जबलपुर. इस वक्त की सबसे बड़ी खबर. MPPSC की 2019 की प्रारम्भिक परीक्षा का परिणाम और मुख्य परीक्षा रद्द कर दी गयी हैं. जबलपुर हाईकोर्ट ने सरकार और MPPSC को आदेश दिया है कि वो 2019 की प्रारंभिक परीक्षा परिणामों को पुराने नियमों के तहत फिर से जारी करे और उसके बाद मुख्य परीक्षा आयोजित की जाएगी. हाईकोर्ट ने आज 2020 के आरक्षण के संशोधित अधिनियम को भी असंवैधानिक घोषित किया है. 2019 में कुल 330 पदों के लिए परीक्षा हुई थी. इनमें SDM , DSP जैसे प्रमुख पद भी शामिल थे. आरक्षण नियमों में विवाद के बीच कोर्ट ने ये बड़ा फैसला दिया है.
MPPSC 2019 की प्रारम्भिक और मुख्य परीक्षा के रिजल्ट को लेकर विवाद था. आरोप था कि विवादित नियमों के तहत PSC ने परिणाम जारी किये थे. आरक्षित वर्ग के प्रतिभावान छात्रों को सामान्य श्रेणी में शामिल न करने का नियम बना था. जबलपुर HC में PSC और सरकार के इस फ़ैसले को चुनौती दी गई थी. सरकार 17 फ़रवरी 2020 को संशोधित नियम लायी थी.
आरक्षण को चुनौती- आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा 4(4) के संशोधित अधिनियम को HC में चुनौती दी गयी थी. सरकार ने HC में जवाब देते हुए विवादित नियमों को वापस लेने की बात कही थी. इसके बावजूद 31 दिसम्बर 2021 को PSC 2019 मैंस के परिणाम विवादित नियमों के तहत जारी कर दिए गए थे. HC ने पुराने नियमों के तहत पुनः रिज़ल्ट जारी करने का आदेश दिया है.
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आरक्षण का विवादित अधिनियम असंवैधानिक घोषित
रिजर्वेशन को लेकर कई याचिकाएं अभ्यर्थियों ने दायर की थीं. इसमें उन्होंने विवादित नियमों के तहत जारी किए गए एमपीपीएससी 2019 के प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा परिणामों को चुनौती दी थी. सरकार ने आरक्षण अधिनियम में संशोधन करते हुए जनवरी 2020 में एक नया अधिनियम बनाया था. उसके मुताबिक आरक्षित श्रेणी के मेरिटोरियस याने प्रतिभावान छात्र छात्राओं को अनारक्षित श्रेणी की मेरिट सूची में शामिल नहीं किया जाना था. याचिकाकर्ताओं ने इस अधिनियम को अवैधानिक घोषित करने और परीक्षा परिणाम निरस्त करने की मांग की थी.
विवादित नियम के तहत रिजल्ट
आरक्षण के विवादित अधिनियम के खिलाफ जबलपुर हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं पर सुनवाई चल रही थी. इसमें दिसंबर 2021 में सरकार ने खुद विवादित अधिनियम को वापस लेने की बात कही थी. बावजूद इसके 31 दिसंबर 2021 को जारी हुए एमपीपीएससी ने 2019 की मुख्य परीक्षा का परिणाम उन्हीं विवादित नियमों के तहत जारी कर दिया. उसके बाद फिर से 60 छात्राओं ने हाई कोर्ट में दस्तक दी और मुख्य परीक्षा परिणामों को भी चुनौती दी थी. बीते दिनों सभी याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने लंबी सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित कर लिया था जो आज जारी किया गया है.
सरकार और MPPSC को निर्देश
हाईकोर्ट ने सरकार और MPPSC को निर्देश दिए हैं कि वे 2019 की प्रारंभिक परीक्षा परिणामों को पुराने नियमों के तहत फिर से जारी करे और उसके बाद मुख्य परीक्षा आयोजित की जाएगी. हाईकोर्ट ने आज 2020 के आरक्षण के संशोधित अधिनियम को भी असंवैधानिक घोषित किया है.
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