Electricity Bill. प्रद्यु्म्न सिंह तोमर ग्वालियर से विधायक हैं. बिजली बिल के सबसे ज्यादा डिफॉल्टर भी उन्हीं के इलाके में हैं.
ग्वालियर. ये खबर दिलचस्प है. मध्य प्रदेश में बिजली उपभोक्तों से बकाया बिल वसूलने के लिए सख्ती हो रही है. लेकिन सबसे ज्यादा बकायादार खुद प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के विधानसभा क्षेत्र में हैं. कांग्रेस का कहना है चुनावी साल में मंत्रीजी अपने इलाके के बकायादारों पर सख्ती नहीं करने दे रहे कि कहीं चुनाव में हार न जाएं.
ग्वालियर रीजन ( शहर) में बिजली विभाग का 480 करोड़ रुपया बकाया है. सबसे ज्यादा ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के विधानसभा क्षेत्र में डिफॉल्टर हैं. यहां उपभोक्ताओं पर 200 करोड़ का बिल बकाया है. अन्य इलाकों में वसूली की सख्ती लेकिन ऊर्जा मंत्री के इलाके में बिजली विभाग मेहरबान है. कांग्रेस का आरोप है ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर चुनाव में अपनी डूबती नैया बचाने के लिए वसूली नहीं होने दे रहे. हालांकि ऊर्जा मंत्री ने कहा सब से वसूली होगी और बिल जमा नहीं करने वालों के कनेक्शन काटे जाएंगे.
बिजली बिल वसूली के लिए सख्ती
मध्यप्रदेश में बिजली बिल की बकाया रकम वसूली के लिए बिजली कम्पनियां सख्ती भरा अभियान चला रही हैं. MP के कई इलाकों में बकायदारों से वसूली के लिए ट्रांसफॉर्मर हटा दिए गए, तो बड़े डिफॉल्टरों के बिजली कनेक्शन भी काटे जा रहे हैं. लेकिन दूसरी तरफ ऊर्जा मंत्री के इलाके में अफसर बकायादारों- डिफॉल्टरों पर मेहरबान हैं. ग्वालियर शहर में बिजली कम्पनी का उपभोक्ताओं पर 480 करोड़ रुपया बिजली का बिल बकाया है. एक लाख उपभोक्ता ऐसे हैं जो नियमित बिल जमा नहीं कर रहे हैं. इनमें सबसे ज्यादा ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के विधानसभा क्षेत्र में 201 करोड़ की राशि बकाया है.
हार के डर से ऊर्जा मंत्री मेहरबान
कांग्रेस का आरोप है कि ऊर्जा मंत्री प्रधुम्न सिंह तोमर चुनावी साल होने के कारण डर रहे हैं. उन्हें डर है कि कहीं ऐसा न हो जाए कि बिल वसूलने में सख्ती की तो मतदाता नाराज हो जाएं और वो चुनाव में हार जाएं. कांग्रेस ने तंज कसते हुए कहा मंत्री जी अपनों पर करम और गैरों पर सितम कर रहे हैं। कांग्रेस का कहना है कि ऊर्जामंत्री चुनाव से पहले बिल माफी का झांसा देंगे, चुनाव के बाद कुर्की कराएंगे।
कोरोना के बाद बिल ही नहीं दे रहे उपभोक्ता
ग्वालियर में कोरोना काल में 300 करोड़ रूपये का बकाया बिजली बिल माफ किया जा चुका है. 2 बार लॉक डाउन में बकाया बिल माफ हो गया. उसके बाद घरेलू उपभोक्ताओं ने बिजली बिल जमा करना ही बंद कर दिया. यही वजह है कि ग्वालियर में बिजली का बकाया बिल की रकम 480 करोड़ रुपए हो गयी है. इसमें 370 करोड़ रुपए घरेलू उपभोक्ताओं पर बकाया हैं. चुनावी साल होने के कारण उपभोक्ताओं को उम्मीद है कि शायद चुनाव से पहले उन्हें एक बार फिर बिजली बिल माफी की राहत मिल जाए.
सबसे की जाएगी सख्ती
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर भी अपना वोट बैंक बरक़रार रखने के लिए अपने इलाके में सख्ती कराने के मूड में नहीं हैं. हालांकि उनका कहना है सरकार बिजली की बेहतर सुविधाएं दे रही है तो जनता को सहयोगात्मक रवैया अपनाते हुए बिल जमा करना चाहिए. ऊर्जा मंत्री ने साफ कहा किसी भी इलाके में डिफाल्टर को बख्शा नहीं जाएगा, सभी बड़े लोगों, संस्थानों से बकाया बिजली बिल जाएगा.
हर महीने 10 करोड़ का सरचार्ज
ग्वालियर शहर में उपभक्ताओ पर बिजली कंपनी का 480 करोड़ रुपए बकाया है, इसमे हर महीने 10 करोड़ रुपए का अधिभार भी लग रहा है. प्रदेश में सख्ती है लेकिन ऊर्जामंत्री के इलाके में वसूली का मामला ठंडा है. उधर डिफाल्टर उपभोक्ता चुनावी साल में बिल माफी की आस लगाए बैंठे हैं. इस कारण 80 फीसदी उपभोक्ता बिल जमा नहीं कर रहे हैं.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Electricity Bills, Gwalior news, Madhya pradesh latest news