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नयी सरकार को ज़ोर से लग सकता है पुरानी बिजली का नया झटका

बिजली कंपनी

बिजली कंपनी

नवंबर माह तक के आंकड़े बताते हैं कि करीब 2892 करोड़ से ज्यादा पैसा इन तीनों विद्युत वितरण कंपनी को सरकार से लेना हैं. लेक ...अधिक पढ़ें

    मध्य प्रदेश की नव निर्वाचित कमलनाथ सरकार को बहुत जल्द बिजली का झटका लग सकता है. प्रदेश की तीन विद्युत वितरण कंपनियों की हज़ारों करोड़ रुपए की बकाया सब्सिडी का पैसा सरकार को देना है. ये उसी योजना की सब्सिडी राशि है जो पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री सरल बिजली बिल और बिजली बिल बकाया माफी योजना के तहत लागू की थी. शिवराज सरकार तो चली गई लेकिन सब्सिडी राशि का बड़ा भारी बोझ कमलनाथ सरकार पर आ टूटा है.

    15 साल के वनवास के बाद सत्ता मे आई कांग्रेस सरकार पर 1.81 लाख करोड़ से अधिक का कर्ज़ और अपनी बड़ी घोषणाओं पर अमल का दबाव है. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शपथ लेने के चंद घंटे बाद ही किसानों के कर्ज माफी की फाइल पर दस्तखत भी कर दिए. लेकिन पैसा आएगा कहां से ये सबसे बड़ा सवाल है. बहराहल इसी बीच एक नई देनदारी भी सरकार पर मुंह बाए खड़ी है.

    प्रदेश मे बढ़े हुए बिजली बिलों ने गरीब तबके के लोगों के बीच हाय तौबा मचा दी थी. ऐसे मे शिवराज सरकार ने आनन फानन में मुख्यमंत्री सरल बिजली बिल एवं बकाया बिजली बिल माफी योजना लागू कर दी थी.
    ये है योजना 

    - गरीब परिवार को बकाया बिजली बिल पूर्ण माफ
    - हर माह सिर्फ 200 रुपए बिल
    - शेष सब्सिडी सरकार देगी.

    योजना लागू हो गई. लाखों लोगों ने रजिस्ट्रेशन भी करा लिया और उन्हें बिजली बिल माफी के सर्टिफिकेट भी दे दिए गए.लेकिन सरकार ने बिना एडवांस राशि दिए ही योजना के नाम पर इतिश्री कर दी. विद्युत कंपनियों ने भी इस पर कोई ऐतराज़ नहीं जताया. लेकिन अब जो आंकड़ा सामने आया है उसने बिजली कंपनियों के बल्कि सरकार के भी होश उड़ा दिए हैं.

    आंकड़े बताते हैं कि

    - पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को सरल बिजली बिल योजना के तहत 194 करोड़ (नवंबर माह तक) की सब्सिडी सरकार से लेना है.
    - मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के 223.06 करोड़ (नवंबर माह तक)
    - पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के 273.65 करोड़ की सब्सिडी सरकार पर बकाया है.
    बकाया बिजली बिल माफी योजना के तहत
    - पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को 517.08 करोड़ (नवंबर माह तक) की सब्सिडी राशि सरकार से लेना है.
    - मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को 1184.08 करोड़
    - पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के 500.94 करोड़ रुपए सरकार पर बकाया है.

    नवंबर माह तक के आंकड़े बताते हैं कि करीब 2892 करोड़ से ज्यादा पैसा इन तीनों विद्युत वितरण कंपनी को सरकार से लेना हैं. लेकिन सरकार ने अब तक सिर्फ 130 करोड़ रुपए की किश्त ही दी है. हर महीने ये आंकड़ा बढ़ता जाएगा.

    नयी सरकार को बिजली का झटका लगने पर सियासत भी तेज़ हो रही है. भाजपा का कहना है जब किसानों का हज़ारों करोड़ रुपए कांग्रेस माफ कर सकती है तो ये राशि तो उससे कम है.

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    Tags: Jabalpur news, Kamal nath, Madhya pradesh news, Saubhagya - Pradhan Mantri Sahaj Bijli Har Ghar Yojana, Shivraj singh chauhan

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