अंडरपास में भरा पानी: गाड़ी लेकर पटरी पार कर रहे थे लोग, अचानक आ गई ट्रेन

अंडरपास में भरा पानी: गाड़ी लेकर पटरी पार कर रहे थे लोग, अचानक आ गई ट्रेन
पटरियों से गुजरते वक्त अचानक ट्रेन के आने से भगदड़ मच गई. गनीमत रही कि किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई.
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: July 5, 2019, 12:40 PM IST
मध्य प्रदेश के गुना जिले में रेलवे के अंडरपास में बारिश का पानी भरने से आवागमन बाधित हो गया है. लोगों को मजबूरन रेलवे ट्रैक के ऊपर से अपने वाहनों को निकालना पड़ रहा है. इस दौरान पटरियों से गुजरते वक्त अचानक ट्रेन के आने से भगदड़ मच गई. गनीमत रही कि किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई.
रेलवे अंडरपास लोगों के लिए मुसीबत
दरअसल, बारिश शुरू होते ही एक बार फिर से रेलवे अंडरपास लोगों के लिए मुसीबत बनकर खड़ा हो गया है. तकनीकी खामियों के चलते रेलवे अंडरपास ब्रिज में हमेशा की तरह बारिश का पानी जमा हो जाता है. इस कारण अक्सर आवागमन बाधित हो जाता है. खेजरा, पगारा, म्याना समेत जिले के सभी अंडरब्रिज जलमग्न हो जाते हैं.
आज तक रेलवे ने नहीं की कोई कार्रवाई लोगों का कहना है कि रेलवे अंडरपास ब्रिज में पानी करीब 6 से 7 फीट की ऊंचाई तक भर जाता है, जिसे पार करना खतरे से खाली नहीं होता. रेलवे अंडरपास ब्रिज को सुधारने के लिए रेलवे प्रशासन द्वारा आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई जबकि लगातार इस मुद्दे को उठाया गया है. बारिश के मौसम में अंडरपास पूरी तरह से जलमग्न हो जाता है, जहां अक्सर हादसे भी हो जाते हैं.
लापरवाह रेलवे प्रशासन
बता दें कि बीते वर्ष भी दो ट्रैक्टर अंडरपास ब्रिज में डूब गए थे. हालांकि ट्रैक्टर चालकों ने बड़ी मुश्किल से अपनी जान बचाई थी. नियम के अनुसार अंडरपास ब्रिज में जमे हुए पानी को निकालने के लिए पंप से पानी निकाला जाता है, लेकिन रेलवे प्रशासन द्वारा लापरवाही बरती जा रही है. बारिश के शुरुआती दौर में ही स्थितियां बिगड़ने लगी है. अगर जल्द ही कुछ नहीं किया जाता है तो गंभीर हादसा देखने को मिल सकता है.
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रेलवे अंडरपास लोगों के लिए मुसीबत
दरअसल, बारिश शुरू होते ही एक बार फिर से रेलवे अंडरपास लोगों के लिए मुसीबत बनकर खड़ा हो गया है. तकनीकी खामियों के चलते रेलवे अंडरपास ब्रिज में हमेशा की तरह बारिश का पानी जमा हो जाता है. इस कारण अक्सर आवागमन बाधित हो जाता है. खेजरा, पगारा, म्याना समेत जिले के सभी अंडरब्रिज जलमग्न हो जाते हैं.
आज तक रेलवे ने नहीं की कोई कार्रवाई लोगों का कहना है कि रेलवे अंडरपास ब्रिज में पानी करीब 6 से 7 फीट की ऊंचाई तक भर जाता है, जिसे पार करना खतरे से खाली नहीं होता. रेलवे अंडरपास ब्रिज को सुधारने के लिए रेलवे प्रशासन द्वारा आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई जबकि लगातार इस मुद्दे को उठाया गया है. बारिश के मौसम में अंडरपास पूरी तरह से जलमग्न हो जाता है, जहां अक्सर हादसे भी हो जाते हैं.
लापरवाह रेलवे प्रशासन
बता दें कि बीते वर्ष भी दो ट्रैक्टर अंडरपास ब्रिज में डूब गए थे. हालांकि ट्रैक्टर चालकों ने बड़ी मुश्किल से अपनी जान बचाई थी. नियम के अनुसार अंडरपास ब्रिज में जमे हुए पानी को निकालने के लिए पंप से पानी निकाला जाता है, लेकिन रेलवे प्रशासन द्वारा लापरवाही बरती जा रही है. बारिश के शुरुआती दौर में ही स्थितियां बिगड़ने लगी है. अगर जल्द ही कुछ नहीं किया जाता है तो गंभीर हादसा देखने को मिल सकता है.
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