180 टन प्याज लेकर पहली किसान ट्रेन इंदौर से गुवाहटी के लिए रवाना

ट्रेन में 20 कोच हैं जिनमें से 18 में प्याज भरा है.
आत्म निर्भर भारत अभियान के तहत किसानों (Farmers) को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने के लिए केंद्र सरकार की पहल पर रेलवे (Railway) ने किसान रेल की शुरुआत की है. इसमें किसान अपना उत्पादन देश के दूसरे राज्यों या शहरों में बेहतर मूल्य पर बेच सकें.
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: November 24, 2020, 7:36 PM IST
इंदौर. इंदौर से पहली किसान ट्रेन (Kisan train) 180 टन प्याज लेकर गुवाहटी के लिए रवाना हो गई.इंदौर के लक्ष्मी बाई नगर रेलवे स्टेशन से किसान ट्रेन को सांसद शंकर लालवानी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. ये ट्रेन हर मंगलवार को यहां से रवाना होकर गुरुवार को गुवाहटी पहुंचेगी.
कोरोना के कारण खाली पड़ी ट्रेनों का उपयोग सामान ढोने के लिए किया जा रहा है. आत्मनिर्भर भारत के तहत पश्चिम रेलवे इस पहली किसान ट्रेन को फरवरी 2021 तक हर मंगलवार को इंदौर से चलाएगा.इसमें किसानों को उनकी उपज की ढुलाई में 50 फीसदी की सब्सिडी दी जाएगी.ट्रेन में कुल 20 कोच हैं. ट्रेन पहले फेरे में इंदौर से ही 18 कोच में 180 टन प्याज लेकर रवाना हुई है. दो कोच खाली रहेंगे. उनमें रास्ते के स्टेशनों से लोडिंग की जाएगी.ये किसान ट्रेन भोपाल के बैरागढ़, बीना, झांसी, कानपुर, लखनऊ, बाराबंकी, छपरा ग्रामीण, हाजीपुर, कटिहार, किशनगंज, न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन पर रुकेगी.
किसे मिला फायदा
आत्म निर्भर भारत अभियान के तहत किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने के लिए केंद्र सरकार की पहल पर रेलवे ने किसान रेल की शुरुआत की है. इसमें किसान अपना उत्पादन देश के दूसरे राज्यों या शहरों में बेहतर मूल्य पर बेच सकें. इसमें रेल विभाग ने भाड़े में 50 फीसदी की छूट दी है.लेकिन इस छूट का फायदा किसानों के नाम पर व्यापारी ले रहे हैं. ये बात अधिकारी भी स्वीकार कर रहे हैं 180 टन प्याज लेकर इंदौर से न्यू गुवाहाटी जा रही किसान रेल को हरी झंडी दिखाने पहुंचे पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल के डीआरएम विनीत गुप्ता का कहना है कि किसी ट्रेन को बुक करने के लिए कम से कम 150 टन माल की आवश्यक्ता होती है. कोई भी किसान अलग अलग अपने माल को बुक करने की स्थिति में फिलहाल नहीं है. इसलिए हमने दो बिचौलियों का उपयोग किया,जिन्होंने कई किसानों से माल खरीदा होगा.आगे चलकर किसानों के समूहों से बात करके उन्हें ही माल भेजने की सुविधा दी जाएगी.
कोरोना के कारण खाली पड़ी ट्रेनों का उपयोग सामान ढोने के लिए किया जा रहा है. आत्मनिर्भर भारत के तहत पश्चिम रेलवे इस पहली किसान ट्रेन को फरवरी 2021 तक हर मंगलवार को इंदौर से चलाएगा.इसमें किसानों को उनकी उपज की ढुलाई में 50 फीसदी की सब्सिडी दी जाएगी.ट्रेन में कुल 20 कोच हैं. ट्रेन पहले फेरे में इंदौर से ही 18 कोच में 180 टन प्याज लेकर रवाना हुई है. दो कोच खाली रहेंगे. उनमें रास्ते के स्टेशनों से लोडिंग की जाएगी.ये किसान ट्रेन भोपाल के बैरागढ़, बीना, झांसी, कानपुर, लखनऊ, बाराबंकी, छपरा ग्रामीण, हाजीपुर, कटिहार, किशनगंज, न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन पर रुकेगी.
किसे मिला फायदा
आत्म निर्भर भारत अभियान के तहत किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने के लिए केंद्र सरकार की पहल पर रेलवे ने किसान रेल की शुरुआत की है. इसमें किसान अपना उत्पादन देश के दूसरे राज्यों या शहरों में बेहतर मूल्य पर बेच सकें. इसमें रेल विभाग ने भाड़े में 50 फीसदी की छूट दी है.लेकिन इस छूट का फायदा किसानों के नाम पर व्यापारी ले रहे हैं. ये बात अधिकारी भी स्वीकार कर रहे हैं 180 टन प्याज लेकर इंदौर से न्यू गुवाहाटी जा रही किसान रेल को हरी झंडी दिखाने पहुंचे पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल के डीआरएम विनीत गुप्ता का कहना है कि किसी ट्रेन को बुक करने के लिए कम से कम 150 टन माल की आवश्यक्ता होती है. कोई भी किसान अलग अलग अपने माल को बुक करने की स्थिति में फिलहाल नहीं है. इसलिए हमने दो बिचौलियों का उपयोग किया,जिन्होंने कई किसानों से माल खरीदा होगा.आगे चलकर किसानों के समूहों से बात करके उन्हें ही माल भेजने की सुविधा दी जाएगी.