इंदौर. मध्य प्रदेश के उज्जैन रेलवे स्टेशन पर बुधवार देर रात ट्रेन में बम होने की सूचना से हड़कंप मच गया था. जीआरपी को सोशल मीडिया से जानकारी मिली कि गोरखपुर बांद्रा ट्रेन में बम है. ट्रेन में बम तो नहीं मिला, लेकिन पुलिस ने दो संदिग्ध आरोपियों को पकड़ लिया जानकारी है कि आरोपी ट्रेन लेट कराने के लिए ऐसा करते थे. दोनों रेलवे के ही कर्मचारी निकले.
जीआरपी और आरपीएफ ने दो ऐसे शातिर रेलवे कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है जो अपने व्यक्तिगत और पारिवारिक कारणों से ट्रेन के समय मे बदलाव करने के लिए फर्जी सूचनाएं सोशल मीडिया पर वायरल करते थे. जीआरपी इंदौर ने उज्जैन स्टेशन से दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया है. दोनों ही आरोपी मुंबई में रहते हैं. और प्रायवेट कंपनी के ठेके पर सफाईकर्मी के बतौर काम करते थे. गोरखपुर – बांद्रा एक्सप्रेस में दोनों ही कर्मचारियों की ड्यूटी रहती थी.
ट्विटर पर फर्जी सूचना
अपने परिवार के साथ ज्यादा वक्त गुजारने के लिए वो ट्विटर के माध्यम से ट्रेन में बम होने की सूचना देते थे.लेकिन जब संबंधित ट्रेनों की जांच लोकल पुलिस और रेलवे पुलिस करती थी तो नतीजा सिफर निकलता था. याने ट्रेन में बम होने की अफवाह फैलाकर दोनों कर्मचारी पूरे रेलवे और यात्रियों सबको धोखा दे रहे थे. इधर, 3 राज्यों की पुलिस इस मामले को गम्भीरता से जांच कर रही थी.
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दोनों हवालात में
पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल की इंदौर जीआरपी ने सायबर सेल भोपाल की मदद से दोनों आरोपियों की पहचान की और उसके बाद दोनों को उज्जैन रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया. अब दोनों ही आरोपियों पर आईपीसी, सायबर क्राइम और रेल अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया है. आरोपियों के नाम मिलन रजक निवासी सांताक्रूज मुंबई और प्रमोद माली निवासी वेस्ट शिवाजी नगर बताए जा रहे हैं. मिलन रजक की उम्र 44 वर्ष है और प्रमोद 24 साल का है. जीआरपी इंदौर ने उज्जैन में गोरखपुर – बांद्रा ट्रेन में से पहले प्रमोद माली को गिरफ्तार किया. उसने बताया कि मिलन रजक ही ट्वीट करता है. दोनों को आसानी से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. इनकी सूचना पर रेलवे को अपनी कई ट्रेनों के समय में बदलाव करना पड़ा था. दोनों आरोपियों ने पहले 11 मई और हाल ही में 18 मई की रात को अफवाह फैलाने वाले ट्वीट किए थे.
गलत सूचना दी थी
पुलिस अधीक्षक रेलवे इंदौर निवेदिता ने बताया कि 18 मई को आरपीएफ उज्जैन ने सूचना दी कि करीब 11 बजे एक ट्विट पोस्ट किया गया है. उसमें गाडी क्रमांक 19092 गोरखपुर बान्द्रा एक्सप्रेस में किसी अज्ञात व्यक्ति ने चेन पुल कर बम रख दिया है. सूचना मिलने पर तत्काल जीआरपी, आरपीएफ और सिटी पुलिस, डॉग स्कॉड, BDDS ज्वाइंट टीम पहुंचे और गोरखपुर बान्द्रा ट्रेन की तलाशी ली. लेकिन कोई विस्फोटक नहीं मिला. उसके बाद झूठी सूचना देकर अफवाह फैलाने वाले लोगों की तलाश शुरू की गई. ट्विटर कंपनी से जानकारी निकाली गई तो ट्विटर हैंडलर मिलन रजक का नाम सामने आया. रेलवे पुलिस ने सूचना तकनीकी अनुसंधान के जरिये जानकारी जुटाई तो पता चला कि पिछले कुछ दिनों से सूरत, गुजरात, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश, बान्द्रा महाराष्ट्र क्षेत्र की ट्रेन में बम की सूचना दी जा रही थी. इसके बाद मिलन और प्रमोद को गिरफ्तार कर उनके मोबाइल जब्त कर लिए गए हैं. अब पुलिस उन पर कड़ी कार्रवाई कर रही है.
परिवार के लिए रेलवे और यात्रियों से धोखा
मिलन और प्रमोद सफाईकर्मी हैं. दोनों अब हवालात की हवा खा रहे हैं. हालांकि, रेलवे पुलिस को जांच के दौरान आतंकी साजिश भी नजर आ रही थी. लेकिन जब आरोपी गिरफ्त में आये तो कारण अजीबोगरीब सामने आए. दोनों आरोपी रेलवे में सफाई करते थे. जब एक ट्रेन में सफाई हो जाती थी, तो ठेकदार दूसरी ट्रेन में सफाई का जिम्मा सौंप देता था. इसलिए वह अपने परिवार से कई दिनों बाद मिल पाते थे. आरोपियों के मन में ख्याल आया कि जब ट्रेन प्लेटफॉर्म पर होगी तो उसे चेक करवाने के लिए बम की सूचना ट्वीट के माध्यम से पुलिस को दे देंगे. कुछ देर तक यहाँ चेकिंग होती रहेगी, तो दूसरी ट्रेन लेट आएगी और वो उतनी देर अपने परिवार के साथ रह पाएंगे. दोनों ही आरोपियों की तलाश तीन राज्यों की पुलिस कर रही थी.
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