इस डॉक्टर ने तीन साल से बाहर नहीं फेंका घर का कचरा

कचरे से कंपोस्ट खाद तैयार करते हुए डॉ. रवींद्र गुप्ता.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान से प्रभावित डॉ. रवीन्द्र गुप्ता घर से निकले कचरे से खाद बनाकर अपने किचन गार्डन को संवार रहे हैं.
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: August 10, 2018, 9:02 AM IST
स्वच्छ और सुंदर भारत बनाने के लिए मध्यप्रदेश में होशंगाबाद जिले के इटारसी के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. रवीन्द्र गुप्ता द्वारा किए गए प्रयास की चर्चा पूरे प्रदेश में है. डॉ गुप्ता ने तीन साल से अपने घर में से निकलने वाला कचरा बाहर नहीं फेंका है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान से प्रभावित डॉ. रवीन्द्र गुप्ता घर से निकले कचरे से खाद बनाकर अपने किचन गार्डन को संवार रहे हैं. कचरा प्रबंधन पर प्रतिवर्ष खर्च हो रहे सरकार के एक लाख करोड़ रुपए को बचाने के लिए डॉ. की पहल देशभर में अलख जगा रही है.
डॉ. रवीन्द्र गुप्ता मोकाशी कंपोस्ट बनाने की सरल विधि का प्रशिक्षण देकर स्कूली छात्रों और समाज के लोगों को कचरे से निजात पाने का रास्ता भी दिखा रहे हैं. डॉ. रवींद्र गुप्ता के अनुसार मोकाशी कंपोस्ट बनाने की इस विधि में 300 रुपए के खर्च में घर पर ही कचरे से कंपोस्ट बनाया जा सकता है. प्लास्टिक के कंटेनर को दो हिस्सों में बांट कर इसमें कचरा एकत्र किया जाता है. कचरे से निकलने वाले पानी को पौधों की सिंचाई के पानी में मिलाकर सिंचाई की जा सकती है, वहीं जब कंटेनर कचरे से भर जाए तो इसे बंद रखकर खाद में बदला जा सकता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान से प्रभावित डॉ. रवीन्द्र गुप्ता घर से निकले कचरे से खाद बनाकर अपने किचन गार्डन को संवार रहे हैं. कचरा प्रबंधन पर प्रतिवर्ष खर्च हो रहे सरकार के एक लाख करोड़ रुपए को बचाने के लिए डॉ. की पहल देशभर में अलख जगा रही है.
डॉ. रवीन्द्र गुप्ता मोकाशी कंपोस्ट बनाने की सरल विधि का प्रशिक्षण देकर स्कूली छात्रों और समाज के लोगों को कचरे से निजात पाने का रास्ता भी दिखा रहे हैं. डॉ. रवींद्र गुप्ता के अनुसार मोकाशी कंपोस्ट बनाने की इस विधि में 300 रुपए के खर्च में घर पर ही कचरे से कंपोस्ट बनाया जा सकता है. प्लास्टिक के कंटेनर को दो हिस्सों में बांट कर इसमें कचरा एकत्र किया जाता है. कचरे से निकलने वाले पानी को पौधों की सिंचाई के पानी में मिलाकर सिंचाई की जा सकती है, वहीं जब कंटेनर कचरे से भर जाए तो इसे बंद रखकर खाद में बदला जा सकता है.