ग्वालियर. डॉ गोविंद सिंह ने भिंड जिले की लहार विधानसभा सीट के अजेय योद्धा हैं. इस सीट से लगातार 7 बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड उनके नाम है. वो यहां से 1990 से लेकर 2018 तक लगातार 7 बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. MP में BJP के गोपाल भार्गव ही ऐसे नेता हैं जो एक ही सीट से 8 बार लगातार विधानसभा चुनाव जीते हैं. और सबसे बड़ा रिकॉर्ड बीजेपी नेता पूर्व सीएम स्व. बाबूलाल गौर के नाम है जो भोपाल की गोविंदपुरा सीट से 10 बार चुनाव जीते थे.
भिंड जिले की लहार विधानसभा सीट भी कांग्रेस का वो किला है, जिसे बीजेपी भेद नहीं पाई है. इस सीट पर कांग्रेस के कद्दावर नेता डॉ. गोविंद सिंह 1990 से अंगद की तरह पैर जमाए हुए हैं. गोविंद सिंह ने अब तक 7 बार विधानसभा चुनाव जीते हैं. एक भी विधानसभा चुनाव नहीं हारा है. यहां तक कि लहार सीट पर 1990 की राम लहर भी उन्हें नहीं हरा पायी थी. 2003 की उमा लहर, 2008 की शिवराज लहर और 2013 की शिवराज- मोदी लहर में भी वो कांग्रेस का परचम लहराए खड़े रहे.
लहार सीट पर गोविंद सिंह का चुनावी इतिहास
1990- गोविंद सिंह ने बीजेपी के मथुरा महंत को 14617 वोटों से मात दी.
1993 – गोविंद सिंह ने बीजेपी के मथुरा महंत को फिर से 7822 वोटों से हराया.
1998 – गोविंद सिंह ने बीजेपी के मथुरा प्रसाद को 6086 वोटों से शिकस्त दी.
2003 – गोविंद सिंह ने बीएसपी के रामाशंकर सिंह को 4085 वोटों से हराया. बीजेपी तीसरे स्थान पर खिसक गई.
2008 – गोविंद सिंह ने बीएसपी के रमेश महंत को 4878 वोटों से शिकस्त दी, इस बार भी बीजेपी तीसरे नंबर पर रही.
2013 – गोविंद सिंह ने बीजेपी के रसाल सिंह को 6272 वोटों से मात दी.
2018- गोविंद सिंह ने बीजेपी के रसाल सिंह को 9073 वोट से हराया
ग्वालियर चंबल में सिंधिया को देंगे चुनौती
डॉ. गोविंद सिंह को दिग्विजय गुट का नेता माना जाता है. यही वजह है दिग्गी राजा ने सिंधिया के खिलाफ गोविंद सिंह को उतारने के लिए नेता प्रतिपक्ष बनवाने आला कमान के सामने जोर लगाया था. नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद अब गोविंद सिंह BJP नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनौती देंगे. ग्वालियर चंबल अंचल में 34 विधानसभा सीट हैं. 2018 में कांग्रेस ने 26 सीट जीती थीं. हालांकि सिंधिया के BJP में जाने के बाद 2020 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने कुछ सीटें गंवा भी दीं. लेकिन अब भी अंचल की 34 में से 17 सीट कांग्रेस के पास हैं. 16 BJP के खाते में और एक BSP के पास है. यानि कांग्रेस अभी भी बीजेपी से एक सीट आगे है.
कांग्रेस के लिए अच्छा संदेश
डॉ. गोविंद सिंह के नेता प्रतिपक्ष बनने से ग्वालियर चंबल अंचल में कांग्रेस को मजबूती मिलेगी. सिंधिया के भाजपा में जाने के बाद अंचल में कांग्रेस नेतृत्व विहीन नज़र आ रही थी. गोविंद सिंह को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी मिलने से कांग्रेस 2023 के लिए BJP के सामने बड़ी चुनौती पेश करेगी.
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