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झाबुआ कलेक्टर की इनसाइड स्टोरी : पहले आयुर्वेद डॉक्टरों के क्लीनिक सील किए, फिर खोलने के लिए मांगी रिश्वत

कार्रवाई इतनी तेज हुई कि इंटेलीजेंस के अफसरों को एसपी के वायरल ऑडियो की भनक तक नहीं लगी. (फाइल फोटो:  तत्कालीन झाबुआ कलेक्टर सोमेश मिश्रा)

कार्रवाई इतनी तेज हुई कि इंटेलीजेंस के अफसरों को एसपी के वायरल ऑडियो की भनक तक नहीं लगी. (फाइल फोटो: तत्कालीन झाबुआ कलेक्टर सोमेश मिश्रा)

महज 26 घंटे के अंतराल पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने झाबुआ के एसपी और कलेक्टर हटा दिए गए. अचानक हुए एक्शन से नौकरश ...अधिक पढ़ें

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हाइलाइट्स

डॉक्टरों ने सीएम को बताया कि उनकी क्लीनिक सील हो गई हैं और इन्हें खोलने के लिए पैसे मांगे जा रहे हैं.
सीएम ने इस मामले में संभागायुक्त पवन शर्मा से पूछा तो उन्होंने गेंद कलेक्टर के पाले में डाल दी.
कलेक्टर ने बहाना बनाने शुरू किए तो शिवराज नाराज हो गए. यही उनके तबादले का कारण बना

भोपाल. सोमवार का दिन, तारीख 19 सितंबर. मुख्यमंत्री निवास पर सुबह की ब्रीफिंग के लिए इंटेलीजेंस के अफसर पहुंचे हुए हैं. तभी खबर आती है कि झाबुआ के एसपी अरविंद तिवारी हटा दिए गए हैं. वजह एक ऑडियो को बताया गया. लेकिन तब तक राजधानी में किसी के पास यह ऑडियो नहीं पहुंचा था.

इंटेलीजेंस के अफसर भी हैरान हो गए कि उन्हें इसकी भनक क्यों नहीं लगी. खैर, मीडिया ने जब खोजबीन शुरू की तो आधे घंटे बाद ऑडियो वायरल हो गया. अब एसपी अरविंद तिवारी को सीधे सस्पेंड कर दिया गया. इस घटना को महज 26 घंटे ही बीते थे कि कलेक्टर सोमेश मिश्रा भी नाप दिए गए. वजह पता की गयी तो बताया गया कि उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. न्यूज18 ने जब इसकी पड़ताल की तो नई कहानी सामने आई.

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हैलीपेड पर सीएम से मिले बीएएमएस डॉक्टर और तय हो गया कलेक्टर का हटना
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का सोमवार को झाबुआ में चुनावी दौरा था. ऐसे में सुबह जब झाबुआ के स्थानीय भाजपा नेताओं ने एसपी के वायरल ऑडियो के बारे में बताया तो उन्होंने एसपी को सस्पेंड कर दिया. फिर जब वे झाबुआ पहुंचे तो यहां हैलीपेड पर आम जनता भी उनके स्वागत के लिए आई. यहीं पर बीएएमएस यानी आयुर्वेद के डॉक्टर भी पहुंचे. उन्हें सीएम से मिलने नहीं दिया जा रहा था, तभी सीएम की नजर उन पर पड़ गई. सीएम उनसे मुखातिब हुए. डॉक्टरों ने बताया कि उनकी क्लीनिक को सील कर दिया गया और एफआईआर की जा रही है. यही नहीं, अब फिर से क्लीनिक शुरू करने के लिए उनसे पैसे मांगे जा रहे हैं. पास ही खड़े कलेक्टर बगले झांकने लगे. सीएम ने पूछा कि कौन पैसे मांग रहे हैं तो डॉक्टर भी कलेक्टर को पास खड़ा देखकर चुप हो गए. दोबारा पूछने पर डॉक्टरों ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी पैसे मांग रहे है. सीएम ने उन्हें क्लीनिक शुरू करवाने का आश्वासन दिया.

बाद में गेस्ट हाउस में सीएम ने संभागायुक्त पवन शर्मा से पूछा तो उन्होंने गेंद कलेक्टर के पाले में डाल दी. कलेक्टर ने कहा कि डॉक्टर दूसरी पैथी से इलाज कर रहे थे, इसलिए ऐसा किया. सीएम ने कहा कि बीएएमएस को लाइफ सेविंग ड्रग देने की इजाजत है तो फिर क्यों रोका और पैसे कैसे मांगे गए. कलेक्टर जवाब नहीं दे पाए. वहीं, सीएम इस बात पर हैरान हो गए कि दौरे में इतने सारे शिकायती आवेदन क्यों मिले? दौरे से लौटकर शिवराज ने मंगलवार सुबह कलेक्टर को हटाने का फरमान सुना दिया.

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आखिर इतने सख्त क्यों हुए शिवराज
प्रशासनिक गलियारों यानी मंत्रालय में चर्चा है कि शिवराज चाहते तो कलेक्टर को रूटीन ट्रांसफर से हटा सकते थे. लेकिन इससे वह संदेश नहीं जाता जो अब गया. दरअसल, झाबुआ आदिवासी बेल्ट है और भाजपा सरकार का पूरा फोकस इस वक्त आदिवासियों पर है. ऐसा माना जा रहा है कि 2023 विधानसभा चुनाव की लड़ाई आदिवासियों के वोट पर ही जीती जाएगी. लेकिन कलेक्टर और एसपी की भ्रष्टाचार की कहानियों से झाबुआ में भाजपा के इस जनाधार के खिसकने का खतरा पैदा गया था.

वहीं, शिवराज पर यह आरोप भी लगते रहे हैं कि उनके वक्त में नौकरशाही हावी रहती है. शिवराज अपने इस फैसले से नौकरशाहों को लेकर अपनी छवि भी बदल रहे हैं. इसके अलावा, शिवराज का यह फैसला इसलिए भी हैरानी भरा रहा क्योंकि मिश्रा भाजपा उत्तराखंड के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के दामाद हैं.

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यह भी रहीं वजहें
छात्रवृत्ति को नहीं मिलने से परेशान छात्र अगस्त में 32 किमी चलकर पैदल झाबुआ कलेक्टर से मिलने पहुंचे थे लेकिन कलेक्टर छात्रों से नहीं मिले तक नहीं, न ही किसी ने रास्ते में छात्रों को समझाने की कोशिश की. नौ महीने पहले कॉलेज के छात्र अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन देने पहुंचे थे तब भी कलेक्टर छात्रों से मिलने नहीं पहुंचे. इसी भीड़ में मौजूद लड़की निर्मला ने कलेक्टर को चैलेंज किया था कि आदिवासी छात्रों की मदद नहीं कर सकते तो हमको कलेक्टर बना दो. देश भर में लड़की का वीडियो वायरल हुआ था. सीएम मार्च में भगौरिया उत्सव में झाबुआ के थांदला पहुंचे थे. तब भी सीएम से स्कूलों में घटिया खेल सामग्री बांटने की शिकायत की गई थी. ऐसी ही कई शिकायतें लगातर वल्लभ भवन पहुंच रही थीं.

Tags: BJP MP politics, Chief Minister Shivraj Singh Chauhan, Madhya Pradesh government, Madhya Pradesh News Updates, Shivraj government

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