गर्भवती महिला को नहीं मिला एंबुलेंस, 5 KM पैदल चलकर अस्पताल पहुंचा नेत्रहीन दंपति
मध्य प्रदेश के गुना में एक गर्भवती महिला को 5 किलोमीटर से ज्यादा पैदल चलकर जिला अस्पताल पहुंचना पड़ा.
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: August 9, 2019, 2:58 PM IST
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में स्वास्थ्य सेवाएं किस कदर बेहाल हैं इसकी एक बानगी गुना में देखने को मिली है. यहां एक गर्भवती महिला (Pregnant Lady) को 5 किलोमीटर से ज्यादा पैदल चलकर जिला अस्पताल (District Hospital) पहुंचना पड़ा. रुठियाई उप स्वास्थ्य केंद्र पर एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से एंबुलेंस की गुहार लगाने के बावजूद उनकी सुनवाई नहीं हो सकी. बेहद गरीब दंपति के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वह निजी वाहन की व्यवस्था कर पाते इसलिए रात में पैदल ही गुना जिला अस्पताल के लिए निकल पड़े. साढ़े सात महीने की गर्भवती शीला बाई लोधा और उसका पति हनुमत सिंह दृष्टिहीन हैं.
शीलाबाई को ब्लड की थी जरूरत
गुना जिले के ग्राम गोरा निवासी महिला शीलाबाई में खून की बेहद कमी थी, इसलिए दंपति ने रुठियाई उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर खून के लिए स्टाफ नर्स से गुहार लगाई. लेकिन उप स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद नर्स ने पति पत्नी की मदद करने से इंकार कर दिया. पति हनुमत सिंह लोधा ने महिला कर्मचारी से जब एम्बुलेंस के बारे में पूछा तो नर्स ने उनकी मदद करने से इनकार करते हुए अपने स्तर पर ही व्यवस्थाएं जुटाने की हिदायत दे डाली.
बेहद गरीबी में जीवन यापन कर रहे हैं दंपति
गुना जिले में महज कागज़ों में संचालित जननी एक्सप्रेस भी नदारद रही. बेहद गरीबी में जीवन यापन करने वाले दम्पति के पास इतने पैसे नहीं थे की वे निजी वाहन की व्यवस्था कर पाते, इसलिए मजबूरन पैदल ही गुना जिला अस्पताल के लिए चल पड़े. रुठियाई से गुना की दूरी 15 KM है. रुठियाई से 5 KM पदयात्रा के बाद एक ऑटो चालक ने दिव्यांग दंपति को देखा तो उसे अपने ऑटो में बैठाकर अस्पताल छोड़ा.
अस्पताल में हुआ हंगामा तब मरीज को ब्लड चढ़ाया गया
अस्पताल में पहुंचने के बाद मैटरनिटी वार्ड में मौजूद ड्यूटी पर डॉक्टर उषा चौरसिया ने महिला के पति से ब्लड की व्यवस्था करने के बारे में कहा. पीड़ित पति को कुछ समाजसेवकों ने O—NEGATIVE ब्लड की भी व्यवस्था करवा दी है, लेकिन महिला डॉक्टर ने कह दिया कि ब्लड खराब हो चुका है, इसे नहीं चढ़ाया जा सकता. शुक्रवार की सुबह अस्पताल में हंगामा हुआ तब कहीं जाकर मैटरनिटी वार्ड में शीलाबाई को पलंग नसीब हो सका और ब्लड चढ़ाया गया.
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शीलाबाई को ब्लड की थी जरूरत
गुना जिले के ग्राम गोरा निवासी महिला शीलाबाई में खून की बेहद कमी थी, इसलिए दंपति ने रुठियाई उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर खून के लिए स्टाफ नर्स से गुहार लगाई. लेकिन उप स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद नर्स ने पति पत्नी की मदद करने से इंकार कर दिया. पति हनुमत सिंह लोधा ने महिला कर्मचारी से जब एम्बुलेंस के बारे में पूछा तो नर्स ने उनकी मदद करने से इनकार करते हुए अपने स्तर पर ही व्यवस्थाएं जुटाने की हिदायत दे डाली.
बेहद गरीबी में जीवन यापन कर रहे हैं दंपति

साढ़े सात महीने की गर्भवती शीला बाई लोधा और उसका पति हनुमत सिंह दृष्टिहीन है.
गुना जिले में महज कागज़ों में संचालित जननी एक्सप्रेस भी नदारद रही. बेहद गरीबी में जीवन यापन करने वाले दम्पति के पास इतने पैसे नहीं थे की वे निजी वाहन की व्यवस्था कर पाते, इसलिए मजबूरन पैदल ही गुना जिला अस्पताल के लिए चल पड़े. रुठियाई से गुना की दूरी 15 KM है. रुठियाई से 5 KM पदयात्रा के बाद एक ऑटो चालक ने दिव्यांग दंपति को देखा तो उसे अपने ऑटो में बैठाकर अस्पताल छोड़ा.
अस्पताल में हुआ हंगामा तब मरीज को ब्लड चढ़ाया गया
अस्पताल में पहुंचने के बाद मैटरनिटी वार्ड में मौजूद ड्यूटी पर डॉक्टर उषा चौरसिया ने महिला के पति से ब्लड की व्यवस्था करने के बारे में कहा. पीड़ित पति को कुछ समाजसेवकों ने O—NEGATIVE ब्लड की भी व्यवस्था करवा दी है, लेकिन महिला डॉक्टर ने कह दिया कि ब्लड खराब हो चुका है, इसे नहीं चढ़ाया जा सकता. शुक्रवार की सुबह अस्पताल में हंगामा हुआ तब कहीं जाकर मैटरनिटी वार्ड में शीलाबाई को पलंग नसीब हो सका और ब्लड चढ़ाया गया.
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