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गुना में 26 सौ से ज्यादा बच्चे कुपोषण के शिकार,300 अतिकुपोषित

गुना में कुपोषण का शिकार एक बच्चा

गुना में कुपोषण का शिकार एक बच्चा

सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह के दबदबे वाले गुना में 26 सौ से ज्यादा बच्चे कुपोषण के शिकार हैं,जिसमें से ...अधिक पढ़ें

    सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह के दबदबे वाले गुना में 26 सौ से ज्यादा बच्चे कुपोषण के शिकार हैं,जिसमें से 300 बच्चे अतिकुपोषित की श्रेणी में रखे गए हैं.जिले के बमोरी क्षेत्र में सर्वाधिक बच्चे कुपोषित मिले हैं.आंकड़ों के अनुसार विलुप्त जनजाति में शुमार सहरिया जनजाति कुपोषण के दंश से सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है. अनुसूचित जाति में भी कुपोषण ने अपने पैर पसार रखे हैं. कुपोषित बच्चों को आये दिन पोषण पुनर्वास केंद्रों में भर्ती कराया जाता है लेकिन इतने संवेदनशील मामले को लेकर कोई भी जन-प्रतिनिधि संजीदा नहीं है.

    न्यूज़18 की टीम ने कुपोषण के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि आंगनबाड़ियों में कुपोषित बच्चों में सुधार लाने के लिए केवल कागज़ी जतन किए जाते हैं. कागजों में कुपोषित बच्चों को चिह्नित किया गया है लेकिन उनको सुपोषित करने के लिए परिजनों को प्रेरित नहीं किया जाता. जिला अस्पताल के पोषण केंद्र में टीम को 22 बच्चे मिले जो एएनएम के सहारे थे हालांकि फीडिंग डेमोंस्ट्रेटर की मदद से इन बच्चों का काफी अच्छा रखरखाव किया जा रहा था.

    नीति आयोग ने जन बिन्दुओं पर गुना जिले को प्रदेश के सर्वाधिक 8 पिछड़े जिलों में शुमार किया है, उनमें महिला बाल विकास विभाग मुख्य तौर पर शामिल है. महिला बाल विकास द्वारा कुपोषण पर नज़र रखी जाती है लेकिन विभाग के हालात इतने अच्छे नही हैं. कुपोषण से जंग लड़ने को विभाग के पास अमले से लेकर संसाधनों की भारी कमी है.बीते रोज महिला बाल विकास के केंद्रीय राज्य मंत्री वीरेंद्र कुमार भी गुना पहुंचे थे, जिन्होंने कुपोषण को लेकर मैराथन बैठक कर जिला कलेक्टर से लेकर विभागीय अधिकारियों को नसीहत दी थी.कुल मिलाकर जिले में कुपोषण से निबटने के लिए सिस्टम की कोशिशें नाकाफी साबित हो रही हैं.

    Tags: Guna News

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