रिपोर्ट:विजय राठौड़
ग्वालियर: भारत की धरा पर समय-समय पर कई चमत्कार होते रहते हैं, जिनके प्रमाण आज भी लोगों के सामने हैं. ऐसा ही एक चमत्कार ग्वालियर के झांसी हाईवे मार्ग पर जौरासी गांव के नजदीक हुआ था, जहां हनुमान जी ने लोगों को पीपल के पेड़ के नीचे प्रतिमा स्वरूप दर्शन दिए थे. मंदिर के पुजारियों की मानें तो यह घटना लगभग 200 साल पहले घटित हुई थी. तब से आज तक यहां भगवान की नित्य पूजा अर्चना की जाती है. इस मंदिर से लोगों की अटूट आस्था का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है, कि यहां चोला (भगवान का श्रृंगार) चढ़ाने के लिए यदि आप आज बुकिंग कराते हैं, तो आपका नंबर आगामी 2033 के अंत तक ही आ पाएगा.
200 साल पुरानी है मंदिर की प्रतिमा
लगभग 40 साल से भगवान की सेवा पूजा आराधना कर रहे पुजारी श्री कृष्ण शर्मा ने बताया कि यहां पूर्व में बेहद घना जंगल था. हनुमान जी एक पीपल के पेड़ के नीचे विराजमान थे. जब इस बात का लोगों को पता चला तो उन्होंने भगवान की पूजा अर्चना शुरू की, जैसे-जैसे लोगों की मन्नत पूरी होती गई लोगों के सहयोग से मंदिर का विस्तार होता गया. पहले चबूतरा बनाया गया फिर छोटा मंदिर और आज यह विशाल मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है. जहां ग्वालियर झांसी मार्ग से गुजरने वाले हर वाहन रुकता है और लोग अपनी मंगल यात्रा के लिए भगवान के चरणों में प्रसाद अर्पित करते हैं.
2033 तक है चोला चढ़ाने की वेटिंग
वैले तो हर रोज सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु भगवान के दर्शन के लिए मंदिर में आते हैं, लेकिन मंगल और शनिवार को यह संख्या हजारों में पहुंच जाती है. इतना ही नहीं यदि आपको भगवान का श्रृंगार करवाना है. तो इसके लिए बाकायदा यहां बुकिंग की जाती है. इसकी वेटिंग का आलम यह है कि आप अगर आज बुकिंग करवाते हैं तो मंदिर में मेंटेन चार्ट के अनुसार, आपका नंबर 2033 के अंत तक आएगा.
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