शिवराज सरकार में बनी थी ये बिल्डिंग.
गुना. मध्य प्रदेश के गुना (Guna) में हाईटेक व्यवस्थाओं से लैस नवीन कलेक्ट्रेट भवन (Collectorate Building) को पहली नजर में देखकर कोई नहीं कह सकता की ये बिल्डिंग असुरक्षित भी हो सकती है. 22 करोड़ की लागत से निर्मित हाईटेक बिल्डिंग में सुरक्षा के लिहाज से बड़ी खामियां देखने को मिली हैं. जबकि लिफ्ट को सेफ्टी स्टेंडर्ड ऑथोरिटी (Safety Standard Authority) से सुरक्षा प्रमाण पत्र ही नहीं दिया गया है. यही नहीं, साथ ही इस बिल्डिंग में न तो आग बुझाने के लिए फायर एक्स्टिंगशर हैं और न ही पाइप. हैरानी की बात है कि बिना सुरक्षा व्यवस्था के इस बिल्डिंग को ठेकेदार की मिलीभगत से हैंड ओवर भी कर लिया गया. हालांकि हाल ही में हुए खुलासे के बाद जिला प्रशासन की नींद उड़ गई है.
शिवराज सरकार में बनी थी बिल्डिंग
दरअसल, शिवराज सरकार में वर्ष 2016-17 में नवीन कलेक्ट्रेट बिल्डिंग का निर्माण 22 करोड़ से अधिक की लागत से किया गया था. बिल्डिंग का नक्शा पास करते हुए आनन फानन में पूरा भवन निर्मित भी कर दिया गया. इस मामले में ठेकेदार को एक साल के अंदर ही पूरा 22 करोड़ का भुगतान भी कर दिया गया. जबकि नियमानुसार भुगतान की सीमा 5 वर्ष होती है. तत्कालीन कलेक्टर द्वारा चोरी छिपे ठेकेदार को लाभान्वित करने का मामला देखने को मिला है. बेहद चौंकाने वाले इस मामले में करोड़ों की राशि का भुगतान होने के बाद ठेकेदार रफूचक्कर हो गया और पीछे छूट गया असुरक्षित भवन, जिसमे सैंकड़ों कर्मचारी कार्यरत हैं. यदि भविष्य में कभी भी आपातकालीन स्थिति बनती है तो कर्मचारियों की जान मुसीबत में पड़ सकती है. वैसे बिल्डिंग की लिफ्ट में पूर्व में दिव्यांग डिप्टी कलेक्टर भूपेंद्र गोयल भी फंस गए थे, जिन्हें बड़ी मुश्किल से बचाया जा सका था.
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