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Navratri 2023: खजाने में से निकली थी देवी प्रतिमा, रोचक है भेलसे वाली माता के मंदिर का इतिहास

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महाराष्ट्रीयन

महाराष्ट्रीयन पद्धति से होती है भेलसे वाली माता की पूजा

Gwalior News: शहर की बहोड़ापुर क्षेत्र में जनक ताल के समीप ऊंची पहाड़ी पर तुलजापुर वासनी महिषासुर मर्दिनी माता का मंदिर ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट: विजय राठौड़

ग्वालियर: शहर के बहोड़ापुर क्षेत्र में जनकताल के समीप ऊंची पहाड़ी पर तुलजापुर वासनी महिषासुर मर्दिनी माता का मंदिर है. जिसे शहरवासी भेलसे वाली माता के नाम से जानते हैं. इस मंदिर की स्थापना सिंधिया राजघराने द्वारा की गई थी. मंदिर की स्थापना को लेकर बेहद रोचक कहानी है. इतिहासकार माता प्रसाद शुक्ल ने बताया कि मंदिर की स्थापना लगभग 175 वर्ष पूर्व हुई थी, जिसे सिंधिया घराने के शासकों द्वारा करवाया गया था.

बताया कि रियासत काल के समय में अक्सर राजा महाराजा एक दूसरे पर आक्रमण कर देते थे. साथ ही बेशकीमती खजाना अपने साथ ले जाते थे. इसी तरह सिंधिया राजघराने के एक सेनापति गोविंदराव विट्ठल ने लगभग 175 वर्ष पूर्व भेलसा जिसे वर्तमान में विदिशा के नाम से जाना जाता है, उस पर आक्रमण कर जीत हासिल की थी. इसके बाद सेनापति द्वारा वहां की बेशकीमती खजाने को भी ग्वालियर लाया गया था.

इसलिए कहा जाता है भेलसे वाली माता मंदिर
जब यह खजाना खोला गया तो उसमें मां तुलजा भवानी की भी प्रतिमा प्राप्त हुई, जिसे देखकर तत्कालीन शासक जयाजीराव सिंधिया बेहद भावुक हो गए. उन्होंने माता की आराधना करते हुए उनकी स्थापना करने की बात कही और फिर जनक ताल के पास ऊंची पहाड़ी पर मंदिर का निर्माण कर उसमें माता की स्थापना की गई. बताया जाता है कि मंदिर में स्थापित प्रतिमा भेलसा से प्राप्त हुई थी, इसलिए इस मंदिर को भेलसे वाली माता का मंदिर कहा जाता है.

महाराष्ट्रीयन पद्धति से होती है आराधना
भेलसे वाली माता की पूजा ग्वालियर में पूरी तरह से महाराष्ट्रीयन पद्धति से की जाती है. जहां पूजा के लिए महाराष्ट्रीयन विधि का प्रयोग किया जाता है. हल्दी रोली से माता का शृंगार कर माता को चुनरी पहनाई जाती है, जिसकी लंबाई लगभग 16 हाथ के बराबर होती है. इतना ही नहीं, मंदिर के बाहर द्वार पर दो दीपस्तंभ भी हैं, जिनमें नवदुर्गा में दीपक जलाए जाते हैं. बताया जाता है कि एक बार में लगभग दोनों स्तंभों में 500 दीपक प्रज्वलित किए जाते हैं. यह दृश्य बेहद मनमोहक होता है.

Tags: Chaitra Navratri, Gwalior news, Mp news

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