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पहाड़ चीरकर प्रकट हुए थे पवन पुत्र हनुमान, जानिए ग्वालियर के इस चमत्कारी मंदिर का रहस्य

Gargaj Hanuman Gwalior: पुजारी अशोक शर्मा आगे कहते हैं कि यह मूर्ति बेहद चमत्कारी है. यहां पर आने वाले भक्तों की मनोकाम ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट- विजय राठौड़

ग्वालियर. मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर के बहोड़ापुर में स्थित गरगज के हनुमान का बहुत ही प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर है. यह मंदिर अमरा पर्वत की पहाड़ी पर बना हुआ है. इस मंदिर की कहानी बेहद रोचक और रहस्यमई है. तो आइए जानते हैं इस मंदिर के बारे में. पीढ़ियों से मंदिर की देखरेख व श्री हनुमान की सेवा कर रहे पुजारी अशोक शर्मा ने बताया कि यह मंदिर बहुत ही प्राचीन है और उनका परिवार कई पीढ़ियां इस मंदिर की सेवा करती आ रहा है. उनके पूर्वज बताते थे कि कई वर्षों पहले एक बार बहुत तेज बादलों की गर्जना हुई थी.

इसके बाद यह पर्वत, जिसे अमरा पर्वत के नाम से जाना जाता है, अचानक से आधा कटकर नीचे गिर गया और इसका मलबा क्षेत्र में चारों तरफ फैल गया था. अचानक हुई इस घटना से सभी को अचंभित कर दिया था. जिसके बाद जब ऊपर की ओर देखा गया तो पर्वत में आकृति नजर आई. जिसे देखने के लिए जब उनके पूर्वज ऊपर गए तो यह प्रतिमा देखने में हनुमान जी के स्वरूप की नजर आई.

गरगज पहाड़ी पर हनुमान मंदिर होने से इन्हें गरगज हनुमान कहा जाता है.

गरगज पहाड़ी पर हनुमान मंदिर होने से इन्हें गरगज हनुमान कहा जाता है.

तभी से यहां पर पूजा पाठ शुरू कर दिया. यह बात क्षेत्र में आग की तरह फैल गई और तत्कालीन राजा इस घटना का निरीक्षण करने के लिये मौके पर पहुंचे तो उन्होंने भगवान के दर्शन कर वहां पर उस वक्त चलने वाली मुद्रा अर्पित की आज भी इस मंदिर में देखी जा सकती है.

दर्शन करने वालों की होती है मनोकामना पूरी
पुजारी अशोक शर्मा आगे कहते हैं कि यह मूर्ति बेहद चमत्कारी है. यहां पर आने वाले भक्तों की मनोकामना जरूर पूरी होती है. उन्होंने बताया कि ऐसी मान्यता है कि यहां पर लगातार पांच मंगलवार तक यदि आप निरंतर दर्शन करने के लिए आते हैं. और भगवान की परिक्रमा करते हैं. तो आपके सभी कार्य सफल होते हैं. साथ ही आपकी मनोकामना की भी पूर्ति होती है.

बरसात के मौसम में बहता है झरना
बताया जाता है कि मूर्ति पहाड़ को चीर कर प्रकट हुई थी. और भगवान की इस मूर्ति की परिक्रमा भी इसीलिए नहीं हो पाती है. इसके साथ ही बरसात के दिनों में जब बारिश होती है तो मूर्ति के चारों ओर से झरना बहता है. जिसे देख कर ऐसा लगता है जैसे इंद्रदेव स्वयं श्री हनुमान का अभिषेक कर रहे हैं.

इस तरह से पहुंचे मंदिर
यदि आप भी भगवान के स्वरुप के दर्शन करना चाहते हैं. तो उसके लिए ग्वालियर के रेलवे अथवा बस स्टैंड से सीधे बहोड़ापुर पहुंचकर वहां से पैदल या वाहन के माध्यम से अमरा पर्वत तक पहुंच जाएं. पर्वत पर स्थित मंदिर तक पहुंचने के लिए दो रास्ते बनाए गए हैं. एक रास्ता पैदल यात्रियों के लिए जो कि सीढ़ियों से होकर जाता है तो वहीं दूसरा रास्ता सड़क मार्ग के रूप में उपलब्ध है. जिससे वाहन के जरिए आप सीधे मंदिर तक पहुंच सकते हैं.

Tags: Gwalior news, Hindu Temple, History of India, Lord Hanuman, Mp news

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