रिपोर्ट: अभिलाष मिश्रा
इंदौर: अभी तक आपने एमबीए चायवाला और ग्रेजुएट चायवाला और भी कई तरह के चाय वालों के नाम सुने होंगे. ऐसी ही एक दुकान इंदौर में भी है, जिसका नाम फौजी चायवाला है. दुकान का नाम फौजी चायवाला क्यों रखा गया, इसके पीछे एक दिलचस्प कहानी है. इतना ही नहीं दुकान के बैनर में भी तिरंगे के रंग में दुकान का नाम लिखा है और उसमें राइफल लिए हुए जवान भी दिख रहा है.
दुकान के मालिक सागर पटेल ने बताया कि बचपन से ही उनका सपना फौज में जा कर देश सेवा करने का था. इसके लिए उन्होंने तीन सालों तक जमकर मेहनत से तैयारी भी की, लेकिन कई बार एग्जाम पास करने के बाद वह मेडिकल के दौरान बाहर हो जाते थे. इसका कारण सागर ने बताया कि उनके हाथ में बने टैटू की वजह से उन्हें बाहर कर दिया जाता था. इतना ही नहीं, सागर ने लगभग 12 बार टैटू को हटवाने का भी प्रयास किया पर फिर भी पूरी तरह से टैटू नहीं हटा. जिस वजह से सागर का फौज में जाने का सपना अधूरा रह गया.
ये गलती तुम मत करना…
लगातार निराशा हाथ लगने के बाद भी सागर का जुनून खत्म नहीं हुआ. आर्थिक जरूरतों की वजह से सागर पटेल को चाय की दुकान खोलनी पड़ी तो उन्होंने उस दुकान का नाम भी फौजी चायवाला ही रखा. इंदौर के भोलाराम उस्ताद मार्ग पर ब्रह्मपुरी कॉलोनी में फौजी चायवाला की दुकान फेमस है. युवाओं के बीच अपनी चाय के कड़क स्वाद और दुकान के यूनिक नाम को लेकर सागर काफी पॉपुलर भी हैं. अब वो फौज में जाने वाले युवाओं को संदेश भी देते हैं, कहते हैं- जो गलती उन्होंने की वह गलती और कोई न करे.
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