डिंडोरी: बरसात में ऐसे कीचड़ का टापू बन जाता है प्रदेश का ये इलाका

डिजिटल युग में पाषाण की याद दिलाती करंजिया इलाके की सड़कें
डिंडोरी (Dindori) के करंजिया गांव (Karanjia Village) के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं. बरसात (Rains) में यहां कीचड़ (Mud) का दलदल (Bog) बन जाता है, मरीज़ों और स्कूल जाने वाले बच्चों की तस्वीरें विकास के दावों की पोल खोलने के लिए काफी हैं.
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: September 16, 2019, 12:46 PM IST
डिंडोरी. डिजिटल इंडिया (Digital India) के दौर में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के डिंडौरी जिले के करंजिया गांव से हैरान करने वाली तस्वीरें सामने आईं हैं. सड़क (Road) नहीं होने के कारण बीमारों को चारपाई पर अस्पताल पहुंचाया जाता है, तो बच्चों को स्कूल जाने के लिए कीचड़ के दलदल को पार करना पड़ता है. सरकारी दावों की पोल खोलती ये तस्वीरें उस करंजिया जनपद पंचायत इलाके की हैं जहां का प्रतिनिधित्व कैबिनेट मंत्री ओमकार मरकाम, पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे एवं जिला पंचायत अध्यक्ष ज्योति प्रकाश धुर्वे करते हैं. ग्रामीण लंबे समय से यहां सड़क बनाने की मांग कर रहे हैं लेकिन किसी ने भी अब तक इस इलाके की सुध नहीं ली है.
सड़क के नाम पर गड्ढे और दलदल
डिजिटल इंडिया के दावों मुंह चिढ़ाती ये तस्वीरें करंजिया जनपद की मूसामूंडी ग्राम पंचायत की हैं, जहां सड़क नहीं होने की वजह से बंजरटोला, छुरिया मट्टा, खरवाटोला गांव के सैकड़ों लोगों को बरसात के मौसम में पूरे 4 महीने नारकीय जीवन जीना पड़ता है. गांव से मुख्य मार्ग की दूरी करीब 5 किलोमीटर है लेकिन सड़क के नाम पर बड़े-बड़े गड्ढे और कीचड़ का दलदल हैं, जिनके कारण गांव तक किसी भी वाहन का पहुंचना असंभव होता है. बीमारों, बुजुर्ग एवं गर्भवती महिलाओं को चारपाई के सहारे कंधे में ढोकर अस्पताल ले जाना पड़ता है.
जूते चप्पल हाथों में लेकर स्कूल पहुंचते हैं छात्र
सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना यहां स्कूली छात्रों को करना पड़ता है. तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि स्कूली छात्र हाथ में जूते चप्पल लिये कीचड़ के दलदल को पारकर कितनी मुसीबतों के बाद स्कूल पहुंच पाते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि इस बार की तेज बारिश में कच्ची सड़क के अवशेष और पुल का बड़ा हिस्सा भी बाढ़ में बह गया है, जिससे उनकी परेशानी और भी बढ़ गई है.

मंत्री ओमकार मरकाम ने भरोसा दिलाया
यहां ग्रामीण नेताओं और अफसरों के साथ अपनी किस्मत को भी कोसते नजर आ रहे हैं. इस मामले पर जिले के जवाबदार अधिकारी मीडिया से इस मामले में कुछ भी कहने से बचते रहे तो स्थानीय विधायक व प्रदेश सरकार के मंत्री ओमकार मरकाम ने जल्द ही गांवों के समुचित विकास का भरोसा दिलाया.
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सड़क के नाम पर गड्ढे और दलदल
डिजिटल इंडिया के दावों मुंह चिढ़ाती ये तस्वीरें करंजिया जनपद की मूसामूंडी ग्राम पंचायत की हैं, जहां सड़क नहीं होने की वजह से बंजरटोला, छुरिया मट्टा, खरवाटोला गांव के सैकड़ों लोगों को बरसात के मौसम में पूरे 4 महीने नारकीय जीवन जीना पड़ता है. गांव से मुख्य मार्ग की दूरी करीब 5 किलोमीटर है लेकिन सड़क के नाम पर बड़े-बड़े गड्ढे और कीचड़ का दलदल हैं, जिनके कारण गांव तक किसी भी वाहन का पहुंचना असंभव होता है. बीमारों, बुजुर्ग एवं गर्भवती महिलाओं को चारपाई के सहारे कंधे में ढोकर अस्पताल ले जाना पड़ता है.

मरीज़ों को चारपाई पर अस्पताल ले जाना पड़ता है
सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना यहां स्कूली छात्रों को करना पड़ता है. तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि स्कूली छात्र हाथ में जूते चप्पल लिये कीचड़ के दलदल को पारकर कितनी मुसीबतों के बाद स्कूल पहुंच पाते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि इस बार की तेज बारिश में कच्ची सड़क के अवशेष और पुल का बड़ा हिस्सा भी बाढ़ में बह गया है, जिससे उनकी परेशानी और भी बढ़ गई है.

हाथों में जूते चप्पल लेकर स्कूल जाते छात्र-छात्रा
मंत्री ओमकार मरकाम ने भरोसा दिलाया
यहां ग्रामीण नेताओं और अफसरों के साथ अपनी किस्मत को भी कोसते नजर आ रहे हैं. इस मामले पर जिले के जवाबदार अधिकारी मीडिया से इस मामले में कुछ भी कहने से बचते रहे तो स्थानीय विधायक व प्रदेश सरकार के मंत्री ओमकार मरकाम ने जल्द ही गांवों के समुचित विकास का भरोसा दिलाया.
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