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Valentine Week 2023: तीन शर्तें पूरी होने पर ही मृगनयनी ने की थी राजा मानसिंह से शादी, जानिए अजब प्रेम कहानी

ग्वालियर किले की तलहटी में बना गुजरी महल आज भी राजा मानसिंह तोमर और रानी मृगनयनी के प्रेम की अमर कहानी कह रहा है. इस कह ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट: विजय राठौड़

ग्वालियर: भारत के इतिहास में ऐसी कई अमर प्रेम कहानियां हुईं, जिनके साक्ष्य आज भी मौजूद हैं. ऐसी ही एक कहानी ग्वालियर के राजा मान सिंह तोमर और रानी मृगनयनी की है. इस कहानी में केवल प्रेम ही नहीं, बल्कि सौंदर्य और शौर्य का अनूठा संगम भी है. 600 साल पुरानी इस प्रेम कहानी के साक्ष्य आज भी ग्वालियर दुर्ग की तलहटी में बने गुजरी महल में देखे जा सकते हैं. यूं तो इस महल का दीदार करने रोज सैकड़ों पर्यटक आते हैं, लेकिन वैलेंटाइन डे पर यहां की रौनक देखते बनती है.

जीवाजी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और इतिहासकार प्रो. रामअवतार शर्मा ने बताया कि ये सिर्फ एक प्रेम कहानी नहीं बल्कि शौर्य और सौंदर्य का भी अनूठा उदाहरण है. बताया कि लगभग 14वीं शताब्दी में राजा मानसिंह तोमर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकले थे. आज जहां तिघरा डैम है, उसी के पास राई गांव हुआ करता था. यह गांव सांक नदी के किनारे बसा था. जब राजा मानसिंह यहां से गुजर रहे थे, तभी उन्होंने देखा कि एक बहुत ही सुंदर युवती सांड से युद्ध कर रही थी. राजा वहीं ठहर गए. कुछ देर में उस युवती ने सांड को पछाड़ दिया और सांड वहां से भाग गया. इस घटना से महाराज इतने प्रभावित हुए कि उस युवती के सामने विवाह का प्रस्ताव रख दिया, लेकिन युवती ने प्रस्ताव ठुकरा दिया.

विवाह के लिए रखीं तीन शर्तें
ग्वालियर रियासत के महाराज को विवाह के लिए मना करने का साहस करने वाली युवती का नाम मृगनयनी था. उसका यह साहस देख राजा मान सिंह उसके और कायल हो गए. उन्होंने मृगनयनी के परिवार को विवाह की सूचना दी. परिवार ने मृगनयनी को समझाया कि यह प्रस्ताव किसी आम व्यक्ति की तरफ से नहीं, बल्कि स्वयं राजा की ओर से आया है, उसे प्रस्ताव मान लेना चाहिए. परिवार के समझाने के बाद मृगनयनी तैयार तो हो गई, लेकिन उसने राजा के समक्ष तीन शर्तें रख दीं, जिनके पूरे होने के बाद ही वह शादी करेगी.

शर्त थी, सांक नदी का पानी महल में चाहिए
मृगनयनी की पहली शर्त थी कि उनके लिए साधारण सा एक महल तैयार करवाया जाए, जिसको मानते हुए राजा ने गुजरी महल का निर्माण करवाया. दूसरी शर्त थी की उसके जिस पराक्रम और सौंदर्य को देखकर राजा सम्मोहित हुए हैं, उसका कारण सांक नदी का पानी है. अगर मुझे प्रतिदिन यही पानी मिलेगा तो ही मैं आपसे विवाह करूंगी. इस शर्त को भी मानते हुए राजा ने सांक नदी से गुजरी महल तक लगभग 16 मील लंबी पाइपलाइन बिछवाई. यह पाइप पक्की मिट्टी को पकाकर बनाई गई थी. राजा द्वारा लगभग 600 वर्ष पूर्व डलवाई गई उस पाइपलाइन के साक्ष्य आज भी गुजरी महल में मौजूद हैं. तीसरी शर्त थी कि मैं आपकी अन्य नौ रानियों की तरह महल में नहीं रहूंगी. मैं सदैव आपकी छाया बनकर आपके साथ रहूंगी. इस शर्त को भी राजा ने माना और वह सदैव मृगनयनी के साथ ही रहे.

निन्नी था मृगनयनी के बचपन का नाम
बता दें कि मृगनयनी के बचपन का नाम निन्नी था, जो कि ग्वालियर के निकट राई गांव की रहने वाली थीं. वह बला की खूबसूरत थीं. हालांकि, उनकी कोई प्रतिमा तो नहीं है, लेकिन जिस युवती को देखकर राजा स्वयं सम्मोहित हो गए, वह साधारण भी नहीं हो सकती. उस समय की इस घटना को वर्तमान में गुजरी महल के संगीत कक्ष में चित्रण कर दर्शाया गया है.

संग्रहालय में तब्दील हुआ महल
वक्त के थपेड़ों के साथ संग्रहालय में तब्दील हो चुका ग्वालियर का खूबसूरत गूजरी महल आज भी राजा मान सिंह तोमर और रानी मृगनयनी के प्रेम का प्रतीक बनकर खड़ा है. यहां की हर ईंट, हर कोना, हर आशियाना आज भी उसके होने का एहसास कराता है.

Tags: Gwalior news, Mp news, Valentine Day

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