प्रतीकात्मक फोटो.
रिपोर्ट: विजय राठौड़
ग्वालियर: जरूरी नहीं कि हर फैसला कोर्ट में ही हो, कई फैसले कोर्ट के बाहर भी ले लिए जाते हैं. ऐसा ही एक मामला ग्वालियर की फैमिली कोर्ट के बाहर देखने को मिला, जहां दो पत्नियों ने अपने एक पति का बंटवारा इस कदर किया कि रजामंदी से तीन-तीन दिन के लिए उसे अपने साथ रखने का निर्णय लिया है. इतना ही नहीं, सप्ताह का 1 दिन संडे पति को अपने मन से रहने के लिए भी दिया है.
काउंसलर हरीश दीवान ने बताया कि 28 वर्षीय सीमा का विवाह हरियाणा के गुड़गांव में कार्यरत इंजीनियर के साथ 2018 में हुआ था. 2 साल तक पति पत्नी साथ रहे, जिनका एक बेटा भी है. इसके बाद लॉकडाउन की स्थिति में पति सीमा को ग्वालियर छोड़ गया था. जिसके बाद वह लंबे समय तक उसे लेने नहीं आया. जब सीमा ग्वालियर में थी तो उस दौरान इंजीनियर पति का अपने ही ऑफिस में काम करने वाली एक सहकर्मी के साथ संबंध जुड़ गया. यह संबंध इतना गहरा हो गया कि दोनों लिव-इन में रहने लगे. इसके बाद दोनों ने शादी भी कर ली. इतना ही नहीं, पति की दूसरी पत्नी के एक लड़की भी है.
पहली पत्नी ने दायर किया वाद
इस बात की जानकारी जब ग्वालियर में रह रही पहली पत्नी सीमा को लगी तो वह गुड़गांव पहुंच गई, जहां पूरी सच्चाई का उसे पता चला. तभी इस बात को लेकर दोनों में भयंकर विवाद भी हुआ और सीमा नाराज होकर ग्वालियर वापस आ गई. उसने फैमिली कोर्ट में आकर पति पर केस कर उससे भरण पोषण और उसके बच्चे के पालन के लिए व्यवस्था का वाद दायर किया.
कई बार काउंसलिंग
हरीश दीवान ने बताया कि जब केस उनके समक्ष आया तो उन्होंने पूरे केस को समझा और पति पत्नी दोनों के बीच कई बार काउंसलिंग भी की गई. इस दौरान हरीश ने महिला को समझाया कि भरण पोषण के नाम पर तुम्हें ₹5000 से अधिक तो नहीं मिल पाएंगे. इससे तुम्हारा क्या होगा और बच्चे को भी अच्छा भविष्य नहीं मिल पाएगा. बच्चा भी अपने पिता के प्यार से वंचित रह जाएगा. इतना ही नहीं काउंसलर हरीश ने महिला के पति से भी फोन पर बात कर उन्हें समझाया. साथ ही पति-पत्नी को एक साथ कुटुंब न्यायालय बुलाया, जहां न्यायालय में जाने से पहले ही दोनों के मध्य समझौता करवा दिया.
दोनों पत्नियों को अलग-अलग फ्लैट
इस दौरान काउंसलर हरीश दीवान ने कोर्ट में जाने से पहले ही दोनों के मध्य समझौता कर सुलह करवाई. इसमें निर्णय यह हुआ कि एक सप्ताह में पति 3 दिन पहली पत्नी के साथ और 3 दिन दूसरी पत्नी के साथ रहेगा. साथ ही रविवार के दिन वह अपनी मर्जी से कहीं भी रह सकता है. इतना ही नहीं दोनों ही पत्नियों को उसने अलग-अलग फ्लैट भी गुरुग्राम में ही दिया है, ताकि वह समय पर दोनों के साथ रह सके.
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