दिग्विजय सिंह के बेटे के तौर पर नहीं, मेरे नाम पर वोट दे जनता: जयवर्द्धन

दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह (फाइल फोटो)
इस 32 वर्षीय नेता ने न्यूयार्क के कोलंबिया विश्वविद्यालय एवं दिल्ली के श्रीराम कालेज आफ कामर्स से पढ़ाई की है. उन्होंने जब 2013 में पहली बार चुनाव जीता था, उसके बाद से वह अपने विधानसभा क्षेत्र में जमकर मेहनत कर रहे हैं.
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: November 19, 2018, 8:42 PM IST
अपने पारिवारिक क्षेत्र से चुनावी भाग्य दोबारा आजमाने के लिए उतरे पूर्व राघोगढ़ रियासत के वंशज जयवर्धन सिंह का मानना है कि राजनीतिक विरासत होने से मदद मिलती है. पर उनका लक्ष्य पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे के तौर पर नहीं बल्कि स्वयं के बूते पर खुद को साबित एवं स्थापित करने का है.
इस 32 वर्षीय नेता ने न्यूयार्क के कोलंबिया विश्वविद्यालय एवं दिल्ली के श्रीराम कालेज आफ कामर्स से पढ़ाई की है. उन्होंने जब 2013 में पहली बार चुनाव जीता था, उसके बाद से वह अपने विधानसभा क्षेत्र में जमकर मेहनत कर रहे हैं.
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जयवर्धन ने कहा, ‘‘प्रारंभ में यदि आप ऐसी पृष्ठभूमि से आ रहे हों जहां आपके पिता एवं चाचा, सभी इस सीट (राघोगढ़) से खड़े हुए हों तो आपको कुछ लाभ मिलते हैं. उन्होंने बहुत सा काम किया गया जिसके कारण एक तरह से लोग आपके वफादार बन जाते हैं.’’राजनीतिक मुद्दा नहीं पर BJP की पहचान से जुड़ा है राम मंदिर: धर्मेंद्र प्रधान
जयवर्धन ने मीडिया से कहा, ‘‘निश्चित रूप से 2013 के पहले चुनाव में यह मेरे लिए एक बड़ा लाभ था. किंतु उसके बाद मुझे पता चला कि कठिन कार्य तो अब शुरू हुआ है क्योंकि तुलना शुरू हो गयी (इस सीट से जीतने वाले उनके परिजनों से).’’
इस 32 वर्षीय नेता ने न्यूयार्क के कोलंबिया विश्वविद्यालय एवं दिल्ली के श्रीराम कालेज आफ कामर्स से पढ़ाई की है. उन्होंने जब 2013 में पहली बार चुनाव जीता था, उसके बाद से वह अपने विधानसभा क्षेत्र में जमकर मेहनत कर रहे हैं.
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जयवर्धन ने मीडिया से कहा, ‘‘निश्चित रूप से 2013 के पहले चुनाव में यह मेरे लिए एक बड़ा लाभ था. किंतु उसके बाद मुझे पता चला कि कठिन कार्य तो अब शुरू हुआ है क्योंकि तुलना शुरू हो गयी (इस सीट से जीतने वाले उनके परिजनों से).’’