करोड़पति प्रत्याशियों ने खर्च बताने में की कंजूसी, चुनाव आयोग खंगाल रहा है आंकड़े
करोड़पति प्रत्याशियों ने खर्च बताने में की कंजूसी, चुनाव आयोग खंगाल रहा है आंकड़े
प्रत्याशियों ने नहीं बताया खर्च
चुनाव प्रचार में बाक़ी खर्च के सिवाय नेताओं के साथ कार्यकर्ताओं की फौज चलती थी. चुनाव ऑफिस में भोजन-भंडारे होते थे. नेताजी को प्रमोट करने के लिए जमकर खर्च किया गया. फिर भी कागज़ों में 10- 20 लाख से ज़्यादा खर्च नहीं बताया जा रहा.
विधानसभा चुनाव में इस बार इंदौर में करोड़पति प्रत्याशी खड़े हुए थे, लेकिन चुनाव आयोग में उन्होंने ये ब्यौरा दिया कि उन्होंने कुछ लाख रुपए की प्रचार में खर्च किए. आयोग को उनकी ये बात गले नहीं उतरी और उसने कुल 193 मामलों में जांच शुरू की है.
चुनाव आयोग अब प्रचार के दौरान की गयी वीडियोग्राफी के ज़रिए जांच कर रहा है. आयोग चुनाव प्रचार थमने के बाद प्रत्याशियों के समर्थकों ने मित्र मंडल नाम से जो विज्ञापन दिए थे, उनकी भी जांच करा रहा है. ऐसे 193 मामलों की जांच चल रही है. इनका खर्च भी प्रत्याशी के खर्च में जुड़ सकता है.
इंदौर ज़िले की नौ विधानसभा सीटों के 96 प्रत्याशियों ने चुनाव खर्च का ब्योरा दिया है. तीन बार पूरा खर्च जोड़ने के बाद पता चला कि इसमें सबसे ज़्यादा खर्च महू से कांग्रेस प्रत्याशी अंतर सिंह दरबार ने किया. उन्होंने 17 लाख 56 हज़ार 57 रुपए खर्च किए. दूसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी के शैलेन्द्र सिंह रहे, उनका खर्च 13 लाख 36 हज़ार 786 रुपए रहा.
विधानसभा सीट और उनका चुनाव खर्च
इंदौर-१
कांग्रेस- संजय शुक्ला - 9 लाख
भाजपा- सुदर्शन गुप्ता - साढ़े 6 लाख
इंदौर-२
कांग्रेस - मोहन सिंह सेंगर - 931720
भाजपा- रमेश मेंदोला - 840290 इंदौर-३
कांग्रेस - अश्विन जोशी - 243993
भाजपा - आकाश विजयवर्गीय - 906363 इंदौर-४
कांग्रेस - सुरजीत सिंह चड्ढा - 441725
भाजपा - मालिनी गौड़ - 369738 इंदौर-५
कांग्रेस - सत्यनारायण पटेल - साढ़े 12 लाख
भाजपा - महेंद्र हार्डिया - 736363 राऊ
कांग्रेस - जीतू पटवारी - 6 लाख
भाजपा - मधु वर्मा - 851000 महू
कांग्रेस - अन्तरसिंह दरबार -175657
भाजपा - उषा ठाकुर - 12000 सांवेर
कांग्रेस - राजेश सोनकर - 5 लाख
भाजपा - तुलसी सिलावट - 569075 देपालपुर
कांग्रेस-विशाल पटेल - 348962
भाजपा-मनोज पटेल - साढ़े 4 लाख
चुनाव आयोग के नियम के मुताबिक हर प्रत्याशी प्रचार पर ज़्यादा से ज़्यादा 28 लाख रुपए खर्च कर सकता है. इंदौर में कांग्रेस और भाजपा के लगभग सभी प्रत्याशी करोड़पति हैं, इसका ज़िक्र उन्होंने अपने नामांकन फॉर्म में किया है.
चुनाव प्रचार में बाक़ी खर्च के सिवाय नेताओं के साथ कार्यकर्ताओं की फौज चलती थी. चुनाव ऑफिस में भोजन-भंडारे होते थे. नेताजी को प्रमोट करने के लिए जमकर खर्च किया गया. फिर भी कागज़ों में 10- 20 लाख से ज़्यादा खर्च नहीं बताया जा रहा.
चुनाव प्रचार पर आयोग की नज़र रहती है. प्रचार के दौरान सदस्य साथ रहते हैं और हर आयोजन की वीडियोग्राफी कराई जाती है. प्रत्याशी खर्च का दो ब्यौरा देते हैं, उसे व्यय कमेटी वीडियोग्राफी से क्रॉस चेक करती है.