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Harda : डैम निर्माण का विरोध,आदिवासियों की चेतावनी- पूर्वजों की जमीन नहीं छोड़ेगें, भले ही डूब जाएं

harda news: हरदा जिले के ग्राम बोथी में डैम निर्माण के लिए फाउंडेशन लाइन खींचने के लिए आए कर्मचारियों का आदिवासियों ने काम रोक दिया. ग्रामीण डैम बनने का विरोध कर रहे हैं.

harda news: हरदा जिले के ग्राम बोथी में डैम निर्माण के लिए फाउंडेशन लाइन खींचने के लिए आए कर्मचारियों का आदिवासियों ने काम रोक दिया. ग्रामीण डैम बनने का विरोध कर रहे हैं.

tribals protest against dam. मध्यप्रदेश के हरदा जिले के ग्राम बोथी में ग्रामीण डैम बनाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे ...अधिक पढ़ें

हरदा. हरदा जिले में आदिवासी गंजाल नदी पर बनने वाले डैम के खिलाफ बगावत पर उतर आए है. ग्रामीणों ने डैम बनाने के लिए सर्वे लाइन खींच रहे कर्मचारियों को रोक कर काम बंद करा दिया. इतना ही बल्कि ग्रामीणों का विरोध देखकर कर्मचारी काम बंद कर भागने पर मजबूर हो गए. ग्रामीणों ने पेसा एक्ट का हवाला देते हुए कहा बांध बनेगा या नहीं इसका फैसला पंचायत ग्रामसभा में करेगी.

हरदा जिला मुख्यालय से लगभग 60 किमी दूर बसे वन ग्राम बोथी के लोग डैम बनने का विरोध कर रहे हैं. 1075 लोगों की आबादी वाले इस गांव में बांध निर्माण के विरोध की बात हो रही है. ग्रामीणों ने बांध निर्माण की फाउंडेशन लाइन खींचने के लिए आए कर्मचारियों का काम रोककर उन्हें भागने पर मजबूर कर दिया. उनका है कि मोरंड गंजाल परियोजना में गंजाल नदी पर बनने वाले बांध के पानी में ग्राम बोथी पूरी तरह से डूब जायेगा. इसलिए वे बांध निर्माण का विरोध कर रहे हैं.

ग्रामीण इसलिए नहीं बनने देना चाहते डैम
गांव के लोगों का कहना है कि पूर्वजों की जमीन नहीं छोड़ेगें, भले ही डूब जाएं. वे यहां से नहीं हटेंगे. गांव पूरी तरह डूबने से सब बेघर हो जाएंगे. ग्रामीण पेसा एक्ट का हवाला देते हुए कहते हुए कह रहे हैं कि ग्राम सभा जो भी तय करेगी वही होगा. गांव की सरपंच कमलाबाई ने कहा कि डैम का काम शुरू करने की बात अधिकारियों ने कही थी. लेकिन गांव वालों ने डैम निर्माण करने से मना किया है. हालांकि बांध निर्माण नहीं हुआ यहां सिर्फ एक सफेद लाइन खींची हुई है. ग्रामीणों की मानें तो इसी जगह डैम की वॉल बनेगी.

सिंचाई परियोजना के तहत बनाए जाने हैं दो बांध
मप्र शासन ने मोरंड गंजाल सिंचाई परियोजना को मंजूरी दे दी है. संयुक्त सिंचाई परियोजना में दो बांध बनाए जाएंगे. 3 हजार 5 सौ 17 करोड़ की लागत से दोनों डैम का निर्माण किया जाएगा. इस योजना से हरदा, खंडवा और नर्मदापुरम जिले के 201 गांवो में 64 हजार 111 हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी. एक बांध नर्मदापुरम जिले के मोरघाट गांव में मोरंड नदी पर तो दूसरा बांध हरदा जिले की गंजाल नदी पर ग्राम ज्वारदा में बनेगा. दोनों बांधों से पाइप केनाल के जरिए 3 जिलों हरदा, खंडवा और नर्मदापुरम जिले में सिंचाई के लिए पानी दिया जाएगा. सिंचाई परियोजना में नर्मदापुरम जिले की सिवनी मालवा तहसील के 8 गांवों की 2128 हेक्टेयर, हरदा जिले के 144 गांवों की 40816 हेक्टेयर और खंडवा जिले की हरसूद खालवा के 49 गांवों की 21167 हेक्टेयर जमींन सिंचित होगी.
गांव के विस्थापन की नहीं हुई कोई पहल
2016 में हुए सर्वे के अनुसार गांव में 216 परिवार और लगभग 150 मकान हैं. ग्रामीणों के विस्थापन की कोई पहल अभी शुरू नहीं हुई है. इस परियोजना में जंगली इलाके की भूमि का बड़ा भाग डूब रहा है. एनवीडीए के एसडीओ बीएस सिसोदिया ने कहा कि ग्रामीणों ने काम बंद करा दिया है. इसकी जानकारी जिला प्रशासन हरदा को दे दी गई है.

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