माता-पिता के साथ खेतों में मजदूरी करती है कीर्ति, 12वीं में बनी टॉपर

मजदूर की बेटी ने किया टॉप
हरदा जिले के ग्राम बारजा की रहने वाली कीर्ति ने कक्षा 12 वीं की मेरिट लिस्ट में आठवां स्थान बनाया है. शासकीय कन्या स्कूल टिमरनी की आदिवासी छात्रा कीर्ति कलम ने 500 में से 459 अंक प्राप्त किये है.
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: May 15, 2018, 6:36 PM IST
मध्य प्रदेश के हरदा जिले में रहने वाली मजदूर की बेटी कीर्ति कलम ने 12वीं की परीक्षा में मेरिट सूची में आठवां स्थान हासिल किया है. माता-पिता के अलावा कीर्ति खुद भी कई बार मजदूर करने खेतों में जाती थी. अब उसकी सफलता पर परिवार के साथ पूरा गांव खुशियां मना रहा हैं.
हरदा जिले के ग्राम बारजा की रहने वाली कीर्ति ने कक्षा 12 वीं की मेरिट लिस्ट में आठवां स्थान बनाया है. शासकीय कन्या स्कूल टिमरनी की आदिवासी छात्रा कीर्ति कलम ने 500 में से 459 अंक प्राप्त किये है.
कीर्ति कलम अब पूरे गांव के लिए रोल मॉडल बन गई है. कीर्ति के पिता भगवान सिंह और मां शारदा खेत में मजदूरी करते हैं. चार बहनों और एक भाई के परिवार में तीसरे नंबर की कीर्ति भी पढ़ाई के बाद माता-पिता के साथ खेत में मजदूरी करती है.
कीर्ति के परिवार की माली हालत ठीक नहीं है. ऐसे में रिजल्ट के दिन भी उसके परिजन खेत में काम कर रहे थे. पिता भगवान सिंह के पास बेटी की सफलता को बयां करने के लिए शब्द नहीं है. उनकी बस इतनी ख्वाहिश है कि बेटी पढ़-लिखकर ऊंचा मुकाम हासिल करे. उन्हें बेटी की इस उपलब्धि पर गर्व महसूस हो रहा है.
हरदा जिले के ग्राम बारजा की रहने वाली कीर्ति ने कक्षा 12 वीं की मेरिट लिस्ट में आठवां स्थान बनाया है. शासकीय कन्या स्कूल टिमरनी की आदिवासी छात्रा कीर्ति कलम ने 500 में से 459 अंक प्राप्त किये है.
कीर्ति कलम अब पूरे गांव के लिए रोल मॉडल बन गई है. कीर्ति के पिता भगवान सिंह और मां शारदा खेत में मजदूरी करते हैं. चार बहनों और एक भाई के परिवार में तीसरे नंबर की कीर्ति भी पढ़ाई के बाद माता-पिता के साथ खेत में मजदूरी करती है.
कीर्ति के परिवार की माली हालत ठीक नहीं है. ऐसे में रिजल्ट के दिन भी उसके परिजन खेत में काम कर रहे थे. पिता भगवान सिंह के पास बेटी की सफलता को बयां करने के लिए शब्द नहीं है. उनकी बस इतनी ख्वाहिश है कि बेटी पढ़-लिखकर ऊंचा मुकाम हासिल करे. उन्हें बेटी की इस उपलब्धि पर गर्व महसूस हो रहा है.