इंदौर. दिल्ली (New Delhi) के इंडिया गेट (India Gate) की तर्ज पर बनाया गया इंदौर का इंडिया गेट पिछले तीन साल से उद्घाटन के इंतजार में है. तीन साल पहले 15 अगस्त 2018 को इसे जनता के लिए खोला जाना था, लेकिन 5 करोड़ रुपए खर्च होने के बाद भी इसका काम पूरा नहीं हो पाया. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh News) के इस आधे-अधूरे स्मारक की हालत फिलहाल खराब है.
युवाओं में देशभक्ति की भावना जगाने के लिए इंदौर में इंडिया गेट और शहीद स्मारक बनाने की परिकल्पना की गई थी. इसके लिए इंदौर विकास प्राधिकरण ने 5 करोड़ रुपए की योजना बनाई थी. इसमें दिल्ली जैसे इंडिया गेट समेत शहीदों की स्मृति का संग्रहालय और एक एम्फीथियेटर बनाया जाना था. इसके उद्घाटन की तारीख 15 अगस्त 2018 तय की गई. लेकिन, बीच में काम रुक गया. आज भी ये स्मारक उद्घाटन की बाट जोह रहा है.
रखरखाव न होने से हालत खराब
गौरतलब है कि पिछले तीन साल में इसका रखरखाव न होने से टाइल्स गिर रही हैं. यहां 100 शहीदों की फोटो और जीवनी लगाई जानी थी, लेकिन वो भी नहीं लग पाईं. ओपन थियेटर और गार्डन का काम भी अधूरा पड़ा है. लोगों का कहना है कि उनके टैक्स के पैसों को इस तरह बर्बाद किया जा रहा है. यदि ये स्मारक बनकर तैयार हो जाता तो कुछ टिकट लगाकर दर्शकों के लिए खोल दिया जाता. इससे नगर निगम की भी आमदनी होती और लोगों के टैक्स के पैसे का सदुपयोग भी होता. लेकिन सरकार के जिम्मेदार लोग ध्यान ही नहीं दे रहे.
देखकर निराश हो जाते हैं लोग
इंदौर की शान कहकर प्रचारित किए गए इस इंडिया गेट को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ती है. लोग दूर दराज के इलाकों से इसे देखने पहुंचते हैं. लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगती है. दूर से तो ये इंडिया गेट जैसा दिखता है लेकिन पास आने पर पता चलता है कि यहां न तो अमर जवान ज्योति बन पाई है, न शहीदों की गैलरी बनी है. आधे-अधूरे काम की वजह से किसी को अंदर भी जाने नहीं दिया जाता. निराश लोग बाहर से ही इसे देखकर लौट जाते हैं.
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