रिपोर्ट: विजय राठौड़
ग्वालियर: मां आदिशक्ति अपने विभिन्न स्वरूपों के साथ अलग-अलग स्थानों पर विराजमान हैं. इसी कड़ी में ग्वालियर के नाका चंद्रबदनी में माता का एक मंदिर है, जिसे लोग नहर वाली माता के नाम से जानते हैं. यह मंदिर तकरीबन 250 वर्ष पुराना बताया जाता है. मंदिर के पुजारी की मानें तो अक्सर व्यवसाय में घाटा खाए हुए लोग माता की शरण में आते हैं और मां उनकी मुराद पूरी करती हैं.
मंदिर के पुजारी महंत राव सिंह ने बताया कि मंदिर की स्थापना लगभग 250 वर्ष पूर्व उनके पूर्वजों द्वारा की गई थी. तब यहां पर नहर बहा करती थी. नहर के किनारे होने के चलते इसे नहर वाली माता के मंदिर के नाम से जाना जाने जाना लगा. बताया कि मंदिर में आने वाले सभी भक्तों की मां अर्जी सुनती कर उनकी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं.
इतना ही नहीं, मंदिर में अधिकांश वे लोग भी आते हैं, जो नया व्यवसाय शुरू कर रहे हैं, व्यवसाय में घाटा खा चुके हैं या व्यवसाय में परेशानी आ रही होती है. मान्यता है कि मंदिर में आने के बाद माता का शृंगार करने और माता के दर्शन करने से व्यवसाय में लाभ होता है. नवरात्र में यहां मां के द्वार पर अपार भीड़ होती है. यज्ञ एवं भंडारों का भी आयोजन होता है.
नगरकोट से लाई गई थी प्रतिमा
मंदिर के पुजारी ने बताया कि 250 वर्ष पूर्व उनके वंशजों को मां ने स्वप्न में दर्शन दिए थे और यहां पर माता की स्थापना करने की आज्ञा दी थी. इसके लिए उनके पूर्वज माता की आज्ञा को मान नगरकोट गए थे. वहां से माता की प्रतिमा लेकर आए थे और एक छोटे से मकान में जो कि कच्चा था, माता की स्थापना की थी. जैसे-जैसे लोगों की मुराद पूरी होती गई, वैसे-वैसे मंदिर का भी विस्तार होता गया. ऐसे में व्यापारी लोग माता के दर्शनों के लिए काफी दूर-दूर से आते हैं. केवल ग्वालियर ही नहीं बल्कि, बाहर से भी लोग माता की महिमा का गुणगान सुनकर मनौती लेकर आते हैं.
जो कुछ है मां की कृपा है
माता के दरबार में बीते 35 वर्षों से दर्शनों के लिए आ रहे राजेंद्र सिंह यादव ने बताया कि उनके पास आज जो कुछ भी है, वह माता की कृपा का ही असर है. वह भी अपने जीवन में काफी परेशान थे. लेकिन जब से मां का आशीर्वाद उन्हें मिला है तब से उनका व्यवसाय और परिवार दोनों ही अच्छी तरह से एक सुखद जीवन व्यतीत कर रहे हैं. बताया कि मां की कृपा उन पर बनी रहे इसके लिए वे रोजाना मां के दर्शन के लिए आते हैं और नवरात्रि में मां को प्रसन्न करने के लिए यज्ञ भी करवाते हैं.
(NOTE: इस खबर में दी गई सभी जानकारियां और तथ्य मान्यताओं के आधार पर हैं. NEWS18 LOCAL किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करता है.)
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Tags: Chaitra Navratri, Gwalior news, Mp news
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