VIDEO: राशन के गोदाम में चल रहा है हाई स्कूल, अंधेरे में पढ़ने को मजूबर छात्र
गोदाम में दो कमरें है, जिनमें कक्षा 9 और कक्षा 10 के 100 से ज्यादा छात्र अंधेरे में बैठकर पढ़ने के लिए मजबूर है. स्कूल में खेल मैदान, शौचालय और प्रयोगशाला जैसी अहम सुविधाओं की बात करना तो बेमानी ही है. छात्रों की माने तो स्कूल भवन नहीं होने से उनकी पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हो रही है.
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: January 24, 2019, 12:24 PM IST
मध्यप्ररदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री ओमकार मरकाम के गृहजिले डिंडौरी में शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल है. मरकाम आदिवासी विकास विभाग के मंत्री और और उनके क्षेत्र में स्कूल भवन नहीं होने के कारण सरकारी हाई स्कूल गोदाम के दो कमरों में संचालित करना पड़ रहा है. मेहंदवानी विकासखंड के मटियारी गांव के सरकारी स्कूल के लिए भवन नहीं होने से पिछल चार साल से सरकारी राशन की दुकान के गोदाम में संचालित किया जा रहा है.
गोदाम में दो कमरें है, जिनमें कक्षा 9 और कक्षा 10 के 100 से ज्यादा छात्र अंधेरे में बैठकर पढ़ने के लिए मजबूर है. स्कूल में खेल मैदान, शौचालय और प्रयोगशाला जैसी अहम सुविधाओं की बात करना तो बेमानी ही है. छात्रों की माने तो स्कूल भवन नहीं होने से उनकी पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हो रही है.
स्कूल के प्रधान अध्यापक नारायण दास ने बताया कि स्कूल भवन की मांग के लिए वो 4 साल से आदिवासी विकास विभाग के अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन किसी भी जवाबदार अधिकारी ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया. गांव के सरपंच नंदू सिंह का कहना है कि स्कूल भवन के लिए उन्होंने अधिकारियों से लेकर विधायक, मंत्री तक से गुहार लगाई है. पूर्व विधायक और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे ने तो स्कूल भवन का भूमिपूजत तक कर दिया था, लेकिन उसके बाद एक ईंट तक नहीं रखी गई, लिहाजा बच्चों को गोदाम में बैठक पढ़ाई करनी पड़ रही है.
यह भी पढ़ें- एक कमरे में चल रहा है स्कूल, उसी में है खाना और शौचालय भीयह भी पढ़ें- बिल्डिंग होगी सरकारी और स्कूल लगेगा प्राइवेट, कुछ ऐसा है सरकार का प्लान
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गोदाम में दो कमरें है, जिनमें कक्षा 9 और कक्षा 10 के 100 से ज्यादा छात्र अंधेरे में बैठकर पढ़ने के लिए मजबूर है. स्कूल में खेल मैदान, शौचालय और प्रयोगशाला जैसी अहम सुविधाओं की बात करना तो बेमानी ही है. छात्रों की माने तो स्कूल भवन नहीं होने से उनकी पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हो रही है.
स्कूल के प्रधान अध्यापक नारायण दास ने बताया कि स्कूल भवन की मांग के लिए वो 4 साल से आदिवासी विकास विभाग के अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन किसी भी जवाबदार अधिकारी ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया. गांव के सरपंच नंदू सिंह का कहना है कि स्कूल भवन के लिए उन्होंने अधिकारियों से लेकर विधायक, मंत्री तक से गुहार लगाई है. पूर्व विधायक और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे ने तो स्कूल भवन का भूमिपूजत तक कर दिया था, लेकिन उसके बाद एक ईंट तक नहीं रखी गई, लिहाजा बच्चों को गोदाम में बैठक पढ़ाई करनी पड़ रही है.
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