गांधी जयंती: पीएम मोदी की अपील का असर, हरदा में प्लास्टिक मुक्त आंदोलन का आगाज़
News18 Madhya Pradesh Updated: October 2, 2019, 5:45 PM IST

गांधी जयंती पर plastic free India अभियान के तहत खाखरे के दोनों व पत्तलों में परोसा गया भोजन
गांधी जयंती (Gandhi Jayanti ) पर आदिम कटी कल्याण विभाग द्वारा समरसता भोज का आयोजन किया गया. इस भोज में 2 अक्टूबर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्लास्टिक मुक्त भारत की अपील का असर भी देखने को मिला. समरसता भोज में भोजन परोसने के लिए खाखरे के पत्तों से बने पत्तल (प्लेट ) और दोने (पत्तों की कटोरी) का उपयोग किया गया
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- Last Updated: October 2, 2019, 5:45 PM IST
हरदा. मध्य प्रदेश के हरदा जिले में आज 150वीं गांधी जयंती ( 150th Gandhi Jayanti ) पर आयोजित कार्यक्रम में जिला प्रशासन ने अनोखी पहल की. प्लास्टिक का उपयोग न करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा गांधी जयंती पर (Gandhi Jayanti) आयोजित समरसता भोज में पत्तों से बने पत्तल और दोने का उपयोग किया गया. खाखरे के पत्तों से बने पत्तल और दोने में भोजन परोसा गया. समरसता भोज में स्कूली बच्चो के साथ कलेक्टर एस विश्वनाथन (IAS S.Vishvnathan), एसपी बीएस बिरदे (IPS B.S. Birde) सहित मौजूद सभी लोगों ने पत्तों से बनी प्लेट में भोजन किया.
पीएम मोदी की अपील का असर
2 अक्टूबर से पीएम मोदी (PM Modi) ने देशवासियो से प्लास्टिक का उपयोग न करने की अपील की थी जिसके क्रम में हरदा जिला प्रशासन द्वारा मिडिल स्कूल मैदान पर 150वीं गांधी जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद थे. इस आयोजन में स्कूली बच्चो ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दीं. कार्यक्रम के समापन के बाद आदिम कटी कल्याण विभाग द्वारा समरसता भोज का आयोजन किया गया. इस भोज में 2 अक्टूबर से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्लास्टिक मुक्त भारत की अपील का असर भी देखने को मिला.
समरसता भोज में भोजन परोसने के लिए खाखरे के पत्तों से बने पत्तल (प्लेट ) और दोने (पत्तों की कटोरी) का उपयोग किया गया. आयोजन में शामिल सैकड़ों लोगों को इन्हीं पत्तलो में भोजन परोसा गया. हरदा कलेक्टर एस विश्वनाथन, एसपी भगवत सिंह, बिरदे एडीएम प्रियंका गोयल सहित सभी अधिकारियो जनप्रतिनिधियों ने स्कूली बच्चो के साथ जमीन पर बैठकर पत्तलो में भोजन खाया. आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक चंद्रप्रकाश सोनी ने कहा की राष्ट्रपिता गांधी जी की जयंती पर इस भोज का आयोजन किया गया है. पहली बार कार्यक्रम पूरी तरह पॉलीथिन रहित और प्लास्टिक मुक्त रहा इसमें पत्तों से बने पत्तलों में भोजन परोसा गया.खाखरे के पत्तों का वैज्ञानिक महत्व
खाखरे का पेड़ आमतौर पर यहां के जंगलो में पाया जाता है. इन पत्तों का उपयोग ग्रामीण इलाको में और आदिवासी अंचल में भोजन परोसने में प्रयोग किया जाता है. इन पत्तो में भोजन करने से खाना पौष्टिक और सुपाच्य हो जाता है. शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय में पदस्थ विज्ञान विषय के शिक्षक योगेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि खाखरे का पत्ता पर्यावरण के अनुकूल होता है. साथ ही खाखरे का पत्ता कीटाणु रहित (बैक्टीरिया फ्री) होता है. प्राकृतिक होने से आसानी से उपब्लध हो जाता है. इन पत्तों से बनी पत्तलों (प्लेटो )को बनाने में या जोड़ने में धागे का उपयोग भी नहीं होता इसके डंढल ही धागे का काम करते है. और यह प्लास्टिक प्लेटों का विकल्प है. अधिकारियो और आमजन ने ली प्लास्टिक का उपयोग न करने की शपथ- गांधी जयंती के कार्यक्रम में शामिल हुए सभी लोगों को स्वच्छता और प्लास्टिक का उपयोग न करने की शपथ दिलाई गई. समारोह में शामिल सभी लोगों ने आज 2 अक्टूबर से प्लास्टिक का उपयोग न करने शपथ ली.
