स्कूल में 12वीं कक्षा में पढ़ाई कर रही बहू वर्षा
सास बहू के अनबन के किस्से तो आपने सुने ही होंगे लेकिन यह किस्सा अपने आप में मिसाल है. बेटे नहीं पढ़ पाए तो इस दुख को दूर करने के लिए होशंगाबाद की एक सास ने अपनी बहू को पढ़ा लिखाकर अपना सपना पूरा करने का नायाब तरीका निकाला. अब बहू रोज स्कूल पढ़ने जा रही है. वहीं सास घर का काम कर बहू की आदर्श मां बन गई है.
मिली जानकारी के मुताबिक, मामला होशंगाबाद के ग्राम पथरोटा का है. यहां रहने वालीं दलित महिला सब्बो बाई ने अपनी 11 पास बहू वर्षा चौधरी का 12वीं कक्षा में दाखिला कराकर न केवल एक अच्छी सास की मिसाल पेश की बल्कि 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' अभियान के लिए भी एक आदर्श पेश किया है. सास सब्बो बाई अपनी बहू को स्वयं स्कूल लेकर गई. वहां शिक्षक से बात कर उसका दाखिला कराया.
अब वर्षा रोज स्कूल जाती है. उसकी सास ने घर के काम खुद करके बहू को सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने को कहा है. सब्बो को हमेशा से बहुत मलाल रहा है कि उसके दोनों बेटे नहीं पढ़ पाए. वह पढ़ाई को लेकर गंभीर थी लेकिन परिस्थितियां अनुकूल नहीं थीं. आखिकार बच्चों को शिक्षित करने सपना अधूरा रह गया. लेकिन सब्बोबाई ने हार नहीं मानी और अपनी बहू वर्षा की पूरी पढ़ाई कराने का संकल्प लेकर सपना साकार कर लिया.
सब्बो बाई की बहू वर्षा चौधरी ग्यारहवीं तक पढ़ी है. वह आगे पढ़ाई करना चाहती थी लेकिन उसका विवाह हो गया. घर गृहस्थी और पारिवारिक जिम्मेदारियों में वर्षा का सपना अधर में रह गया. एक दिन वर्षा ने अपनी सास को पढ़ाई करने की इच्छा जताई और वह सहज ही तैयार हो गई. डीएम प्रियंका दास ने भी जब इस किस्से के बारे में सुना तो इसे तमाम समाज के लिए मिसाल बताते हुए इसकी सराहना की.
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