BIP में Poster Politics : अब सिंधिया के पोस्टर में नरेन्द्र सिंह तोमर की No Entry

BIP में Poster Ploitics : अब सिंधिया के पोस्टर में नरेन्द्र सिंह तोमर की No Entry
नरेन्द्र सिंह तोमर (narendra singh tomar) के पोस्टर में सिंधिया (scindia ) को जगह नहीं मिली तो चर्चा चल पड़ी कि उन्हें ये क्षेत्र भी पूरी तरह से अपनाने के लिए तैयार नहीं है. हालांकि बीजेपी नेता इस तरह के आरोपों से लगातार इनकार करते रहते हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: June 18, 2020, 4:06 PM IST
गुना. मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में कांग्रेस (congress) और बीजेपी (bjp) में वीडियो वॉर (video war) चल रहा है लेकिन ग्वालियर-चंबल की राजनीति में तो बीजेपी में ही पोस्टर वॉर (poster war) जारी है. पहले ग्वालियर में केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के पोस्टर लगे जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia) को जगह नहीं मिली. अब गुना में सिंधिया समर्थकों ने पोस्टर लगा दिए हैं जिसमें नरेन्द्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar गायब हैं.
पोस्टर पॉलिटिक्स
सिंधिया बनाम तोमर पोस्टर वॉर अब ग्वालियर से निकलकर गुना आ पहुंचा है. यहां एक पोस्टर लगाया गया है. पोस्टर में जिस मुद्दे का जिक्र है वो तो कोरोना महामारी का है लेकिन जो मुद्दा बिना दिखे भी ज़्यादा दिखाई दे रहा है वो है सिंधिया के पोस्टर में नरेन्द्र सिंह तोमर का न होना. ये पोस्टर बमौरी विधानसभा सीट के सिंधिया समर्थक कार्यकर्ताओं की ओर से लगाया गया है. इसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया की फोटो छायी हुई है. कहा गया है-बमौरी का हर परिवार मेरा परिवार. हम कोरोना के खिलाफ साथ मिलकर लड़ेंगे.
पोस्टर में के पी यादव को भी जगहपोस्टर में पूर्व मंत्री और विधायक सिंधिया समर्थक महेन्द्र सिंह सिसोदिया को खास जगह दी गयी है. इसके साथ पीएम मोदी, अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा, प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा, शिवराज सिंह चौहान की फोटो है. यहां तक कि सिंधिया के खिलाफ चुनाव जीते उनके पूर्व पी ए के पी यादव, ज़िलाध्यक्ष गजेन्द्र सिंह सिकरवार और विधायक गोपीलाल जाटव को भी जगह दी गयी है. लेकिन अगर कोई नहीं है तो वो हैं ग्वालियर चंबल में पार्टी का सबसे वरिष्ठ चेहरा नरेन्द्र सिंह तोमर का.
सलूजा नाराज़
जब पोस्टर शहर में लगा तो सबने देखा. जिन्होंने नहीं देखा था उन तक बात पहुंच गयी. पूर्व विधायक राजेंद्र सलूजा ने नाराजगी जताने में देर नहीं की. उन्होंने कहा नरेंद्र सिंह तोमर का फोटो न होना निंदनीय है. उन्होंने चेतावनी दी कि भविष्य में फिर कभी ऐसा न हो.
ये है मसला
दरअसल इसकी शुरुआत ग्वालियर से हुई. पिछले दिनों ग्वालियर में दो नरेन्द्र सिंह तोमर के जन्मदिन और उससे पहले एक बार दो अलग-अलग मौकों पर पोस्टर लगाए गए.उसमें बीजेपी के सभी आला नेताओं को जगह मिली लेकिन सिंधिया उसमें कहीं नज़र नहीं आए. पार्टी ने सफाई दी कि ये पार्टी के नहीं बल्कि समर्थकों की ओर से लगाए गए पोस्टर हैं.
लगातार चर्चा में सिंधिया
मध्य प्रदेश की राजनीति में इन दिनों ज्योतिरादित्य सिंधिया चर्चा में हैं. कोरोना संक्रमण के कारण दिल्ली के अस्पताल में भर्ती ग्वालियर के 'महाराज' को लेकर सियासत गर्माई हुई है. कुछ दिन पहले टि्वटर प्रोफाइल से 'BJP' हटाने को लेकर सिंधिया सुर्खियों में थे, फिर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के जन्मदिन के मौके पर लगे पोस्टर में उनकी 'नामौजूदगी' की चर्चाएं जोरों पर रही.है. ग्वालियर में लगे इन पोस्टरों में सिंधिया की तस्वीर को जगह न मिलने को लोग, मध्य प्रदेश में 24 सीटों के लिए होने वाले विधानसभा उपचुनाव से जोड़कर देख रहे हैं.

दिल्ली में इलाज करा रहे सिंधिया
बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी मां माधवी राजे को कोरोना हो गया था. दोनों दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे.
