इंदौर में कोरोना पेशेंट्स के लिए एंबुलेंस के तौर पर इस्तेमाल होंगी OLA कैब

इंदौर में कोरोना पेशेंट्स के लिए एंबुलेंस के तौर पर इस्तेमाल होंगी OLA कैब
ओला एंबुलेंस चलाने वाले ड्रायवर्स को कलेक्टर मनीष सिंह ने सेनेटाइजर,मॉस्क,पीपीई किट के इस्तेमाल और मरीजों के साथ अच्छा व्यवहार करने के लिए कहा
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: April 17, 2020, 4:46 PM IST
इंदौर में कोरोना संक्रमण (corona virus) के फैलाव के बीच अब ओला कैब (ola cab) इमरजेंसी सेवा में लगायी गयी हैं. इनका इस्तेमाल एंबुलेंस की तरह होगा. पहले 50 कैब एंबुलेंस के तौर पर इस्तेमाल की जाएंगी. कलेक्टर मनीष सिंह ने इनके ड्राइवर्स से आज बात की और उन्होंन सावधानी और मदद के बारे में बताया. इन ओला कैब के ड्राइवर्स को कोरोना से बचाव के तमाम इंतज़ामों से लैस किया गया है.
पिछले दिनों इंदौर का एक वीडियो वायरल हुआ था और अखबारों में तस्वीर की चर्चा थी. एक शख्स की अस्पताल के गेट पर मौत हो गयी थी. एंबुलेंस न मिलने के कारण उसका परिवार उस बुज़ुर्ग शख्स पांडुराव को अपनी स्कूटी पर लेकर पहुंचा था. इसलिए अस्पताल पहुंचने में देर हो गयी और बुज़ुर्ग को समय पर इलाज ना मिलने के कारण उनकी मौत हो गयी.ये वीडियो सामने आने के बाद जिला प्रशासन की जमकर किरकिरी हुई थी. उसी घटना से सबक लेकर जिला प्रशासन ने अब ओला कैब को एम्बुलेंस के तौर पर इस्तेमाल करने का फैसला लिया है. इसके लिए पहले चरण में 50 ओला टैक्सी तैयार की गई हैं. इनके ड्रायवर्स को विशेष प्रशिक्षण, पीपीई किट और सेनेटाइजर दिया गया है. जिससे वे अपने आपको सुरक्षित रख सकें. और बेहिचक मरीजों को अस्पताल तक पहुंचा सकें.
ओला से ली हेल्प
इंदौर में कोरोना मरीजों की बढ़ती तादाद को देखते हुए जिला प्रशासन ओला कैब को एंबुलेंस इमरजेंसी सेवा के रूप में चलाएगा. इससे आकस्मिक घटनाओं के शिकार लोगों को तत्काल अस्पताल तक पहुंचाया जा सके. इसके लिए ओला कंपनी ने करीब 50 ओला कैब को एंबुलेंस के तौर पर चलाने की परमिशन दे दी है. इन कैब चालकों को कलेक्टर मनीष सिंह ने ट्रेनिंग दी. उन्होंने बताया कि ये इमरजेंसी सेवा के तौर पर इस्तेमाल की जाएंगी. इससे मरीजों को आने जाने में सहूलियत होगी. उन्होंने कहा शहर में अभी लगभग 100 एंबुलेंस चल रही हैं जो वर्तमान परिस्थितियों के हिसाब से कम हैं. इसलिए ओला की मदद ली जा रही है.ड्रायवर्स के साथ खाना खाएंगे कलेक्टर
ओला एंबुलेंस चलाने वाले ड्रायवर्स को कलेक्टर मनीष सिंह ने सेनेटाइजर,मॉस्क,पीपीई किट के इस्तेमाल और मरीजों के साथ अच्छा व्यवहार करने के लिए कहा. उन्होंने ओला टैक्सी ड्राइवरों से वादा किया कि वर्तमान परिस्थितियों से उबरने के बाद वो उनके साथ बैठकर खाना खाएंगे. ओला कैब ड्रायवर्स का कहना है ये उसी तरह की सेवा है जैसी टैक्सी सेवा रहती है. जिसे भी मेडिकल इमरजेंसी की जरूरत हो वो एप के जरिए कैब बुक कर सकता है. इससे इमरजेंसी सेवा के लिए परेशान लोगों को राहत जरूर मिलेगी.
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पिछले दिनों इंदौर का एक वीडियो वायरल हुआ था और अखबारों में तस्वीर की चर्चा थी. एक शख्स की अस्पताल के गेट पर मौत हो गयी थी. एंबुलेंस न मिलने के कारण उसका परिवार उस बुज़ुर्ग शख्स पांडुराव को अपनी स्कूटी पर लेकर पहुंचा था. इसलिए अस्पताल पहुंचने में देर हो गयी और बुज़ुर्ग को समय पर इलाज ना मिलने के कारण उनकी मौत हो गयी.ये वीडियो सामने आने के बाद जिला प्रशासन की जमकर किरकिरी हुई थी. उसी घटना से सबक लेकर जिला प्रशासन ने अब ओला कैब को एम्बुलेंस के तौर पर इस्तेमाल करने का फैसला लिया है. इसके लिए पहले चरण में 50 ओला टैक्सी तैयार की गई हैं. इनके ड्रायवर्स को विशेष प्रशिक्षण, पीपीई किट और सेनेटाइजर दिया गया है. जिससे वे अपने आपको सुरक्षित रख सकें. और बेहिचक मरीजों को अस्पताल तक पहुंचा सकें.
ओला से ली हेल्प
इंदौर में कोरोना मरीजों की बढ़ती तादाद को देखते हुए जिला प्रशासन ओला कैब को एंबुलेंस इमरजेंसी सेवा के रूप में चलाएगा. इससे आकस्मिक घटनाओं के शिकार लोगों को तत्काल अस्पताल तक पहुंचाया जा सके. इसके लिए ओला कंपनी ने करीब 50 ओला कैब को एंबुलेंस के तौर पर चलाने की परमिशन दे दी है. इन कैब चालकों को कलेक्टर मनीष सिंह ने ट्रेनिंग दी. उन्होंने बताया कि ये इमरजेंसी सेवा के तौर पर इस्तेमाल की जाएंगी. इससे मरीजों को आने जाने में सहूलियत होगी. उन्होंने कहा शहर में अभी लगभग 100 एंबुलेंस चल रही हैं जो वर्तमान परिस्थितियों के हिसाब से कम हैं. इसलिए ओला की मदद ली जा रही है.ड्रायवर्स के साथ खाना खाएंगे कलेक्टर

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