इंदौर. महज 5 साल की उम्र में बच्चे ठीक से शिक्षा की पहली सीढ़ी चढ़ने की कोशिश करते हैं. लेकिन इंदौर की बेटी वान्या मिश्रा ने महज 5 साल में ऐसा कमाल किया कि कौतूहल का विषय बन गया. 5 साल की वान्या मिश्रा को ए से लेकर जे़ड तक दवाइंयों के नाम याद हैं. मात्र 46 सेंकेड में इन दवाओं के नाम बताकर वान्या ने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया है. वान्या ना केवल दवाओं के नाम बताती है बल्कि कौन सी दवा किस बीमारी में उपयोग की जाती है, ये भी बता देती है. वान्या ए फॉर एपल की जगह ए फॉर एसाइक्लोबी, बी फॉर ब्रोमैक्सीन बोलती है. उसे पूरे 26 लेटर की 26 दवाओं के नाम याद है.
मां से सीखे पूरे नाम
इंदौर के एमजीएम मेडीकल कॉलेज में वान्या की मां प्रोफेसर हैं. उन्हीं से वान्या ने एलफावेटिकल दवाओं के नाम सीखे हैं. वान्या की मां डॉ. पूजा मिश्रा का कहना है कि हम लोगों ने ये कभी नहीं सोचा था कि वान्या को इतना बड़ा अचीवमेंट मिलेगा. ये एक मजाक और खेल के बतौर पर शुरू हुआ था. बेटी जब स्कूल से लौटती थी तो मैं पूछती थी कि आज स्कूल में आपने क्या सीखा.
तो वो मेरे से पूछती थी कि आपने आज किया सीखा. उसने बताया कि उसने एबीसीडी सीखी तो मैं भी कहती थी कि मैने भी एबीसीडी सीखी है. जब उससे कहा कि तुम अपनी एबीसीडी सुनाओ,मैं अपनी सुनाती हूं. तो मैंने ए से जेड तक दवाओं के नाम लिए तो वान्या इतनी प्रभावित हुई कि उसने भी इसको याद कर लिया. उसकी इतनी अच्छी प्रैक्टिस की कि आज उसके नाम रिकॉर्ड दर्ज हो गया.
पिछले 10 महीने से कर रही है प्रेक्टिस
वान्या के पिता पेशे से इंजीनियर हैं. उनका कहना है कि मुझे लगता है कि अभी तक वान्या पहली ऐसी बच्ची है. जिसे न केवल दवाओं के नाम याद हैं. बल्कि कौन सी दवा किस बीमारी में उपयोग की जाती है. वान्या पिछले 10 महिने से प्रैक्टिस कर रही थी. उसने अपनी डॉक्टर मां से ये सब सीखा है. उसकी मेडिसिन में बहुत ज्यादा रुचि है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Indore news, Madhya pradesh news