मावठ के पानी के चलते किसानों के भी चेहरे खिले
रिपोर्ट-विजय राठौड़
ग्वालियर. जिले में इन दिनों ठंड का कहर जारी है. विगत बुधवार को तेज बारिश हुई. इस दौरान मौसम विभाग द्वारा 11.8 एमएम बारिश दर्ज की गई. तो वहीं तापमान में भी गिरावट देखने को मिली. एक तरफ जहां सुबह हुई बारिश से शहरी क्षेत्र में लोगों को परेशानी हुई. तो वहीं ग्रामीण अंचल में किसानों के चेहरे खिले हुए नजर आए. सर्दियों की इस बारिश पर किसानों का कहना है कि यह पानी नहीं फसलों के लिए अमृत के समान है. इस समय फसल को बारिश की बेहद आवश्यकता थी. जो कि सिंचाई के वक्त भी काफी फायदेमंद साबित होगी. इस बारिश से जमीन की नमी बढ़ेगी और पौधों को पानी की पूर्ति होगी.
बीते बुधवार को हुई बारिश शहर ही नहीं, बल्कि पूरे अंचल में दर्ज की गई. इस दौरान कहीं बारिश तो कहीं ओलावृष्टि भी दर्ज की गई.बड़ा गांव निवासी किसान राजकुमार ने बताया कि सर्दियों में हो रही इस बारिश को मावठ कहा जाता है. जो कि फसलों के लिए बहुत ही लाभकारी होती है. बारिश का यह पानी लगने से फसल की ग्रोथ काफी अच्छी होती है. जिससे फसल का उत्पादन बहुत ही अच्छा होता है. ग्वालियर चंबल अंचल में सरसों की खेती अधिक पैमाने पर होती है और मावठ का पानी सरसों के लिए काफी फायदेमंद होता है.
मौसम वैज्ञानिक प्रसून पूर्वार ने बताया कि यह बारिश पश्चिमी विक्षोभ का असर है. साथ ही यह बारिश पूरे अंचल में देखी जा रही है. मंगलवार को भी सुबह के समय हल्की बूंदाबांदी दर्ज की गई थी. बुधवार को ग्वालियर का तापमान अधिकतम 23.4 और न्यूनतम 12.4 दर्ज किया गया था. मौसम विभाग की मानें तो वेस्टर्न डिस्टरबेंस के चलते बारिश का यह आलम जनवरी के अंत तक जारी रहेगा. इस दौरान हल्की फुल्की बारिश के साथ बादल छाए रहेंगे. साथ ही मौसम में हुए बदलावों के चलते सर्दी भी अधिक पढ़ने के आसार नजर आ रहे हैं.
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