लोगों को करेंगे जागरूकहरदा कलेक्टर एस विश्वनाथन ने news 18 से बातचीत में कहा कि प्लास्टिक का उपयोग न करने के लिए जिले में जागरूकता अभियान के जरिए लोगों को प्रेरित किया जाएगा. साथ ही कलेक्टर कार्यालय को पूर्ण रूप से प्लास्टिक मुक्त करने की शुरुआत में जल्द ही प्लास्टिक बोतलों में पानी पीना और लाना को प्रतिबंधित किया जाएगा.
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पीएम मोदी की अपील का असर
2 अक्टूबर से पीएम मोदी (PM Modi) ने देशवासियो से प्लास्टिक का उपयोग न करने की अपील की थी जिसके क्रम में हरदा जिला प्रशासन द्वारा मिडिल स्कूल मैदान पर 150वीं गांधी जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद थे. इस आयोजन में स्कूली बच्चो ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दीं. कार्यक्रम के समापन के बाद आदिम कटी कल्याण विभाग द्वारा समरसता भोज का आयोजन किया गया. इस भोज में 2 अक्टूबर से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्लास्टिक मुक्त भारत की अपील का असर भी देखने को मिला.
समरसता भोज में भोजन परोसने के लिए खाखरे के पत्तों से बने पत्तल (प्लेट ) और दोने (पत्तों की कटोरी) का उपयोग किया गया. आयोजन में शामिल सैकड़ों लोगों को इन्हीं पत्तलो में भोजन परोसा गया. हरदा कलेक्टर एस विश्वनाथन, एसपी भगवत सिंह, बिरदे एडीएम प्रियंका गोयल सहित सभी अधिकारियो जनप्रतिनिधियों ने स्कूली बच्चो के साथ जमीन पर बैठकर पत्तलो में भोजन खाया. आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक चंद्रप्रकाश सोनी ने कहा की राष्ट्रपिता गांधी जी की जयंती पर इस भोज का आयोजन किया गया है. पहली बार कार्यक्रम पूरी तरह पॉलीथिन रहित और प्लास्टिक मुक्त रहा इसमें पत्तों से बने पत्तलों में भोजन परोसा गया.खाखरे के पत्तों का वैज्ञानिक महत्व
खाखरे का पेड़ आमतौर पर यहां के जंगलो में पाया जाता है. इन पत्तों का उपयोग ग्रामीण इलाको में और आदिवासी अंचल में भोजन परोसने में प्रयोग किया जाता है. इन पत्तो में भोजन करने से खाना पौष्टिक और सुपाच्य हो जाता है. शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय में पदस्थ विज्ञान विषय के शिक्षक योगेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि खाखरे का पत्ता पर्यावरण के अनुकूल होता है. साथ ही खाखरे का पत्ता कीटाणु रहित (बैक्टीरिया फ्री) होता है. प्राकृतिक होने से आसानी से उपब्लध हो जाता है. इन पत्तों से बनी पत्तलों (प्लेटो )को बनाने में या जोड़ने में धागे का उपयोग भी नहीं होता इसके डंढल ही धागे का काम करते है. और यह प्लास्टिक प्लेटों का विकल्प है. अधिकारियो और आमजन ने ली प्लास्टिक का उपयोग न करने की शपथ- गांधी जयंती के कार्यक्रम में शामिल हुए सभी लोगों को स्वच्छता और प्लास्टिक का उपयोग न करने की शपथ दिलाई गई. समारोह में शामिल सभी लोगों ने आज 2 अक्टूबर से प्लास्टिक का उपयोग न करने शपथ ली.
लोगों को करेंगे जागरूक
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First published: October 2, 2019, 4:54 PM IST
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