Indore panchayat chunav.विशाल मालवीय ने इंदौर जनपद के वार्ड 25 से जनपद सदस्य पद के लिए अपना नामांकन पत्र भरा है.
इंदौर. मध्य प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (Panchayat Chunav) होने जा रहे हैं. इंदौर में इस बार फिल्म स्वदेश की कहानी दोहरायी जा रही है. इस कहानी का मुख्य किरदार न्यूजीलैंड में करियर छोड़कर पंचायत चुनाव लड़ रहा है. एक युवा इंजीनियर अपने गांव की दशा और दिशा बदलने के स्वदेश में ही रहेगा और पंचायत चुनाव लड़ेगा.
मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव में हाई क्वालिफाइड युवा भी किस्मत अजमाते नजर आ रहे हैं. इन्हीं में से एक हैं इंदौर के युवा इंजीनियर विशाल मालवीय. वो न्यूजीलैंड जा रहे थे. लेकिन अपनी पढ़ाई और करियर को छोड़कर वो जनसेवा के लिए अब गांव में ही रहेंगे. उन्होंने अपने गांव की तस्वीर बदलने का संकल्प लिया है. विशाल इस बार पंचायत चुनाव लड़ेंगे. उन्होने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. वो पूर्व केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष राधाकिशन मालवीय के पोते हैं.
मेरा गांव-मेरा देश
बॉलीवुड की फ़िल्म स्वदेश की कहानी के किरदार की तरह ही इंदौर के युवा इंजीनियर विशाल मालवीय को भी देश प्रेम ने स्वदेश में ही रहने की प्रेरणा दी. उन्होंने विदेश में अपना करियर छोड़कर गांव और ग्रामीण परिवारजनों की सेवा के लिए सियासत की राह चुन ली है. इंदौर जिले के बिचौली हप्सी गांव के रहने वाले विशाल मालवीय बताते हैं कि इंदौर से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद वे न्यूजीलैंड के मैनकाऊ इंस्टीट्यूट में कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट का कोर्स करने जाने वाले थे. लेकिन जब उन्होने अपने गांव की हालत देखी तो मन दुखी हो गया. इसके बाद विशाल ने अपना फैसला बदला और राजनीति के जरिए गांव की दिशा और दशा बदलने का संकल्प लिया.
युवाओं को मिले मौका
विशाल मालवीय कहते हैं कि ग्रामीण लोगों को मैं शुरू से देखता आया हूं. उनकी समस्याओं से रूबरू रहा हूं. इसलिए मैंने सोचा यदि पढ़े लिखे युवा आगे नहीं आएंगे तो अपने गांव की कमियों को कैसे पूरा कर पाएंगे. गांव पिछड़े के पिछडे़ ही रह जाएंगे और शहर आगे बढ़ते जाएंगे. वे कहते हैं किसी भी देश की बैकबोन युवा होता है और जब तक यूथ सक्रिय नहीं होगा, यूथ पावरफुल पोजीशन पर नहीं होगा तब तक कोई देश तरक्की नहीं कर पाएगा. इंदौर जरूर मेट्रो सिटी की तरफ बढ़ रहा है. लेकिन शहर के आसपास के गांव के युवाओं को अच्छे मौके नहीं मिल पा रहे हैं. इसलिए सरकारी नौकरी से लेकर राजनीति में भी युवाओं को मौका मिलना चाहिए.
विशाल मालवीय -इंदौर जनपद – वार्ड 25
विशाल मालवीय ने इंदौर जनपद के वार्ड 25 से जनपद सदस्य पद के लिए अपना नामांकन पत्र भरा है. उनके पिता राजेन्द्र मालवीय का कहना है उनके बेटे के खून में ही जनसेवा है. इसलिए उन्होंने विदेश जाने के ऑफर को ठुकरा दिया. उनके मन में जज्बा है कि वे गांव में ही रहकर अपनी मेहनत से लोगों की सेवा करें. उनके काम आएं. एक अच्छे जनप्रतिनिधि के रूप में सामने आएं और गांव की तस्वीर बदल सकें. इसलिए पंचायत का चुनाव लड़ रहे हैं. गांव के मतदाता यदि मौका देंगे तो वे जरूर अच्छा काम करेंगे
हम साथ साथ हैं
गांव के लोगों का कहना है उन्होंने भी सुना है कि विशाल विदेश में पढ़ाई के लिए जा रहे थे. लेकिन उन्होंने अपना करियर छोड़कर गांव की सेवा का संकल्प लिया है. ये हमारे जैसे सैकड़ों किसानों-मजदूरों के लिए बहुत अच्छी बात है. वे सिविल इंजीनियर भी हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में जो विकास होता है वो कंस्ट्रक्शन से जुडा़ होता है. चाहें स्कूल का निर्माण हो, रोड बनाना हो, आंगनबाडी़ का निर्माण हो. इन सबमें वो अच्छा काम करेंगे. गांव का विकास हो इसलिए हम सब मिलकर उनका साथ देंगे.
दादा है प्रेरणास्रोत
विशाल के दादा स्वर्गीय राधाकिशन मालवीय केन्द्रीय मंत्री और मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं. वे अपने दादा को ही अपना आदर्श मानते हैं और उनके पदचिन्हों पर चलकर जनसेवा के काम करना चाहते हैं.
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