूप में मिले पैसों की कमाई को नशा करने में लगा रहे हैं. पंचर आदि कार्य में उपयोग होने वाले टयूब जिसे सिलोचन के नाम से भी यह बच्चे जानते है, उसको सूंघकर यह बच्चे नशा करते हैं.
रात के समय यह बच्चे एक नहीं कई लोग दुकानों आदि के सुनसान इलाकों में बैठकर नशा करते हैं. इन बच्चों से जब इसके बारे में जानने की कोशिश की गई तो यह बच्चे नशे में होने के कारण कुछ नहीं बता सके. दिन के समय भीख मांगने के दौरान भी यह बच्चे कुछ भी कहने से बचते हैं.