होम /न्यूज /मध्य प्रदेश /Navratri 2023: गुरैया नदी के तट पर विराजी मां बड़ी खेरमाई माता की अपार है महिमा, हर मनोकामना करती हैं पूरी

Navratri 2023: गुरैया नदी के तट पर विराजी मां बड़ी खेरमाई माता की अपार है महिमा, हर मनोकामना करती हैं पूरी

X
गुरैया

गुरैया नदी पर विराजमान मां बड़ी खेरमाई माता का मंदिर

Damoh News: दमोह जिला मुख्यालय से 56 किलोमीटर दूर तेंदूखेड़ा नगर स्थित मां बड़ी खेरमाई मंदिर में चैत्र नवरात्रि में मातार ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट- अर्पित बड़कुल

दमोह. आज चैत्र नवरात्रि का सातवां दिन है. 30 मार्च को श्रीराम नवमीं मनाई जाएगी. हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि के 9 दिनों को बेहद पवित्र माना जाता है. इस दौरान मां दुर्गा के नौ अवतारों की पूरे विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की जा रही है. दमोह जिला मुख्यालय से 56 किलोमीटर दूर तेंदूखेड़ा नगर स्थित मां बड़ी खेरमाई मंदिर में नवरात्रि में मातारानी के दर्शन के लिए भक्तों की लंबी कतार लगी हुई है. यहां भक्त सुबह 4 बजे से मातारानी के चरणों मे जल चढ़ाने के लिए लाइनों में लग जाते हैं.

मां बड़ी खेरमाई का मंदिर गुरैया नदी के तट पर स्थित होने के कारण मंदिर की अद्भुत छटा देखने को मिलती है. मंदिर में विराजमान मां दुर्गा के चेहरे का तेज और सिंघासन की चमक अलौकिक प्रतीत होती है. मंदिर में खेरमाता और दुर्गा माता की प्रतिमा विराजमान है. जिनके दर्शन करने के लिए दूर दराज से भक्तगण आते हैं. वैसे तो नवरात्रि के पावन पर्व पर प्रति दिन मातारानी के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है. यहां नवरात्रि के 7 वें दिन मंदिर प्रांगण में सबसे ज्यादा भक्तों की भीड़ देखने को मिल रही है. इस बीच मंदिर प्रांगण के बाहर डियूटी कर रहे प्रधान आरक्षक ब्रजेश तिवारी ने भी अपने परिवार के साथ मंदिर में पंहुचकर मातारानी के चरणों मे जल चढ़ाया और पुण्य लाभ अर्जित किया.

गुरैया तट पर 12 महीने रहता है पानी

मंदिर के पुजारी लक्ष्मी प्रसाद तिवारी ने बताया कि वो लगभग 25 वर्षों से मातारानी की सेवा कर रहे है. मां की महिमा अपरंपार है, जो भी श्रद्धालु माता के दरबार में आते हैं उनकी मनोकामना मां जरूर पूर्ण करती हैं. गुरैया नदी का उदगम जरुआ बारह गांव के किसान के खेत से हुआ है.जहां से बहती हुई गुरैया नदी तेंदूखेड़ा पहुंचती हैं. जहां गुरैया नदी के तट पर विराजमान मां बड़ी खेरमाई मातारानी की कृपा से गुरैया नदी के जल से ही भक्त स्नान कर मातारानी को जल चढ़ाते हैं.आगे चलकर इस नदी का जल बहुत ही कम देखने को मिलता.मातारानी के आर्शीवाद से गुरैया तट ही एक मात्र एक ऐसा स्थान है, जहां बारह महीने नदी में जल रहता है. जबकि यही नदी आगे चलकर गर्मियों में सूख जाती है.

Tags: Damoh News, Latest hindi news, Mp news

टॉप स्टोरीज
अधिक पढ़ें