ग्वालियर. कोयले की कमी के चलते मध्य प्रदेश में बिजली संकट गहराने लगा है. इस संकट के चलते कई इलाकों में जनता बिजली कटौती की मार झेल रही है. ऊर्जा मंत्री प्रधुम्न सिंह तोमर के इलाके में ही रोजाना चार घंटे की घोषित और एक से 2 घंटे अघोषित कटौती हो रही है. उधर बिजली संकट को लेकर विपक्ष ने भी सरकार को घेरना शरू कर दिया. नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने विधानसभा में विशेष सत्र बुलाकर बिजली संकट पर चर्चा करने की मांग की है.
गौरतलब है कि बिजली संकट के चलते इन दिनों ग्वालियर चंबल सहित प्रदेश के कई इलाकों में कटौती हो रही है. ऊर्जा मंत्री प्रधुम्न सिंह तोमर के गृहनगर और विधानसभा क्षेत्र में भीषण गर्मी के दौर में मेन्टेन्स के नाम पर कई घटों की घोषित और कुछ घंटों की अघोषित कटौती हो रही है. दरअसल, यहां गर्मी में लोड बढ़ने के चलते खपत बढ़ गई है. इन हालातों में बिजली विभाग मेन्टेन्स के बहाने कटौती कर रहा है. वहीं, लोग रात में होने वाली अघोषित कटौती से हलाकान हो रहे हैं.
सीएम को खत लिख विशेष सत्र बुलाने की मांग
दूसरी ओर, प्रदेश में छाए बिजली संकट को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी को घेरना शुरू कर दिया है. नेता प्रतिपक्ष बनाए गए डॉ. गोविंद सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है. डॉ. सिंह ने बिजली संकट पर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है. उन्होंने 2 दिवसीय विशेष सत्र बुलाकर बिजली संकट पर चर्चा की मांग की है. उन्होंने लिखा है कि सत्ता और विपक्ष की चर्चा से बिजली संकट का समाधान होगा. साथ ही, उन्होंने पत्र में कोयले की कमी से 3 थर्मल पावर बंद होने की शंका जताई है. नेता प्रतिपक्ष सिंह ने बिजली संकट के लिए कंपनी के कुप्रबंधन को जिम्मेदार बताया और सरकार पर बिजली कंपनी को बिना उत्पादन के 900 करोड़ रुपए भुगतान करने का आरोप लगाया है.
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