ये है चर्चा
जब तोमर के पोस्टर में सिंधिया को जगह नहीं मिली तो चर्चा चल पड़ी कि उन्हें बीजेपी के ये क्षत्रप अभी भी पूरी तरह से अपनाने के लिए तैयार नहीं है. हालांकि बीजेपी नेता इस तरह के आरोपों से लगातार इनकार करते रहते हैं. फिलहाल कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे सिंधिया के स्वस्थ होने का इंतजार किया जा रहा है. (गुना से विकास दीक्षित के इनपुट के साथ)
पोस्टर पॉलिटिक्स
सिंधिया बनाम तोमर पोस्टर वॉर अब ग्वालियर से निकलकर गुना आ पहुंचा है. यहां एक पोस्टर लगाया गया है. पोस्टर में जिस मुद्दे का जिक्र है वो तो कोरोना महामारी का है लेकिन जो मुद्दा बिना दिखे भी ज़्यादा दिखाई दे रहा है वो है सिंधिया के पोस्टर में नरेन्द्र सिंह तोमर का न होना. ये पोस्टर बमौरी विधानसभा सीट के सिंधिया समर्थक कार्यकर्ताओं की ओर से लगाया गया है. इसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया की फोटो छायी हुई है. कहा गया है-बमौरी का हर परिवार मेरा परिवार. हम कोरोना के खिलाफ साथ मिलकर लड़ेंगे.
पोस्टर में के पी यादव को भी जगहपोस्टर में पूर्व मंत्री और विधायक सिंधिया समर्थक महेन्द्र सिंह सिसोदिया को खास जगह दी गयी है. इसके साथ पीएम मोदी, अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा, प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा, शिवराज सिंह चौहान की फोटो है. यहां तक कि सिंधिया के खिलाफ चुनाव जीते उनके पूर्व पी ए के पी यादव, ज़िलाध्यक्ष गजेन्द्र सिंह सिकरवार और विधायक गोपीलाल जाटव को भी जगह दी गयी है. लेकिन अगर कोई नहीं है तो वो हैं ग्वालियर चंबल में पार्टी का सबसे वरिष्ठ चेहरा नरेन्द्र सिंह तोमर का.
सलूजा नाराज़
जब पोस्टर शहर में लगा तो सबने देखा. जिन्होंने नहीं देखा था उन तक बात पहुंच गयी. पूर्व विधायक राजेंद्र सलूजा ने नाराजगी जताने में देर नहीं की. उन्होंने कहा नरेंद्र सिंह तोमर का फोटो न होना निंदनीय है. उन्होंने चेतावनी दी कि भविष्य में फिर कभी ऐसा न हो.
ये है मसला
दरअसल इसकी शुरुआत ग्वालियर से हुई. पिछले दिनों ग्वालियर में दो नरेन्द्र सिंह तोमर के जन्मदिन और उससे पहले एक बार दो अलग-अलग मौकों पर पोस्टर लगाए गए.उसमें बीजेपी के सभी आला नेताओं को जगह मिली लेकिन सिंधिया उसमें कहीं नज़र नहीं आए. पार्टी ने सफाई दी कि ये पार्टी के नहीं बल्कि समर्थकों की ओर से लगाए गए पोस्टर हैं.
लगातार चर्चा में सिंधिया
मध्य प्रदेश की राजनीति में इन दिनों ज्योतिरादित्य सिंधिया चर्चा में हैं. कोरोना संक्रमण के कारण दिल्ली के अस्पताल में भर्ती ग्वालियर के 'महाराज' को लेकर सियासत गर्माई हुई है. कुछ दिन पहले टि्वटर प्रोफाइल से 'BJP' हटाने को लेकर सिंधिया सुर्खियों में थे, फिर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के जन्मदिन के मौके पर लगे पोस्टर में उनकी 'नामौजूदगी' की चर्चाएं जोरों पर रही.है. ग्वालियर में लगे इन पोस्टरों में सिंधिया की तस्वीर को जगह न मिलने को लोग, मध्य प्रदेश में 24 सीटों के लिए होने वाले विधानसभा उपचुनाव से जोड़कर देख रहे हैं.
दिल्ली में इलाज करा रहे सिंधिया
बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी मां माधवी राजे को कोरोना हो गया था. दोनों दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे.
ये है चर्चा
जब तोमर के पोस्टर में सिंधिया को जगह नहीं मिली तो चर्चा चल पड़ी कि उन्हें बीजेपी के ये क्षत्रप अभी भी पूरी तरह से अपनाने के लिए तैयार नहीं है. हालांकि बीजेपी नेता इस तरह के आरोपों से लगातार इनकार करते रहते हैं. फिलहाल कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे सिंधिया के स्वस्थ होने का इंतजार किया जा रहा है. (गुना से विकास दीक्षित के इनपुट के साथ)