जबलपुर. रेप के आरोपी ABVP नेता शुभांग गोटिया के लिए “भैया जी इज बैक” भारी पड़ गया. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की संयुक्त पीठ ने कड़ा रुख अपनाते हुए उसकी जमानत रद्द कर दी है और एक हफ्ते में आत्म समर्पण करने का आदेश दिया है. गोटिया हाल ही में जमानत पर रिहा होकर लौटा था.
ABVP नेता और पूर्व नगर महामंत्री शुभांग गोटिया रेप के मामले में आरोपी है. उसके खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने न केवल जमानत रद्द कर दी बल्कि एक सप्ताह के भीतर सरेंडर करने का आदेश दिया. एबीवीपी का पूर्व नगर महामंत्री शुभांग गोंटिया रेप के मामले में आरोपी है. वो बीते दिनों जमानत पर रिहा होकर जेल से छूटा था. नर्मदा जयंती पर समर्थकों और उसने शहर भर में बैनर पोस्टर लगवाए थे. उसे फिर सोशल मीडिया और व्हाट्सएप ग्रुप पर भी वायरल किया गया. उन बैनर पोस्टर की क्लिप को पोस्ट के जरिए हैशटैग “भैया जी इज बैक“ नाम से वायरल किया गया.
सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी
सोशल मीडिया की तस्वीरें सामने आने के बाद पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट में आरोपी की जमानत निरस्त करने की याचिका दायर की थी. उस पर प्राथमिक सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एन वी रमणा और जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने एमपी सरकार सहित आरोपी से जवाब तलब किया था. सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी शुभांग गोटिया से नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों ना आप की जमानत निरस्त कर दी जाए. और यह भैया जी इज बैक क्या है. क्या इस प्रकार से आप जश्न मना रहे हैं.सीजेआई ने आरोपी के वकील से भी इस मामले पर पूछा था कि आखिर भैया जी इज बैक क्या है.
ये था मसला
28 साल के आरोपी एबीवीपी नेता शुभांग गोटिया की दोस्ती पीड़िता से 2018 में कॉलेज में पढ़ाई के दौरान हुई थी. दोस्ती के बाद दोनों के बीच संबंध प्यार के हो गए. पीड़िता ने आरोप लगाए कि शुभांग उसे कई जगह घुमाने ले गया और उसकी मांग में सिंदूर भरते हुए कहा कि आज से वह उसकी पत्नी है. इसके बाद कई बार फिजिकल रिलेशन भी बनाए गए. जब पीड़िता ने आरोपी से शादी करने के लिए कहा तो वो मुकर गया. पीड़िता ने याचिका के माध्यम से यह भी आरोप लगाए हैं कि जब वह गर्भवती हुई तो परिवार वालों के साथ मिलकर उसका जबरन अबॉर्शन करा दिया गया. पीड़ित छात्रा ने जून 2021 में जबलपुर के महिला थाने में शुभांग गोटिया के खिलाफ रेप का मामला दर्ज कराया था. शुभांग फरार हो गया था. उस पर 5000 का इनाम घोषित किया गया. बाद में उसने महिला थाने पहुंचकर सरेंडर कर दिया. हालांकि 2021 में जबलपुर हाईकोर्ट से शुभांग को जमानत मिल गई थी
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