एफआईआर दर्ज करवाने में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के एक करीबी आईएएस की भूमिका सामने आ रही है.
भोपाल. व्यापमं घोटाला एक बार फिर चर्चा में है. इस बार चर्चा की वजह है हाल ही में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की एक शिकायत पर हुई एक एफआईआर. इस एफआईआर में व्यापमं घोटाले में भाजपा नेता व मंत्री की मिलीभगत का जिक्र है. एफआईआर की टाइमिंग पर भाजपा में बबाल मचा हुआ है. कई नेता सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं. इसकी शिकायत दिल्ली भी पहुंच गई है.
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की व्यापमं घोटाले की एक शिकायत एसटीएफ ने 6 दिसंबर को एफआईआर दर्ज की है. दिग्विजय सिंह ने यह शिकायत 8 साल पहले तत्कालीन एडीजी सुधीर साही को की थी. इस शिकायत पर एसटीएफ ने अब एफआईआर दर्ज करते हुए यह उल्लेख किया है कि व्यापम द्वारा वर्ष 2006 के बाद जो भी परीक्षाएं ली गई है, उनमें से अधिकांश में कुछ लोगों ने आर्थिक लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से व्यापमं के अधिकारियों से मिलकर तथा मध्य प्रदेश शासन के मंत्री, भाजपा के वरिष्ठ नेता गण तथा अन्य लोगों के प्रत्यक्ष या परोक्ष सहयोग से इस व्यापम घोटाले को अंजाम दिया गया है.
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इसलिए मचा बबाल
एफआईआर में साफ-साफ भाजपा के वरिष्ठ नेताओं व सरकार का जिक्र है. इसी बात से भाजपा संगठन नाराज है. भाजपा के वरिष्ठ नेता नाम न छापने की शर्त पर कहते हैं कि सवा साल कांग्रेस की सरकार रही, तब भी यह एफआईआर दर्ज नहीं हुई. अब अचानक इसी वक्त पर एफआईआर दर्ज करना सोची-समझी साजिश है. खासकर इसमें भाजपा के मंत्रियों के उल्लेख वाली बात. इससे सरकार की भी किरकिरी हुई है. सूत्र बताते हैं कि इस मामले में केंद्रीय नेतृत्व को भी शिकायत की गई है. सरकार भी बैकफुट में है. पुलिस के आला अफसरों को खास हिदायत दी गई है कि इस मामले में अब और कुछ न किया जाए. सूत्र यह भी बताते हैं कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीब एक आईएएस अफसर के इंटरेस्ट की वजह से यह एफआईआर हुई है.
कांग्रेस बोली- सच जुबान पर आ ही जाता है
कांग्रेस प्रवक्त केके मिश्रा का कहना है कि व्यापमं घोटाले को कितना भी भाजपा सरकार दबा ले, लेकिन सच सामने आ जाता है. एक बार फिर खुद एसटीएफ ने यह बात कबूल कर ली है कि व्यापमं घोटाले में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों का हाथ रहा है. अब सरकार को इसमें ईमानदारी से जांच करानी चाहिए और जिन नेताओं और मंत्रियों की भूमिका रही है, उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.
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नई एफआईआर में 8 नए आरोपियों के नाम जुड़े
व्यापम घोटाले में अभी तक सैकड़ों आरोपी बन चुके हैं. अब दिग्विजय की शिकायत पर हुई नई एफआईआर में 8 नाम और जुड़ गए हैं. एसटीएफ की टीम ने बड़वानी निवासी अमित बोडले, झाबुआ निवासी सूरज सिंह मौर्य, रीवा निवासी शिवशंकर प्रसाद, मुरैना निवासी हरिकिशन जाटव, बालाघाट निवासी प्रशांत मेश्राम, अजय निवासी मुरैना, कृष्णा कुमार निवासी अंबिकापुर छत्तीसगढ़ के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. अभी सभी आरोपी फरार बताए जा रहे हैं.
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